ममता की बौखलाहट सत्ता खोने का डर तो नहीं

जैसे-जैसे बंगाल विधान सभा चुनाव की तारीख़ नज़दीक आती जा रही है। बंगाल की राजनीति में उथल पुथल मची हुई है ममता और TMC के कार्यकर्ताओं को सत्ता खोने का डर सताने लगा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि वो इस बार नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी. भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी राजनीतिक जंग को लेकर ममता के इस ऐलान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इससे पहले ममता बनर्जी भवानीपुर से चुनाव लड़ती आई हैं.
पश्चिम बंगाल में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है और राजनीतिक जंग जारी है. सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में चुनावी सभा की, यहां उनके निशाने पर भारतीय जनता पार्टी रही.
ममता बनर्जी की ओर से नंदीग्राम में एक चुनावी सभा में ही इसी का ऐलान किया गया और कहा कि मैं चाहती हूं इस बार यहां से चुनाव लड़ूं. ममता ने मंच पर ही राज्य यूनिट की अध्यक्ष से ये अपील की और तुरंत ही वहां फैसला हो गया. ममता बनर्जी ने कहा कि इस बार भी बंगाल में टीएमसी की सरकार बनेगी और टीएमसी को 200 से अधिक सीटें मिलेंगी.
मजे की बात ममता अपनी राजनीतिक साख बचने के लिए हिंदुत्व का चोला पहनने लिये भी तैय़ार दिख रही है
हमेशा से सफेद टोपी और मजारो पर चादर चढ़ाने वाली ममता बानो बीते 25 तारीख को तुलसी पूजा के दिन तुलसी जी की पूजा करते और दीपक जलाते एक तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड करती है ।
ताकि झूठा हिंदुत्व का ढोंग रच सके हिन्दू वोटों को अपनी झोली में डाल सके ।
झूठा ही सही ममता दीदी आरएसएस और बीजेपी की बढती लोकप्रियता को मन ही मन मान तो ली ।
लेकिन सवाल ये है, क्या ममता का हिंदुत्व के लिये झूठा प्रेम और सम्मान बंगाल के हिन्दुओ पर बीती जुल्म और उनके रोते दिल के घाव को भर पायेगा क्या हिन्दू भूल जायेगे उनके ऊपर बीति बर्बरता और अपराध की कहानी और दस्ता को
बीते कुछ दिन पहले 24 परगना की घटना है। जहाँ उत्तर 24 परगना के हलिशहर में शनिवार को बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर TMC के कार्यकर्ताओं ने हमला किया है, जिसमें एक की मौत हो गई, जबकि 6 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घाय़ल हो गय़े.
बीजेपी की ओर से ट्वीट किया गया कि एक और दिन, एक और हत्या. हलिशहर में कार्यकर्ता की टीएमसी के गुंडों द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई, जबकि 6 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को कल्याणी के जेएन मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. सैकत भवाल पर हमला तब किया गया जब वो पार्टी के लिए डोर टू डोर कैंपेन कर रहे थे.
एक और घटना जहाँ तस्वीर साफ साफ दिखी किस तरीके से शासन के साथ साथ प्रशासन भी हिन्दुओ और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के ऊपर जुर्म ढाहने से नहीं कतराती है
मामला नॉर्थ 24 परगना जिले के खारदाह पुलिस स्टेशन का है. पुलिस ने कहा कि कुछ BJP कार्यकर्ताओं ने पार्टी एक्टिविस्ट बुलेट रॉय की गिरफ्तारी को लेकर बीटी रोड को ब्लॉक कर दिया था. वे हंगामा करने लगे, जिसके बाद RAF को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा.
बीते दिसंबर में 9 और 10 तारीख को बीजेपी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा बंगाल चुनाव की रैली को संबोधित करके लौट रहे थे ,उसी दौरान TMC कार्यकर्ताओं द्वारा उनके काफ़िले पर हमला कर दिया गया ,जिसमे जेपी नड्डा बाल बाल बचे.
