एक सच्चा मित्र राष्ट्र, एक सच्ची पहल

एक सच्चा मित्र राष्ट्र, एक सच्ची पहल

कोरोना की जंग अभी जारी है, बहुत से देश इस महामारी से अब भी जूझ रहे हैं. जब से विश्वव्यापी कोरोना महामारी का कुप्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ा है, लाख कोशिशें, लाख दावे महामारी को लेकर होती रही. WHO के दावे आते रहे. कभी महामारी के रूप को बदलते हुये, कभी ठंड की वजह से कहर को लेकर दावे, दलीलें, आरोप, प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा. आखिर इन सभी के बीच एक सकारात्मक इतिहास रचने की ओर भारत बढ़ रहा था और कोरोना वैक्सीन बना के इतिहास रचने का काम किया. भारत के मेडिकल साइंस के योद्धाओं ने दुनिया को दिखा दिया. हम शैल्य चिकित्सा के प्रवर्तक सुश्रुत के वंशज हैं.

जिस तरह से भारत कोरोना की वैक्सीन अपने मित्र राष्ट्रों को फ्री में उपलब्ध करा रहा है, उसी तरह भारत खूब वाहवाहियां बटोर रहा है. अनेक देशों को कोविड-19 के टीके भेंट करने वाले भारत की प्रशंसा करते हुए, अमेरिका ने उसे ‘‘सच्चा मित्र’’ बताया और कहा कि वह वैश्विक समुदाय की मदद करने के लिए अपने दवा क्षेत्र का उपयोग कर रहा है.

भारत बीते कुछ दिन में अपने यहां बने कोविड-19 टीकों की खेप भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, म्यामांर, मॉरीशस और सेशेल्स को मदद के रूप में भेज चुका है. सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और मोरक्को को ये टीके व्यावसायिक आपूर्ति के रूप में भेजे जा रहे हैं.

अमेरिका के विदेश विभाग के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो की ओर से शुक्रवार को ट्वीट किया गया, ‘‘वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की भूमिका की सराहना करते हैं. जिसने दक्षिण एशिया में कोविड-19 की लाखों खुराकें दीं. भारत ने टीकों की नि:शुल्क खेप भेजने की शुरुआत मालदीव, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल से की तथा अन्य देशों की भी इसी प्रकार मदद की जाएगी.

इसमें कहा गया, ‘‘भारत एक सच्चा मित्र है, जो अपने दवा क्षेत्र का उपयोग वैश्विक समुदाय की मदद करने में कर रहा है।’’ भारत को ‘‘दुनिया की फार्मेसी’’ कहा जाता है और विश्व भर में बनने वाले टीकों में से 60 फीसदी यहां बनते हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस संकट से लड़ाई के लिए तथा पूरी मानवता की भलाई के लिए भारत की टीका उत्पादन एवं विरतण क्षमता का उपयोग किया जाएगा.

सदन की विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष ग्रेगरी मीक्स ने भी महामारी से लड़ाई में पड़ोसी देशों की मदद करने पर भारत की सराहना की. उन्होंने कहा, ‘‘अपने पड़ोसी देशों को कोविड-19 के टीके नि:शुल्क प्रदान करने के भारत के प्रयासों की मैं सराहना करता हूं. महामारी जैसी वैश्विक चुनौतियों के लिए क्षेत्रीय तथा वैश्विक समाधान जरूरी होते हैं.’’ इस स्वास्थ्य संकट के दौरान वैश्विक समुदाय को मिले भारत के समर्थन की अमेरिका के मीडिया ने भी प्रशंसा की.

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत कोरोना वायरस टीके की लाखों खुराकें कूटनीति के तहत दे रहा है। इसमें कहा गया, ‘‘भारत की सरकार ने बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और मालदीव को टीके की 32 लाख से अधिक नि:शुल्क खुराकें भेजी हैं.”

मॉरिशस, म्यामांर और सेशेल्स को दान के रूप भेजी जानी है। इस सूची में अगली बारी श्रीलंका तथा अफगानिस्तान की है.’’ अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई में वैश्विक समुदाय की मदद के लिए भारत के प्रयासों की सराहना करने पर विदेश विभाग का आभार जताया.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उद्धृत करते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘वैश्विक समुदाय की स्वास्थ्य देखभाल संबंधी जरूरतों को पूरा करने में लंबे समय से भरोसेमंद साझेदार बनकर भारत बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा है.’’

Akhilesh Namdeo