आकाश में जलवे बिखेर रहा सुखोई और ब्रह्मोस
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एयरो इंडिया शो के 13वें संस्करण का आगाज हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर एयरो इंडिया 2021 की तारीफ की. इस बार का शो बहुत ही खास है, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में भारत में पूरी तरह से विकसित विमानों और हेलीकॉप्टर्स का प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं वायुसेना के पांच विमानों ने ‘आत्मनिर्भर फॉर्मेशन’ में उड़ान भरी, जिसमें सिर्फ भारत में बने विमान शामिल थे.
कर्नाटक के बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया 2021 शो का आज दूसरा दिन है. इस बार एयरो शो में दुनिया आत्मनिर्भर भारत का दम देख रही है. पहले दिन HAL के निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट ने शक्ति प्रदर्शन किया. अब आज दूसरे दिन एयरो शो में हिंद महासागर क्षेत्र की कॉन्क्लेव आयोजित हुई. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्मेलन को संबोधित किया.
कॉन्क्लेव के दौरान राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर क्षेत्र के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि भारत क्षेत्र देशों को रक्षा उपकरणों की आपूर्ति करने के लिए तैयार है. राजनाथ ने कहा, ‘हिंद महासागर क्षेत्र में भारत सबसे बड़ा देश है और भारत की 7,500 किलोमीटर की विशाल तट रेखा है. इस क्षेत्र के सभी देशों के शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए भारत को सक्रिय भूमिका निभानी है.
#WATCH | Karnataka: Aero India show underway in Bengaluru for the second day.
The show that started yesterday will conclude on February 5. pic.twitter.com/ryWuqr8TiH
— ANI (@ANI) February 4, 2021
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भारत सरकार ने हिंद महासागर क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सागरमाला, प्रोजेक्ट मौसम और एशिया – अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर वगैरह जैसी कई नीतियां और पहल की हैं.’ राजनाथ ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र कॉन्क्लेव इसमें हिस्सा लेने वाले देशों के बीच सुरक्षा, वाणिज्य, कनेक्टिविटी, आतंकवाद से जंग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित होनी चाहिए.
ब्रह्मोस के साथ सुखोई ने दिखाई ताकत

ब्रह्मोस के साथ सुखोई ने दिखाई ताकत. शो की शुरूआत में सबसे पहले भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस Su-30MKI को प्रदर्शित किया. वैसे तो सुखोई रूस में निर्मित विमान है, लेकिन हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड का इसमें सहयोग रहता है. वहीं जो BrahMos मिसाइल सुखोई में लगी है, उसे DRDO ने विकसित किया है. ये मिसाइल 400 किलोमीटर की दूरी तक अपने लक्ष्य पर अचूक निशाना लगाती है. इसके बाद आसमान में तीन सुखोई विमान त्रिशुल फॉर्मेशन में नजर आए.

