गौरेला नगर पालिका चुनाव: भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच रोचक मुकाबले की संभावना,भाजपा ने शक्ति प्रदर्शन के साथ भरा नामांकन
कांग्रेस ने भी दिखाया दमखम
निर्दलीय प्रत्याशी जुबेर अहमद भी मैदान में
गौरेला पेंड्रा मरवाही निकाय चुनाव

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नगर पालिका चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि पर गौरेला नगर पालिका में भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतर चुके हैं। भाजपा की ओर से मुकेश दुबे, कांग्रेस से अशोक शर्मा, और निर्दलीय के रूप में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जुबेर अहमद ने नामांकन दाखिल किया है।

भाजपा ने शक्ति प्रदर्शन के साथ भरा नामांकन
भाजपा प्रत्याशी मुकेश दुबे ने अपने समर्थकों के साथ भव्य रैली निकालते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया। उनके साथ नगर पालिका चुनाव प्रभारी शैलेश शिवहरे, गुजरात जिला भाजपा अध्यक्ष सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। रैली पुराने गौरेला शिव मंदिर से प्रारंभ होकर तहसील कार्यालय पहुंची, जहां उन्होंने अपने 15 पार्षदों के साथ नामांकन दाखिल किया।

कांग्रेस ने भी दिखाया दमखम
कांग्रेस प्रत्याशी अशोक शर्मा ने भी अपने पार्षदों के साथ नामांकन दाखिल किया। हालांकि, पार्टी के टिकट वितरण में हुई देरी के कारण वे काफी व्यस्त नजर आए। अशोक शर्मा राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में पहचाने जाते हैं और इससे पहले वे अपनी बहू को नगर पंचायत अध्यक्ष बनवा चुके हैं। उनकी व्यावसायिक पृष्ठभूमि भी उनकी राजनीतिक यात्रा को मजबूती देती है।

निर्दलीय प्रत्याशी जुबेर अहमद भी मैदान में
पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जुबेर अहमद ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक दी है। वे हमेशा से अपने मजबूत वोट बैंक के सहारे चुनाव लड़ते आए हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी राजनीतिक बिसात कैसे बिछाते हैं।

कैसा रहेगा चुनावी मुकाबला?
नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 31 जनवरी है, जिसके बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुकाबला सीधा होगा या त्रिकोणीय। भाजपा के मुकेश दुबे संगठन में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं और विधानसभा चुनाव में भी अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस के अशोक शर्मा कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं और स्थानीय राजनीति में गहरी पकड़ रखते हैं। वहीं, जुबेर अहमद के निर्दलीय मैदान में उतरने से मुकाबला और रोचक हो गया है।
जैसे-जैसे प्रचार अभियान तेज होगा, चुनावी समीकरण और भी स्पष्ट होते जाएंगे। नगर पालिका चुनाव में किसकी रणनीति कारगर साबित होगी, यह आगामी दिनों में देखने लायक होगा।
