तार तार होंगे हिंसा में शामिल आपराधिक चेहरे

किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा का खेल खेलना देश की गरिमा और मर्यादा को तार तार करना है. किसी को भी मौलिक अधिकार के नाम पर इतनी स्वतंत्रता नहीं मिली है कि वो देश के संवैधानिक नीतिगत ढांचा के खिलाफ जाकर हिंसात्मक रूप में आंदोलन करके अपनी मांगों को मनवाये, किसी भी देश की गरिमा को धूमिल यदि वहां की जनता करती है, तो वो कृत्य आपराधिक और दंडनीय है.
देश में हुए हिंसात्मक आंदोलन में शामिल संदिग्ध चेहरे पर सरकार अब नकेल कसने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है. लालकिले पर झंडा फहराए जाने के मामले के पीछे के राज आज खुलने की संभावना है. प्राप्त जानकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने राकेश टिकैत सहित 9 किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया है.
क्राइम ब्रांच के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक राकेश टिकैत सहित नौ किसान नेताओं को पूछताछ में शामिल होने के लिए दोबारा नोटिस भेजा गया था. उन्हें सोमवार को क्राइम ब्रांच के अलग-अलग कार्यालयों में हाजिर होने को कहा गया है। साथ ही 70 से अधिक ट्रैक्टर मालिकों को भी पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा गया है.
हिंसा में शामिल लोगों और उनके वाहनों की पहचान करने का सिलसिला लगातार जारी है. उपद्रवियों की पहचान के साथ ही क्राइम ब्रांच और स्थानीय पुलिस उन्हें पूछताछ में शामिल होने के लिए नोटिस भेज रही है. 26 जनवरी की हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस अब तक 38 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
मामले की जांच और उपद्रवियों की पहचान के लिए विभिन्न एजेंसियां लगातार लाल किले का दौरा कर रही हैं। फॉरेंसिक टीम ने भी रविवार को लाल किला, आइटीओ समेत कई जगहों का मुआयना किया.
