भाजपा को बागियों पर लगाना होगा दांव, कांग्रेस भी जोड़तोड़ में जुटी,भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए पार्टी के बागियों पर लगाना होगा दांव !!

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पंचायत चुनाव:

अखिलेश नामदेव

दांव पेंच में कांग्रेस भी पीछे नहीं भाजपा के बागियों एवं निर्दलीय पर है कांग्रेस को भरोसा

भाजपा ने जिन्हें पहले  पार्टी की टिकट से वंचित किया अब उन्हीं के दरवाजे पर रगड़ रही है नाक

नवगठित जिला पंचायत गौरेला पेंड्रा मरवाही में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक गरमाई, जोड़ तोड़ की राजनीति जोरों पर

नवगठित गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पंचायत में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के लिए आगामी 5 मार्च को होने वाले चुनाव को लेकर जिले में राजनीतिक उठा पटक तेजी से चल रही है जहां एक ओर भाजपा को जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष बनाने के लिए अपनी ही पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने और जीतने वाले जिला पंचायत सदस्यों के द्वार पर नाक रगड़ना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस अपने दल का जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष बनने के लिए भाजपा के इन्हीं बागियों एवं निर्दलीय पर भरोसा है। ऐसे में  10 जिला पंचायत सदस्य वाले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर राजनीतिक उठा पटक जोरों पर है।

अध्यक्ष पद की दावेदारी को लेकर भाजपा में घमासान

समीरा पैकरा

          राजेश नंदनी आर्मो

छत्तीसगढ़ में सत्तासीन भाजपा को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष बनने के लिए नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं। कहने  को तो 10 जिला पंचायत सदस्य वाले गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में भाजपा के छह प्रत्याशी जीत कर आए हैं परंतु चुनाव के पूर्व भाजपा संगठन की चुनावीं रणनीति में चूक के कारण भाजपा को काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है। दरअसल गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला पंचायत के सदस्य का चुनाव लड़ने के लिए भाजपाई प्रत्याशियों की होड़ के कारण भाजपा ने कई प्रत्याशियों को भाजपा समर्थित प्रत्याशी घोषित नहीं किया था जो अब भाजपा को महंगा पड़ रहा है वहीं अनेक ऐसे भाजपाई प्रत्याशी है जो भाजपा का समर्थन नहीं मिलने के कारण भाजपा के बागी के रूप में चुनाव लड़कर जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं ऐसे सदस्यों की संख्या तीन  है जिसमें प्रमुख रूप से जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 से चुनाव लड़कर जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता समीरा पैकरा है जिन्होंने वर्ष 2014 में मरवाही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित समीरा पैकरा जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रबल दावेदार हैं। इस जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 1 से भारतीय जनता पार्टी ने किसी भी प्रत्याशी के प्रति अपनी समर्थन नहीं दिया था।

इसी तरह क्षेत्र क्रमांक 2 से जिला पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित भंवर सिंह गोवास  भाजपा के बागी प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़कर जीत चुके है जबकि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 3 से भाजपा के दिग्गज आदिवासी नेता पवन कुमार पैकरा ने भारतीय जनता पार्टी से बगावत करके चुनाव जीता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी से समर्थन प्राप्त करने वाले भाजपा के जिला पंचायत सदस्यों की संख्या भी तीन ही है जिनमें जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 से निर्वाचित श्याममणि बृजलाल सिंह राठौर हैं वहीं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 5 से भाजपा के समर्थन से विजई रहे उपेंद्र बहादुर सिंह एवं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 से भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से चुनाव जीतने वाली श्रीमती राजेश नंदिनी है। इस तरह भाजपा समर्थित तीन एवं भाजपा से बागी होकर चुनाव जीतने वाले भाजपा नेताओं की संख्या भी तीन है इस तरह भाजपा के छह से 6 उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए हैं परंतु अब इन्हीं 6 लोगों में जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष बनने की होड़ है जबकि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 से पूर्णिमा कपूर पैकरा एवं जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 7 से राधा मुरारी रैदास निर्दलीय चुनाव जीते हैं। भाजपा के तीन बागियो एवं दोनों निर्दलीय प्रत्याशियों के रुख पर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव परिणाम आएगा इसलिए आज से जोड़-तोड़ की राजनीति जोड़ों पर है। जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 8 से कांग्रेस की नेहा सलाम युवा आदिवासी चेहरा है जो पहली बार चुनावी राजनीति में सामने आया है वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 10 से मंजी हुई आदिवासी नेता एवं जिला पंचायत तथा सरपंच एवं कांग्रेस संगठन में विभिन्न पदों पर रह चुकी बूंद कुंवर मार्को चुनाव जीत कर आई है।

