मजबूती देंगे सेना में शामिल तीन नये युद्धक विमान

आज 21वीं सदी में यदि आपको दुश्मन राष्ट्र के ऊपर हावी होना है, तो आपकी सैन्य प्रणाली (लड़ाकू विमान,हथियार आदि) दुश्मन देश से बेहतर होनी चाहिए. आज के समय में कभी कोई दो राष्ट्र आपस में युद्ध नहीं करना चाहेंगे. वजह युद्ध से दोनों पक्षों की आर्थिक व सैन्य ताकतों का नुकसान होगा और युद्ध में उलझने से वे देश मौजूदा समय में तेजी से बढ़ते दौर में अन्य देशों के मुकाबले वह 50 साल पीछे चला जाएगा.
आज के समय सामरिक रणनीति के अनुसार हर देश अपनी मजबूती के लिहाज से अपने सैन्य हथियारों में इजाफ़ा करने की फिराक में रहता है. वजह दुश्मन राष्ट्र से लड़ना नहीं है बल्कि दुश्मन राष्ट्र को अपनी धाक अपनी पकड़ को दिखाना होता है.
जब से मोदी सरकार देश की सत्ता को संभाली है, तभी से आप समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों में देखते आ रहे होंगे. मोदी सरकार अपने सैन्य शक्ति में बराबर इजाफा करने के लिए तत्पर रहती है. हमारे दो पड़ोसी मुल्क चीन और पाकिस्तान हमेशा से ही देश की सीमा पर किसी न किसी तरीके से मडराते रहते है. जब से मोदी सरकार आयी है. सैनिकों को खुली छूट है ईंट का जवाब पत्थर से दो. पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक घटना आप सभी को याद होगी भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था. वह संभव हो पाया था आधुनिक हथियारों आधुनिक सैनी सुविधाओं की वजह से.
अभी हाल ही में सरकार ने रक्षा के लिहाज से 3 नए युद्धक विमान को 2026 सेना में शामिल करने का निर्णय लिया है. जिनमें 2 वायु सेना में और 1 नौसेना में शामिल किया जाएगा.
अब सरकार की नौसेना में TEDBF (ट्विन-इंजन डेक-बेस्ड फाइटर) एवं वायुसेना में नए AMCA (उन्नत मध्यम युद्धक विमान) तथा LCA (Mk-2 संस्करण) को सम्मलित किये जाने की योजना है.
आपको बता दें कि इससे पहले सुरक्षा के लिहाज से मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय वायु सेना के लिये 83 तेजस हल्के युद्धक विमानों (Mk-1A and Mk-1 संस्करणों) के अधिग्रहण के लिए 48 हजार करोड़ रुपए के अनुबंध की स्वीकृति प्रदान की थी.
मुख्य बिंदु
हल्के लड़ाकू विमान (LCA) Mk-2:
इंडियन लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA), अपने वर्ग का सबसे छोटा और सबसे हल्का मल्टी-रोल सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट है. भारतीय वायु सेना (IAF) की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस एकल इंजन, Compound-Delta-Wing, Tailless Aircraft को ADA द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है. तेजस ’ने भारत में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए हॉट वेदर ट्रायल, कोल्ड वेदर ट्रायल, वेपन ट्रायल, बॉम्बिंग ट्रायल, आर -73 मिसाइल का प्रक्षेपण और ड्रॉप टैंक के पृथक्करण में भाग लिया है.
(LCA) Mk-2 के बारे में:
इसमें लगने वाला इंजन 6.5 टन तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है.
भारत सरकार ने वर्ष 1980 के दशक में ‘लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट’ (LCA) कार्यक्रम के तहत अपने पुराने हो चुके मिग-21 लड़ाकू विमानों को बदलने की प्रक्रिया शुरू की थी.
चौथी पीढ़ी के इस विमान को भारतीय वायु सेना द्वारा प्रयोग में लाया जाएगा.
यह भारतीय सेना के लड़ाकू विमानों की श्रंखला में सम्मलित मिराज 2000 ( Mirage 2000) को प्रतिस्थापित करेगा.
