पर्यटन विकास की दिशा में सार्थक पहल
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में पर्यटक सुविधाकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला प्रारंभ, जीपीएम की पर्यटन समितियों को किया जा रहा प्रशिक्षित



गौरेला-पेंड्रा-मरवाही 


इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के पर्यटन प्रबंधन विभाग द्वारा गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले की पर्यटन समितियों के लिए पर्यटक सुविधाकर्ता (Tourist Facilitator) प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। यह कार्यशाला 21 जुलाई से 2 अगस्त 2025 तक चलेगी, जिसमें प्रतिभागियों को पर्यटन से संबंधित विभिन्न कौशलों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।




कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर व्योमकेश त्रिपाठी ने कहा कि पर्यटन स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका का सशक्त माध्यम बन सकता है। उन्होंने GPM प्रशासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए सभी प्रतिभागियों को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने स्वयं पंजीकरण किट प्रदान कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


पर्यटन प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों कोपर्यटकों के साथ संवाद व व्यवहार,पर्यटन स्थलों की जानकारी,
स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का प्रस्तुतीकरण,आपदा प्रबंधन,स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार,गाइड प्रशिक्षण आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह कार्यशाला दो भागों में संचालित होगी — पहले 6 दिन आवासीय प्रशिक्षण और अगले 6 दिन फील्ड ट्रेनिंग।



डॉ. सिंह ने इको टूरिज्म एवं समुदाय आधारित पर्यटन को भविष्य का मॉडल बताया और कहा कि इसी के माध्यम से सतत और स्थानीय समृद्धि संभव है। उन्होंने GPM कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी के सहयोग और समर्थन के लिए आभार भी जताया।



विशेषज्ञों का अनुभव साझा

एफसीएम डीन प्रोफेसर एस. के. बराल ने भारत और वैश्विक स्तर पर समुदाय आधारित पर्यटन के सफल मॉडल, चुनौतियों और समाधान की गहन जानकारी दी।
GPM जिले के पर्यटन नोडल अधिकारी डॉ. राहुल गौतम ने जिले के विभिन्न प्रमुख पर्यटन स्थलों की विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि किस प्रकार स्थानीय पर्यटन समितियां इन स्थलों पर कार्य कर रही हैं।


इस अवसर पर विभाग के अन्य शिक्षकगण — डॉ. रोहित रविंद्र बोर्लिकर, डॉ. जयप्रकाश नारायण, डॉ. केशव सिंह राठौर सहित सभी छात्र-छात्राएं एवं प्रशिक्षु उपस्थित रहे।
सहायक प्राध्यापक डॉ. अनिल कुमार टम्टा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

यह प्रशिक्षण कार्यशाला न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल से लैस करेगी, बल्कि GPM जिले को पर्यटन मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

Akhilesh Namdeo

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