प्रणव कुमार मरपच्ची मरवाही विधायक

मरवाही विधायक की प्रतिष्ठा दांव पर



गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पहली बार हो रहे जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव में जहां मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है वही कांग्रेसी भाजपा के बगिया एवं निर्दलीय के सहारे जिला पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष की कुर्सी हथियाना चाहते हैं इस लिहाज़ से भाजपा एवं कांग्रेस तथा भाजपा के बागियों के बीच त्रिकोण बना हुआ है। राजनीतिक गलियारों से जो चर्चा आ रही है उसके अनुसार जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा की प्रबल दावेदार समीरा पैकरा हो सकती है क्योंकि उन्होंने मरवाही एवं तानाखार में विधायक रह चुके रामदयाल उईके की पत्नी को चुनाव मैदान में धूल चटाई है, सूत्रों के अनुसार समीरा पैकरा को भारतीय जनता पार्टी के संगठन के नेताओं की हरी झंडी मिल चुकी है इस लिहाज से में पूरे दमखम के साथ जिला पंचायत अध्यक्ष बनने के लिए लाबिंग कर रही है वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची चाहते हैं कि राजेश नंदिनी को जिला पंचायत अध्यक्ष का उम्मीदवार भाजपा की ओर से बनाया जाए। इस दृष्टिकोण से भाजपा उम्मीदवार एवं भाजपा के बगिया में खटमंडल मचा हुआ है।

विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची की मंशा


राजनीतिक गलियारों में जो चर्चा है उसके अनुसार समीरा पैकरा को मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची सहित जिला भाजपा अध्यक्ष लालजी यादव सहित उनके अगल-बगल रहने वाले संगठन के लोग नहीं चाहते कि समीरा पैकरा  जिला पंचायत की अध्यक्ष बने जबकि प्रदेश संगठन के वरिष्ठ नेताओ से समीरा पैकरा ने अध्यक्ष बने आशीर्वाद प्राप्त कर लिया, जबकि प्रणव कुमार मरपच्ची राजेश नंदिनी  को अध्यक्ष बनना चाहते हैं, जो विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची की निजी रिश्तेदार भी हैं,परंतु राजेश नंदनी गुलाब आर्मों के समर्थन में भाजपा समर्थन की ओर जाती नहीं दिख रही है ,ऐसे में समीरा पैकरा पर काफी मजबूती से भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में अध्यक्ष के दौड़ में आगे दिख रही है जबकि कांग्रेस के पास मात्र दो कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार ही निर्वाचित होकर जिला पंचायत सदस्य के रूप में आए हैं ऐसे में उनके पास मजबूत दावा अध्यक्ष बनने का नहीं है, और इन्हीं दोनों कांग्रेसी प्रत्याशियों को लेकर राजेश नंदनी आर्मो और समीरा पैकरा साधने में लगे है, जबकि भवर सिंह गोवास, पूर्णिमा कपूर पैकरा, राधा मुरारी रैदास को जो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप से जिला पंचायत चुनाव जीत कर आए है इन्हें साधने मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची और समीरा पैकरा अपने अपने स्तर से पक्ष में साधने जुटे हुए है। फिलहाल भाजपा की इस राह में भाजपा ही आड़े आ रही है , ऐसे में अब प्रदेश नेतृत्व ही तय करें कि मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची अपने मनपसंद का उम्मीदवार को अध्यक्ष बना पाते हैं या समीरा पैकरा बाजी मारेगी।

उपाध्यक्ष पद के लिए भी सियासी दांव-पेंच

राजा उपेंद्र बहादुर सिंह
श्याम मणि बृजलाल राठौर

इसी तरह  जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के संभावित उम्मीदवारों में तो श्याममणि बृजलाल राठौर पहले ही अपने आप को उपाध्यक्ष बनाने की राह पर निकल चुके हैं जिनके समर्थन में साफ तौर पर पवन पैकरा साफ तौर पर दिख रहे हैं वहीं सूत्रों की माने तो भवर सिंह गोवास निर्वाचित होने के बाद भूमिगत हो गए हैं , जिससे किसी का भी संपर्क नहीं हो पा रहा है वहीं उपाध्यक्ष के दूसरे प्रमुख दावेदार जिले के एकमात्र सामान्य मुक्त उम्मीदवार राजा उपेंद्र बहादुर का दावा अपने आप में उपाध्यक्ष बनने का इसलिए है क्योंकि राजा उपेंद्र बहादुर ने चार बार के जनपद उपाध्यक्ष रहे क्षेत्र के धुरंधर रणनीतिकार नेता जीवन सिंह राठौड़ को काफी लंबे वोटो से हराया है साथ ही प्रदेश संगठन एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के काफी पसंदीदा उम्मीदवार के रूप में माने जाते हैं, ऐसे में प्रदेश भाजपा संगठन किसे अपना अधिकृत उम्मीदवार के रूप में प्रस्तुत करती है देखने वाली बात होगी।

अंतिम फैसला किसके पक्ष में?

आंकड़ों के समीकरण में सीधी लड़ाई में 10 जिला पंचायत तो सदस्यों में जिसे 6 सदस्य जिसे वोट करेंगे वह उपाध्यक्ष बनेगा परंतु गणित भाजपा का तब बिगाड़ सकता है जब अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से घोषित उम्मीदवार कौन होगा यदि मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची राजेश नंदिनी गुलाब सिंह आर्मो को अपना प्रत्याशी घोषित करते हैं तो भाजपा से मुक्त होकर चुनाव जीत कारण समीरा पैकरा  का फैसला ही तय करेगा की जिला पंचायत गौरेला पेंड्रा मरवाही का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष कौन बनेगा ? फिलहाल 5 तारीख का इंतजार किया जाए परंतु बीजेपी के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की राह आसान दिखाई नहीं पड़ती…

Akhilesh Namdeo

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