किसानों के नाम पर खालिस्तानी कर रहे उपद्रव

किसानों के नाम पर खालिस्तानी कर रहे उपद्रव

साहब ये कैसा किसान आंदोलन और कैसी किसानों की रैली है. देख के कलेजा दहल जाता है. देश के अन्नदाता इतना हिंसात्मक तो नहीं हो सकते है. अगर हिंसात्मक हुये तो जरूर ये किसान नहीं है. किसान जो हर मौसम हर हालत में बड़ी मुश्किल से अन्न उपजता है.वो कभी भी ऐसा उपद्रव नहीं कर सकता जरूर इन किसानों के नाम पर खालिस्तानी अपनी राजनितिक रोटी सेक रहे हैं.

आंदोलन या आक्रमण

किसान जो की करीब 2 महीने से किसान बिल के पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पहले से नियोजित था, 26 तारीख को किसान ट्रैक्टर रैली निकलेंगे लेकिन रैली विध्वंशक होगी किसी को इसका अंदेशा नहीं था.

कई प्रदर्शनकारी किसान जगह-जगह बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली के अंदर घुस गए और तोड़फोड़ की. प्रदर्शनकारियों के हंगामे और पुलिस को दौड़ाने पर किसान नेताओं ने भी पल्ला झाड़ लिया है.

राकेश टिकैत ने पाला झाड़ा

भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. सवाल यही है कि पिछले दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों को आखिर किसने भड़काया? गणतंत्र दिवस के मौके पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद आखिर प्रदर्शनाकारियों ने इतना उत्पात कैसे मचाया?

पुलिस को निशाना बनाया

उधर किसानों को रोकने के लिए पुलिस हर संभव कोशिश रही है तो किसान भी लगातार उग्र हो रहे हैं. कुछ किसानों ने तो पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की. वहीं एक बुजुर्ग निहंग तलवार लेकर किसानों को ललकारता नजर आया. दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसानों के आंदोलन को आज दो महीने पूरे हो गए है.

किसान नेता बन रहे अनजान

एक ऐसा समय भी आया जब सेंट्रल दिल्ली के आरटीओ पर उग्र प्रदर्शनकारियों से घिरे पुलिसकर्मी को किसानों ने रेस्क्यू किया. हालांकि किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता इससे अंजान है. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ‘रैली शांतिपूर्ण तरीके से हो रही है.मुझे इसकी (हिंसक झड़प) कोई जानकारी नहीं है. हम गाजीपुर पर है और यहां ट्रैफिक रिलीज कर रहे हैं.

 

 

 

किसानों की ट्रैक्टर परेड का समय गणतंत्र दिवस परेड के बाद का तय किया गया था. रैली के दौरान ही दिल्ली में अलग-अलग जगहों से किसानों और पुलिस के बीच गतिरोध की खबरें आने लगीं. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे. जगह-जगह पुलिस के बैरिकेड तोड़े गए.

गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए किसानों की ओर से इजाजत मांगी गई थी. करीब दो लाख ट्रैक्टरों की आज दिल्ली की सड़कों पर परेड निकाली जानी है, इसको देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. किसानों के हिंसक होते आंदोलन को देखते हुए दिल्ली मेट्रो के कई एंट्री/एग्जिट गेट भी बंद कर दिए गए हैं.

Akhilesh Namdeo