महिला छात्रावास अधीक्षकों से बीईओ पेंड्रा द्वारा पैसे के लिए प्रताड़ित करने का आरोप झूठा निकला
महिला छात्रावास अधीक्षकों की शिकायत पर कलेक्टर ने की जांच
शिकायतकर्ता महिला अधीक्षका को झूठे आरोप करने के कारण छात्रावास के प्रभार से मुक्त कर विद्यालय के लिए कार्य मुक्त किया गया
गौरेला पेंड्रा मरवाही
जिले के पेंड्रा विकासखंड के लाटा स्थित एकलव्य विद्यालय की महिला छात्रावास अधीक्षका एवं अन्य छात्रावास की अधीक्षकों द्वारा पेंड्रा बीईओ रविंद्र नाथ चंद्रा पर पर प्रताड़ित करने पैसे मांगने इत्यादि का आरोप झूठा निकला है। कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही द्वारा की गई जांच में अन्य महिला छात्रावास अधीक्षकाओं द्वारा जांच के दौरान स्वीकार किया गया कि उन्होंने एकलव्य विद्यालय लाटा की महिला छात्रावास अधीक्षक ललिता पुलस्त के कहने पर पेंड्रा बीईओ रविंद्र नाथ चंद्रा के खिलाफ तैयार किए गए कागज में हस्ताक्षर कर दिए थे।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पेंड्रा विकासखंड के विभिन्न छात्रावास की महिला छात्रावास अधीक्षकों ने कलेक्टर गौरेला पेंड्रा मरवाही सहित राज्य निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ एवं महिला आयोग छत्तीसगढ़ को बीईओ के खिलाफ शिकायत की गई थी कि उनके द्वारा महिला कर्मचारीयों को मानसिक एवं आर्थिक रूप से प्रताणित किया जा रहा है।
प्रभारी महिला अधीक्षको को आफिस खुला है करके मोबाइल नंबर 7745989734 से बुलाया जाता है और विधायक को चुनावी चंदा देना है बोल के हम प्रभारी महिला अधीक्षको को 50000.00 (पचास हजार रूपए) की मांग किया जा रहा है तथा में कहते हैं कि मेरे अनुसार काम करोगे तो अधीक्षक के रूप में काम करते रहोगे। उक्त वाक्य का अर्थ हमको समक्ष में नहीं आती है। मासिक उपस्थिति पत्रक जमा करने पर वापिस किया जाता है। बार-बार आफिस रात 8 बजे बुलाकर धमकी दिया जाता है, और कहता है कि मैं यहां के स्थानीय निवासी हूँ मेरा क्या कर लोगे एवं राशि की मांग करते हुए प्रताड़ना का आरोप लगाया है। महिला छात्रावास अधीक्षकों द्वारा आरोप लगाने के बाद पेंड्रा के सीईओ रविंद्र चंद्र ने कलेक्टर को वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए कहा था कि मेरी छवि धूमिल करने षड्यंत्र किया जा रहा है उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए अपना पक्ष रखा कि मामला यह है कि विगत दिनों शासन के आदेशानुसार ऐसे शिक्षक जो अपने मूल संस्था से अन्यंत्र संस्था / कार्यालय में संलग्न है उन्हें मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त किया जाये उक्त आदेश के परिपालन में सभी शिक्षक को उनके मूल संस्था हेतु कार्यमुक्त कर दिया गया उनमें से कुछ महिला अधीक्षिका जो अपने मूल शाला में उपस्थित नहीं हुई और विगत 8-10 वर्षो से कभी विद्यालय ही नहीं गई और न ही अध्यापन कार्य किया है छात्रावास से मूल शाला की दूरी 20-22 किमी है ये केवल अधीक्षिका का कार्य कर कमाई में लगे हुये है, अधीक्षिका पद से हटने के डर से इन्होने मेरे ऊपर दबाव बनाने के लिए झूठी शिकायत करने का षडयंत्र रचा गया जिसमें गौरेला विकास खण्ड के कुछ पुरुष अधीक्षक भी शिकायत में पीछे परदे से महिलाओं को आगे कर शिकायत की गई ।
पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर (आदिवासी विकास) गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही (छ.ग.) द्वारा जांच की गई एवं जांच के पश्चात आदेश किया गया है कि श्रीमती ललिता सिंह पुलस्त, सहायक शिक्षक प्रभारी कन्या छात्रावास अधीक्षक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय लाटा, वि.खं. पेण्ड्रा द्वारा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी वि.खं. पेण्ड्रा के विरूद्ध की गई शिकायत का जांच प्रतिवेदन उपरांत पाया गया कि गलत तथ्यों पर शिकायत के बिन्दु तैयार कर सभी अधिक्षिकाओं से हस्ताक्षर कराने का कार्य किया गया है जिससे सिद्ध होता है कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, पेण्ड्रा के विरूद्ध उल्लेखित शिकायत गलत व चारित्रिक हनन है, जिसकी पुष्टि सभी अधिक्षिकाओं द्वारा किया गया है।

उपरोक्तानुसार किये गये शिकायत बेबुनियाद होने एवं श्रीमती पुलस्त द्वारा की गई शिकायत शासकीय कार्य के विरूद्ध एवं कार्य के प्रति अनुशासनहीनता को दर्शाता है, पाया गया।उक्त तथ्यों के आधार पर श्रीमती ललिता सिंह पुलस्त को तत्काल प्रभाव से मूल संस्था शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा, देवरीखुर्द वि.खं. पेण्ड्रा हेतु कार्यमुक्त किया जाता है। श्रीमती गनेशिया ओट्टी प्रभारी अधीक्षक कन्या छात्रावास एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय नेवसा वि.खं. गौरेला को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कन्या छात्रावास नेवसा के साथ-साथ आगामी आदेश पर्यन्त एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कन्या छात्रावास लाटा, वि.खं. पेण्ड्रा का कार्य करने हेतु आदेशित किया जाता है।

यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा। यह आदेशकलेक्टर अध्यक्ष जिला स्तरीय आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति @ गौरेला – पेण्ड्रा – मरवाही (छ.ग.) द्वारा 6 अक्टूबर को जारी किया गया है।
