कांग्रेस पार्टी में फिर बढ़ी अध्यक्ष पद के चेहरे को लेकर हलचल

कांग्रेस में एक विवाद का निपटारा कभी न हो पाया. आखिर पार्टी का कमान किसके हाथों में सौंपा जाये यानि अध्यक्ष पद किसको सौंपा जाये. ये पार्टी का इतिहास रहा है. पार्टी परिवारवाद की परिपाटी को कभी छोड़ न पाई. आज पार्टी की मिटती पहचान का अहम कारण परिवारवाद ही रहा है. अब शायद आँख से पट्टी खुली है, वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी के अस्तित्व पर मंडराता ख़तरा दिखना शुरू हो गया है. अब उम्मीद है पार्टी में अध्यक्ष पद पर परिवारवाद से इतर कोई चेहरा देखने को मिलेगा.
लोकतंत्र के लिहाज से विपक्ष का मजबूत होना जरुरी है. ऐसे में अगर कांग्रेस अपनी नीतिगत फेर बदल करती है, तो आम जनता के लिये कांग्रेस का प्रयास अहम मायने रखेगा.
आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. पार्टी की ओर से एक बार फिर कृषि कानून के मसले पर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी की गई है. बैठक के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें इसकी जानकारी दी गई.
संगठन चुनाव को लेकर केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 21 जून तक कांग्रेस पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. इसी बैठक में तय हुआ है कि मई तक कांग्रेस के संगठन चुनाव हर स्तर पर करवाए जाएंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस नेताओं की ओर से अपील की गई है कि विधानसभा चुनाव के बाद ही अध्यक्ष पद का चुनाव कराया जाए.
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा को लेकर जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल हुआ, तो रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं, कोई बागी नहीं हैं. सभी ने मिलकर ही अध्यक्ष के चुनाव को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था.
