निरर्थक रही 11 वें दौर की भी बैठक, नहीं निकल पाया कोई हल

सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध जारी है, सरकार का लगातार प्रयास है इस गतिरोध को दूर किया जाये, लेकिन न तो सरकार किसान बिल वापिस ले रही है, न ही किसान अपने मांगो से कुछ इतर स्वीकार करने को तैयार है. आज 11 वें दौर की बैठक थी. उम्मीद थी कि किसान बिल को लेकर सरकार और किसान नेता दोनों नरमी बरतेंगे और बीच का कोई रास्ता निकल के सामने आयेगा. अफसोस 11 वीं बैठक भी असफल रही. कोई सार्थक परिणाम निकल के सामने नही आ पाया.
सरकार ने किसानों के सामने कृषि कानूनों पर डेढ़ साल तक रोक लगाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया. आज की बैठक में सरकार के मंत्रियों ने किसानों से दो टूक कहा कि हम इससे बेहतर नहीं कर सकते. सरकार और किसानों के बीच अगली बैठक कब होगी, ये तय नहीं है.
कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना हुआ है. आज शुक्रवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच 11वें दौर की वार्ता हुई. पिछली 10 बातचीत में सरकार का रुख नरम रहा था. सरकार ने किसानों के सामने संशोधन का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन आज की बैठक में सरकार बदली-बदली सी नजर आई.
किसानों के साथ बातचीत में आज सरकार ने सख्त रुख दिखाया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि कानूनों पर सरकार डेढ़ साल तक रोक लगाने के लिए तैयार है. इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती. नरेंद्र तोमर ने कहा कि अगर किसान बातचीत करने को तैयार हैं, तो ये कल भी हो सकती है, लेकिन विज्ञान भवन कल खाली नहीं है.
नरेंद्र तोमर ने कहा कि आज की वार्ता बेनतीजा रही. हमें इसका दुख है. किसान संगठन चाहते हैं कि तीनों कृषि कानून वापस लिए जाए. लेकिन सरकार संशोधन का प्रस्ताव दे रही है. हमने किसानों से कहा कि सरकार के प्रस्ताव पर विचार करें. ये किसानों के हित में है. हमने किसानों से कल अपना फैसला बताने को कहा है.
वहीं, किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि लंच ब्रेक से पहले किसान नेताओं ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग रखी. सरकार ने कहा कि वो संशोधन के लिए तैयार है. मंत्रियों ने किसान नेताओं से प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा. वहीं, हमने सरकार से हमारे प्रस्ताव पर विचार करने को कहा. इसके बाद मंत्री बैठक छोड़कर चले गए.
किसान नेता टिकैत ने कहा है कि सरकार कृषि कानूनों पर दो साल तक रोक के तैयार है और सरकार ने कहा है कि अब अगली बैठक तभी होगी जब किसान सरकार के इस फैसले पर सहमत होंगे।
