नोएडा की रंगत अब मीलों दूर तक फ़ैलेगी

कहते हैं, किसी देश के विकास को नापने का सबसे सरल जरिया है ये जानना कि उस देश में शहरीकरण ने कहाँ तक पैर पसारे हैं, उस देश की जनसँख्या का कितना प्रतिशत शहरों में निवास करती है. भारत भी अब इस दिशा में अपने कदम तेजी से आगे बढ़ाने लगा है. विकास के अविरल प्रवाह की धारा अब नोएडा को और आगे ले जाना चाह रही है. इस काम में मेहनत रंग लायी है नोएडा अथॉरिटी की, जी हाँ, नोएडा अब ग्रेटर नोएडा से आगे बुलंदशहर के रास्ते में नया नोएडा बसाया जाएगा.
अब गौतमबुद्ध नगर में दादरी सिकंदराबाद की तहसील के 80 गांव नोएडा विकास प्राधिकरण में जोड़ दिये गये हैं. इन्हीं गांव क्षेत्रों में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का निवेश क्षेत्र विकसित किया जाएगा. यह सभी 80 गांव नोएडा प्राधिकरण को सौंपे गए हैं. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि ये 80 गांव मिलने से नोएडा में विकास की योजनाएं लागू की जाएंगी. गौतमबुद्ध नगर से 20 और बुलंदशहर के 60 गांव शामिल हैं.
नोएडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि प्रस्ताव डीएमआईसीडीसी की ओर से नोएडा अथॉरिटी को दिया गया था, जिसे मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया था. राज्यपाल ने प्रस्ताव मंजूर कर लिया है. अब गौतमबुद्ध नगर की दादरी और बुलंदशहर की सिकंदराबाद तहसील के 80 गांव नोएडा प्राधिकरण का हिस्सा होंगे.
आपको बता दें कि नोएडा ने ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को 5000 करोड़ रुपए का और यमुना प्राधिकरण को करीब ढ़ाई हजार करोड़ रुपए का कर्ज दे रखा है. इसके बदले में नोएडा प्राधिकरण ने दोनों प्राधिकरण से जमीन की मांग की थी, लेकिन दोनों ही प्राधिकरण ने जमीन देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद नोएडा के विकास के लिए अब सरकार ने ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गांव नोएडा अथॉरिटी को सौंप दिए हैं, जिसके लिए गैजेट नोटिफिकेशन जारी हो चुका है.
बता दें कि दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा भारत सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना को भारत और जापान ने मिलकर शुरू किया है. यह 7 राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के इंदौर को जोड़ेगी. करीब एक दशक पहले बुलंदशहर के इन तमाम गांव को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में समाहित कर दिया गया था. बाद में बुलंदशहर खुर्जा विकास प्राधिकरण को तोड़ कर दो अलग-अलग प्राधिकरण बना दिए गए थे, जिसके चलते इन गांवों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण से हटाकर बुलंदशहर विकास प्राधिकरण में और खुर्जा विकास प्राधिकरण में शामिल किया गया था. अब ये 80 गांव नोएडा को दिए जाने के आदेश सरकार ने दिए हैं, तो बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में इन गांवों को दिए जाने के आदेश सरकार ने दिए हैं, तो बीडीए और केडीए से निकालकर नोएडा अथॉरिटी में इन गांवों को शामिल कर दिया जाएगा.
