किसान आंदोलन ने फिर से तूल पकड़ा

किसान आंदोलन बीते 26 तारीख के उपद्रव के बाद लग रहा था कि ठंडे बस्ते में न चला जाये, क्योंकि शासन-प्रशासन ने उपद्रवियों के ऊपर कार्यवाही करना शुरू कर दिया था. किसान नेताओं में आपसी फूट पड़ना भी शुरू हो गया था. आरोप-प्रत्यारोप की पटकथा में अचानक से रोमांच पैदा हो गया जब कल शाम गाज़ीपुर बॉर्डर से राकेश सिंह टिकैत मीडिया के सामने भावुक होकर रोने लगे, क्योंकि योगी सरकार की तरफ से पुलिस और आला अधिकारियों को अल्टीमेटम था कि UP में जहाँ भी किसान आंदोलन हो रहा है, उस सभा को खाली कराया जाये.
एक कहावत है, चोर चोर मौसेरे भाई
जब भी सरकार के खिलाफ कुछ बोलना होता है, तो मौजूदा विपक्ष एक सुर में रोना शुरू कर देता है. हां, ये बात अलग है, सरकार का विरोध करते करते देश का विरोध, संविधान का विरोध भी हो जाता है.
साहब का रोना धोना देख सभी विरोधी पार्टियां एक सुर में राग विलापने लगी. असर ये हुआ कि एक बड़ा जन-समर्थन टिकैत को फिर से प्राप्त हो गया. और टिकैत अभी भी किसानों मांग को लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं.
जब वो कुछ भावुक हुए, तो उसके बाद राजनीतिक दलों की ओर से टिकैत को खुला समर्थन दिया गया. अब एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की भीड़ जुटी है. बीते दिन से अब तक किस राजनीतिक दल ने खुलकर किसान आंदोलन का समर्थन किया है, एक नज़र डालिए.
आम आदमी पार्टी ने किया समर्थन
उत्तर प्रदेश की राजनीति में पैठ बनाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी ने भी किसानों पर हुए एक्शन का जमकर विरोध किया. गुरुवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फोन पर राकेश टिकैत से बात की, उसके बाद अब शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया खुद गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गये हैं. दिल्ली सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि दिल्ली की तरफ वो गाजीपुर बॉर्डर के पास किसानों के लिए पानी की की सुविधा करवाएंगे.
राहुल-प्रियंका ने उठाई आवाज
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पहले गुरुवार को और फिर शुक्रवार सुबह किसानों के हक में ट्वीट किया गया. राहुल ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को कमजोर करने में लगे हैं, लेकिन हम किसानों के साथ हैं. दूसरी ओर प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से खुले तौर पर राकेश टिकैत का समर्थन किया गया, प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा कि कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को ख़त्म करने की कोशिश की, आज गाजीपुर, सिंघू बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है. यह लोकतंत्र के हर नियम के विपरीत है. कांग्रेस किसानों के साथ इस संघर्ष में खड़ी रहेगी, किसान देश का हित हैं. जो उन्हें तोड़ना चाहते हैं- वे देशद्रोही हैं.
अखिलेश, जयंत और मायावती ने संभाला मोर्चा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समुदाय का खासा प्रभाव है, ऐसे में यूपी के राजनेता भी इस ओर नजर बनाए हुए हैं. राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी शुक्रवार सुबह ही गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए, अजीत चौधरी ने भी राकेश टिकैत से बात की. समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी राकेश टिकैत से फोन पर बात की और समर्थन का भरोसा दिया. बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट कर किसानों पर हुए एक्शन का विरोध किया और राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया.
गाजीपुर बॉर्डर पर बीते दिन किसानों पर हुए एक्शन के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों ने बॉर्डर का रुख किया. बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे हैं, जिसके बाद एक बार फिर सरकार बैकफुट पर दिख रही है.