ये तो कुछ दिन पहले की घटनाओ में से कुछ घटना मात्र है पूरी घटना का जिक्र करने लगे तो पेज कम पड़ जाये , सवाल ये है क्या तंव हुए ममता सरकार पूरी तरह से जान चुकी है अब हमारे दिन ख़त्म हो चुके है अब वो दिन दूर नहीं जब हमारी सरकार विपक्ष में बैठेगी
सरकार की बौखलाहट से तो साफ जाहिर होता सरकार को सत्ता खोने का डर सताने लगा है। वो जान चुकी है जनता ये भली भांति समझ चुकी है की ममता सरकार मुस्लिम समुदाय का तुस्टीकरण करने क लिये हिन्दुओ के ऊपर बहुत जुल्म ढाही है। दिनदहाड़े होती हिन्दुओ की हत्या और उनके बहन बेटियों की लुटती अस्मत चीख के बोलती है बंगाल में हिन्दू महफूज नहीं है ।
सबकी निगाह टिकी है आने वाले विधान सभा चुनाव पर बड़ा सवाल ये है क्या TMC अपनी जाती राजनितिक साख को बचा पायेगी । या फिर बड़ा बदलाव के रूप में बीजेपी को ताज मिलेगा ,ये तो वक्त तय करेगा जनता किसको चुनती और किसको सिरे से नकार देती है ।
लेकिन जो रुझान दिख रहे उससे तो साफ जाहिर हो रहा बीजेपी कुछ बड़ा करने वाली है ऐसे में अगर एक बार बीजेपी सत्ता में आती है तो तमस का पत्ता जड़ से साफ होना तय है
गौर करने वाली बात बंगाल जो कभी हिंदु बहुल राज्य हुआ करता था अब वहाँ मुस्लिम वामपंथी गठजोड़ पूरी तरह से सक्रिय है आकड़े बताते है
1951 की जनगणना में प. बंगाल की कुल जनसंख्या 2.63 करोड़ में मुसलमानों की आबादी लगभग 50 लाख थी, जो 2011 की जनगणना में बढ़कर 2.50 करोड़ हो गई। प. बंगाल में 2011 में हिन्दुओं की 10.8 प्रतिशत दशकीय वृद्धि दर की तुलना में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर दोगुनी यानी 21.8 प्रतिशत है।
2021 की जनगणना के बाद आकड़े कुछ और होंगे
बड़ा सवाल गुश्पैठिये रोहिंगिया मुसलमानों को पनाह देने का है साउथ बंगाल में रोहिंगिया अपनी एक बस्ती बना का रह रहे केंद्र सरकार 2018 से ही कई बार कह चुकी है इनकी पहचान कर के देश से बाहर निकाला जाये लेकिन ममता के कानों पर जू तक रेंगने वाला नहीं है क्योकि ममता के जो वोट बैंक है उनमे रोहिंगिया भी है जहाँ से TMC को शत प्रतिशत वोट मिलते है बात पुरे देश में रोहिंगिया की करे तो देश में कुल इनकी आबादी 2 करोड़ तक है वही बंगाल में करीब करीब ५० लाख से ज्यादा इनकी आबादी दर्ज की गई है
ममता दीदी का रोहिगीया घुशपैठियों के लिये प्रेम कोई ताज्जुक की बात नहीं है देश के समवर्ती सूचि पर अधिकार और हिस्सेदारी तो बराबर की है ,अन्य राज्यों की तरह बाकि वो देश के लिये संक्रमण है उससे ममता दीदी को क्या फर्क पड़ने वाला है
ममता दीदी हमेशा खुले मंच से ऐलान करती हैं ,खुद को ग़रीबों किसानों का मसीहा बताती है ,लेकिन गौर करने वाली बात ममता दीदी आज तक बंगाल के किसानों की सूचि केंद्र सरकार के पास नहीं भेजी है,जिससे करीब 72लाख किसान आज भी केंद्र सरकार की योजना किसान सम्मान निधि से वंचित है
सत्ता के लिये बंगाल की जनता खाश कर हिन्दुओ के साथ छलावा और अपनी राजनीतिक द्वन्द में किसानो के हितो को दरकिनार कर के अपनी सत्ता की साख को बचा पाना दीदी के लिये एक बड़ी चुनौती होगी
आने वाला वक्त और बंगाल के मतदाता तय करेंगे सत्ता पर कौन काबिज होगा ,लेकिन रुझान जो दिख रहे उससे तो साफ है बंगाल में कुछ बड़ा बदलाव जरूर देखने को मिलेगा.