इसके निर्माण में पहले से ही विकसित हल्के युद्धक विमान (Light Combat Aircraft- LCA) तकनीक का प्रयोग किया गया है.
उत्पादन:
भारत सरकार द्वारा इस योजना को वर्ष 2022 तक लागू किया जाएगा है, जिसके तहत वर्ष 2023 में Mk-2 की पहली उड़ान एवं वर्ष 2026 तक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट संस्करण के विमानों का उत्पादन शामिल है.
उन्नत मध्यम युद्धक विमान (AMCA) के बारे में:
पाँचवीं पीढ़ी के इस विमान को भारतीय वायुसेना में सम्मलित किया जाएगा.
स्टील्थ तकनीक पर आधारित यह विमान हल्के युद्धक विमानों की तुलना में अधिक तीव्र गति से कार्य करने सक्षम है.
यह आधुनिक मल्टी कॉम्बैट विमान अपने आकार को लो रडार क्रॉस-सेक्शन (Low Radar Cross-Section) प्राप्त करने में असाधारण प्रतिभा रखता है साथ ही इस लड़ाकू विमान को आंतरिक हथियारों से भी लैस किया जा सकता है.
यदि इस लड़ाकू विमान में लगे बाहरी हथियारों को हटा दिया जाए तब भी यह विमान अपने आंतरिक हथियारों से महत्वपूर्ण अभियानों को अंजाम तक पहुँचाने की कला में निपुण है.
रेंज:
विभिन्न माध्यमों में इसकी कुल रेंज 1,000 किमी. से लेकर 3,000 किमी. तक होगी.
प्रकार और इंजन:
यह विमान दो प्रकार के संस्करणों (Mk-1 और Mk-2) में आता हैं. इस एडवांस्ड मल्टी कॉम्बैट विमान के Mk-1 संस्करण में लाइट कॉम्बैट विमान Mk-2 की तरह ही एक आयातित इंजन लगा होगा, वहीं एडवांस्ड मल्टी कॉम्बैट विमान के Mk-2 संस्करण में एक स्वदेशी इंजन होगा.
उत्पादन:
भारत सरकार की योजना के अनुसार इस लड़ाकू विमान की वर्ष 2024-25 में पहली उड़ान भरने की संभावना है तथा अन्य परीक्षणों की कसौटी पर ख़रा उतरने के बाद वर्ष 2029 तक इसके सम्पूर्ण उत्पादन की योजना है.
ट्विन-इंजन डेक-आधारित युद्धक विमान (TEDBF):
TEDBF के बारे में:
भारत सरकार की नौसेना के लिये इस युद्धक विमान का निर्माण कराने की योजना है.
यह नौसेना के मिग-29 K का स्थान लेगा.
यह वाहक आधारित अभियानों (Carrier Based Operations) के लिये समर्पित भारत का पहला ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट प्रोजेक्ट (Twin Engine Aircraft Project) होगा
इसका संचालन आगामी स्वदेशी विमान वाहक पोतों एवं आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) से संभव भी होगा.
हथियार/अस्त्र:
यह लड़ाकू विमान प्रमुखतः स्वदेशी निर्मित हथियारों से सुसज्जित होगा.
आकार और क्षमता:
यह विमान 1.6 मैक की अधिकतम गति, 60,000 फीट तक की उड़ान भरने की क्षमता तथा 26 टन तक की अधिकतम भार वहन क्षमता के साथ एक अद्वितीय विमान होगा साथ ही इसकी 11.2 मीटर की अनफोल्डेड विंग स्पैन, 7.2 फोल्डेड विंग स्पैन और 16.3 मीटर की लंबाई होगी.
इंजन:
हालांँकि अभी इस विमान के इंजन की संरचना और व्यास से सम्बंधित जानकारी नहीं दी गई है, संभवतः इसके निर्माण में भी लाइट कॉम्बैट तेजस विमान के इंजन को प्रयोग किया जा सकता है.
अधिष्ठापन:
भारत सरकार की इसे वर्ष 2030 तक नौसेना में सम्मलित किये जाने की योजना है.
