पेंड्रा पहुंचकर बचपन की पुरानी यादों में खो गए मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रदीप शर्मा
आया है मुझे फिर याद वो जालिम गुजरा जमाना बचपन का
पुराने स्विमिंग पूल में लगाई डुबकियां, सहपाठियों से पुरानी यादों को साझा किया
पेंड्रा में बचपन गुजरा है प्रदीप शर्मा का
अखिलेश नामदेव :- गौरेला पेंड्रा मरवाही

व्यक्ति चाहे जितने भी बड़े पद में पहुंच जाए चाहे जितनी ऊंचाई पर पहुंच जाए वह अपने गुजरे बचपन के दिनों को कभी भूल नहीं पाता। गुजरा समय अच्छा बीता या बुरा इससे फर्क नहीं पड़ता, बचपन की यादें कभी भी उसका पीछा नहीं छोड़ती। ऐसा ही कुछ होता है प्रदीप शर्मा के साथ जो वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार हैं । वे जब भी पेंड्रा आते हैं अपने राजकीय कामकाज से समय निकालकर पुराने दिनों को जीने की कोशिश करते हैं।

दरअसल मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार प्रदीप शर्मा का बचपन पेंड्रा में बीता है। उनके पिता 1970 से लगभग 1985 तक के दशक में पेंड्रा में ही शासकीय सेवा में थे और पेंड्रा के विद्यानगर कॉलोनी में रहते थे तब प्रदीप शर्मा बिल्कुल छोटे थे और उनके प्राथमिक तथा पूर्व माध्यमिक तथा हाई स्कूल की शिक्षा विद्यानगर में ही हुई थी। यह वह दौर था जब पेंड्रा एक छोटा सा कस्बा हुआ करता था। वही प्रदीप शर्मा जब मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं परंतु पेंड्रा के अपने उन सहपाठियों के लिए बिल्कुल वैसे हैं जैसे बचपन के दिनों में हुआ करते थे। 6 अक्टूबर को उनका पेंड्रा आना हुआ।

उनके साथ पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव भी थे परंतु प्रदीप शर्मा तो जैसे पेंड्रा में अपने पुराने सहपाठियों से मिलने आए थे और उन्होंने अपना पूरा दिन उन स्थानों पर गुजारा जहां उनकी बचपन की यादें जुड़ी हुई है। सुबह से लेकर देर शाम तक वह अपने पुराने सहपाठियों के साथ पेंड्रा विद्यानगर के अलावा निजी लोगों से मिलने में बिताया। जिन लोगों से मिले अत्यंत आत्मिक भाव से लिए पुराने दिनों को याद करते हुए मिले। फिर चाहे केदारी और कुबेर बगीचा से आम ,बिही और गुलाब जामुन दीवार फांदकर कर तोड़ना तथा बागवान के दौड़ाने पर भागना । बचपन की यह पुरानी यादें उन्हें ऐसे याद है जैसे कल की ही बात हो

उन दिनो को याद करते हुए वे विद्यानगर स्थित उसे पुराने स्विमिंग पूल में भी गए जिसका निर्माण शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक शाला पेंड्रा के पुराने छात्रों ने किया था और जिसका जिर्णोद्धार नगर पंचायत पेंड्रा ने आधुनिक रूप से कराया है। अपने पुराने स्विमिंग पूल को देखकर वे अपने को रोक नहीं सके तथा बचपन के पुराने दोनों को तरोताजा करते हुए स्विमिंग पूल में अपने पुराने सहपाठियों को बुलाकर देर तक समय बिताते हुए डुबकियां लगाई।


इसके बाद प्रदीप शर्मा नवनिर्मित माधवराव सप्रे प्रेस क्लब भवन गए और वहां लाइब्रेरी में आने वाले छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। श्री शर्मा हाल ही में दिवंगत हुए राकेश शर्मा के शोक संतृप्त परिवार से भी मुलाकात की और राकेश शर्मा के आसमयिक निधन पर गहरा शोक प्रकट किया उनके बच्चों से मिलें और उन्हें सांत्वना दी ।


इसके बाद वहां से वह पुराने गढ़ी स्थित श्री काली मंदिर भी दर्शन करने गए , गड़ी में स्थित पुरानी यादों को ताजा करते हुए वहां के परिसर का भी मुआयना किया, घड़ी परिसर में स्थित भगवन ब्रह्मा की दुर्लभ मूर्ति का भी अवलोकन करते हुए उसके विशेषता के संबंध में भी बताया कि यह कितनी दुर्लभ एवं पुरानी मूर्ति है,

श्री प्रदीप शर्मा अपने इस व्यस्ततम दौरे पर अपने शिक्षकों को भी याद किया वह श्री एनपी गुप्ता श्री शिव नारायण सर के घर गए उन्हें साल एवं माला से सम्मानित किया , तथा उसके बाद अपने निजी मित्रों के घर में भी जाकर उनसे मुलाकात की। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार होने के बावजूद प्रदीप शर्मा तमाम तरह के प्रशासनिक तामझाम से दूर अपने सहपाठियों के साथ पूरा दिन अत्यंत आत्मिक भाव से बिताया।

जिस तरह वह अपने सहपाठियों से मिले उसे देखकर तो यही लगता है कि व्यक्ति चाहे जितना भी बड़ा हो जाए वह अपने बचपन के दिनों को भूल नहीं सकता। यादें कभी भी किसी का पीछा नहीं छोड़ती यह बात और है कि व्यक्ति पद प्रतिष्ठा पाने के बादभले ही भूलने का नाटक करे परंतु प्रदीप शर्मा उन लोगों में से नहीं है पुराने लोगों और पुरानी बातों को भूल जाए।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में जब प्रदीप शर्मा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ अरपा महोत्सव के समापन अवसर पर भी आए थे तब भी उन्होंने मंच पर से ही पेंड्रा में अपने गुज़रे दिनों को याद करते हुए भाव विभोर हो गए थे। पेंड्रा स्थित अरपा उद्गम को संरक्षित करने के लिए भी प्रदीप शर्मा विशेष रूप से प्रयासरत है।
