फिर चोरी हुआ अरपा उद्गम पेंड्रा का साइन बोर्ड,अरपा उद्गम पेंड्रा के बोर्ड चोरी होने से पेंड्रा के नदी प्रेमियों में रोष
पहले भी एक बार हो चुका है चोरी अरपा उद्गम का बोर्ड
गौरेला पेंड्रा मरवाही

एक और जहां हाई कोर्ट बिलासपुर पेंड्रा स्थित उद्गम को बचाने के लिए शासन प्रशासन को लगातार निर्देशित करते हुए उद्गम के संरक्षण की कार्य योजना बनाने के लिए कह रही है वहीं दूसरी ओर अपने अस्तित्व का संकट झेल रही पेंड्रा स्थित अरपा उद्गम के नामोनिशान मिटाने की साज़िश लगातार चल रही है तथा लगातार दूसरी बार अरपा उद्गम के बोर्ड को चोरी कर लिया गया है। अरपा उद्गम पेंड्रा के बोर्ड को चोरी कर लिए जाने से नदी प्रेमी नाराज है तथा स्थानीय नगर पंचायत पेंड्रा से तत्काल नया बोर्ड लगाने एवं बोर्ड को चोरी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि पेंड्रा स्थित अरपा उद्गम वर्ष 2016 से अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रही है। वर्ष 2016 में पेंड्रा के अरपा उद्गम में मिट्टी और मुरूम पाटे जाने के बाद बिलासपुर का बिलासा कला मंच बिलासपुर और पेंड्रा का अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति मिलजुल कर अरपा उद्गम पेंड्रा को बचाने के लिए प्रयास कर रही है । इसके लिए लगातार अरपा बचाओ अभियान के तहत यात्राएं एवं जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं तथा इसी के साथ अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा के संरक्षक रामनिवास तिवारी एवं बिलासपुर के अधिवक्ता अरविंद शुक्ला एवं साथियों द्वारा हाई कोर्ट बिलासपुर में अरपा उद्गम पेंड्रा सहित पूरी अरपा नदी को बचाने के लिए जनहित याचिका लगाई गई है जिस पर हाई कोर्ट बिलासपुर एक्शन मोड पर है तथा अरपा उद्गम पेंड्रा के संरक्षण के लिए हाईकोर्ट बिलासपुर लगातार शासन प्रशासन को तलब करते हुए योजना बनाकर उद्गम के संरक्षण तथा अरपा उद्गम पेंड्रा की भूमि अधिग्रहण 5 एकड़ एवं वन भूमि का अधिग्रहण 5 एकड़ करने का निर्देश देते हुए कार्य करने को कहा है अभी हाईकोर्ट बिलासपुर में इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं दिया है जिसका अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा सहित पूरे छत्तीसगढ़ के नदी प्रेमी इस निर्णय का इंतजार कर रहे हैं परंतु इसी के साथ अरपा उद्गम पेंड्रा का अस्तित्व मिटाने की साजिश लगातार चल रही है।


जिस तरह 2 साल पहले अरपा उद्गम स्थित नगर पंचायत पेंड्रा द्वारा लगाए गए साइन बोर्ड को चोरी कर लिया गया था उसी तरह फिर एक बार अरपा उद्गम पेंड्रा के साइन बोर्ड को चोरी कर लिया गया है। यह साइन बोर्ड नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान ने अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा की मांग पर लगवाया था परंतु बीते कई दिनों से वह बोर्ड गायब है जिसे देखकर लगता है कि अरपा उद्गम के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए कुछ लोग साजिश कर रहे हैं।

यहां पर उल्लेखनीय है कि अरपा उद्गम पेंड्रा के संरक्षण को लेकर अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे हैं अभियान से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए पेंड्रा में अरपा महोत्सव मनाने की घोषणा की थी जो जिला गठन के दिन हर साल 10 फरवरी को आयोजित होता है। इसी 10 फरवरी को ही आयोजित कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अरपा उद्गम की भूमि को चिन्हित करने की घोषणा की थी तथा अरपा को सम्मान देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अरपा पैरी के धार महानदी है कछार गीत को राज गीत का दर्जा दिया था परंतु अरपा को इतना गौरव प्रदान करने के बावजूद शासन प्रशासन अभी तक अरपा उद्गम पेंड्रा के संरक्षण के लिए मजबूत इच्छा शक्ति के साथ कोई भी कम नहीं बढ़ा पाया है जिसकी परिणीति है कि अरपा उद्गम पेंड्रा के बोर्ड को ही बार-बार चोरी कर लिया जा रहा है।

इस संबंध में अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा के संरक्षक एवं याचिका करता रामनिवास तिवारी ने कहा है कि यह तथ्य हाईकोर्ट बिलासपुर के संज्ञान में लाया जाएगा तथा दोषी व्यक्तियों के खिलाफ न्यायालय के माध्यम से अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह शासन एवं प्रशासन की अनदेखी का ही परिणाम है कि आज पेंड्रा का अरपा उद्गम अपनी बदहाली की चरम पर है। उन्होंने कहा कि टाउन एल्बम कंट्री प्लानिंग के तहत अरपा उद्गम के आसपास की भूमि ग्रीन बेल्ट के रूप में चिन्हित है परंतु वहां लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं तथा भूमि के डायवर्सन किया जा रहे हैं स्वयं तत्कालीन एसडीएम मयंक चतुर्वेदी द्वारा अरपा उद्गम बचाओ संघर्ष समिति पेंड्रा के आपत्ति के बावजूद अरपा उद्गम की भूमि का डायवर्सन कर दिया गया था तथा अभी भी वहां पर चोरी छुपे इस तरह के डायवर्सन किया जा रहे हैं।


