कहानी फ़िल्मी है: कुख्यात गैंगस्टर पपला गुर्जर की

वक्त अपने गर्त में न जाने कितने बदलाव पिरोये बैठा है. जिसका पता इंसान को भी नहीं चलता और एक अच्छा खासा इंसान न जाने कब अपराधी या गैंगस्टर बन जाता है, कोई नहीं जानता. आज कहानी है, पपला गुर्जर की.
गैंगस्टर बनने की कहानी
एक लड़का, जो एक ऐसे इलाके से आता है, जहां के लड़कों के दिलों में वर्दी बसी होती है. यानी आर्मी में जाने की इच्छा होती है. लड़का बारहवीं तक पढ़ाई करता है. उसके बाद वह पढ़ाई छोड़ देता है और कुश्ती के अखाड़े में दाव-पेंच सीखना शुरू कर देता है. वह सेना में भी जाना चाहता था. लेकिन अचानक उसकी जिंदगी एक ऐसा मोड़ लेती है, जिससे कुश्ती लड़ने वाला वह पहलवान, सेना में जाने की तमन्ना छोड़कर मुज़रिम बन बैठता है. गौर करने वाली बात यह है कि उसके साथी उसको पुलिस की गिरफ़्त से छुड़ा लेते हैं और फिर वह दूर एक शहर में बस जाता है. वहां उसको प्यार होता है और वह उसी लड़की के साथ रहना शुरू कर देता है. शादी करने का मन भी बना लेता है. इन सबके बीच जो राज छुपा था, वह यह था कि उस लड़की को, लड़के की सच्चाई नहीं पता होती है. चूंकि, वह लड़का इनामी अपराधी रहता है, पुलिस को उसकी तलाश रहती है. पुलिस की एक टीम उसको एक दिन पकड़ लेने में कामयाब हो जाती है. लड़की को जब हकीकत पता चलती है, तो लड़की रोने लगती है, उसको दुख होता है, लड़का भी रोता है. पुलिस दोनों को पकड़ कर अपने साथ ले जाती है.
लड़के के गैंगस्टर बनने की कहानी शुरू होती है, एक अखाड़े से. पपला गुर्जर नामक वह लड़का जिस अखाड़े में कुश्ती सीखने जाता है, वह अखाड़ा होता है, शक्ति सिंह का. पपला, शक्ति सिंह को अपना गुरु मानता है. कहानी 2013-14 के आस-पास की है. उसी गांव (शक्ति सिंह के) में एक संदीप फ़ौजी नाम का लड़का, उसी गांव की एक लड़की से प्यार करता है. गौर करने वाली बात यह है कि संदीप फ़ौजी पहले से शादीशुदा होता है. जब ये बात गांव में पता चलती है, तो इसका विरोध होता है. एक पंचायत बुलाई जाती है, पंचायत में पपला गुर्जर के गुरु शक्ति सिंह, संदीप फौजी को नसीहत देते हैं कि, अगर तुम अब इस लड़की से दोबारा मिलोगे, तो उसका अंजाम बहुत बुरा होगा. संदीप फौजी अपनी हरकतों से बाज नहीं आता और चोरी-चुपके उस लड़की से मिलता रहता है. यह बात शक्ति सिंह को पता चल जाती है. शक्ति सिंह, संदीप फौजी की पिटाई करते हैं. संदीप फ़ौजी उसी दिन सोच लेता है कि उसे शक्ति सिंह से बदला लेना है. कुछ समय बाद संदीप, शक्ति सिंह के ऊपर अटैक करवाता है, जिसमें शक्ति सिंह की मौत हो जाती है.
जुर्म की दुनिया में रखा कदम
जब यह बात पपला गुर्जर को पता चलती है, तो पपला गुर्जर, शक्ति सिंह के हत्यारों से बदला लेने की ठान लेता है. चूंकि, उस दौरान पपला गुर्जर की बहन की शादी होती है, तो कुछ दिन तक पपला गुर्जर खामोश रहता है. बहन की शादी बीतने के बाद पपला गुर्जर एक दिन संदीप फौजी, उसकी बहन, उसके मामा और उसकी मां की हत्या कर देता है. यह बात 2014 की है. पपला की गिरफ्तारी होती है और 2014 से 2017 तक वह जेल में रहता है. जेल से ही पपला गुर्जर, ज़रायम की दुनिया में अपना एक मुकाम बना लेता है. उसके नाम पर उसके साथी अपहरण, हत्या और हफ़्ता वसूली जैसी वारदातों को अंजाम देना शुरू कर देते हैं. वर्ष 2017 में पेशी के लिए पपला गुर्जर को अदालत ले जाया जाता है. उसी बीच मौका पाकर वह फरार हो जाता है.
इनामी घोषित
2017 से सितम्बर 2019 तक पपला के बारे में किसी को कोई पता नहीं रहता है. पुलिस कस्टडी से फरारी के बाद पपला 1 लाख का इनामी घोषित हो जाता है. समय बीतता है, पपला गुर्जर को एक और दुश्मन से बदला लेना होता है . उसका वह दुश्मन राजस्थान के अलवर जिले में रहता है. पपला अपने साथियों के साथ राजस्थान के बहरोड़ इलाके में पहुँचता है. रात का वक्त होता है और बहरोड़ पुलिस गश्त पर होती है. बाहर राज्य के नंबर प्लेट की गाड़ी को देखकर पुलिस को कुछ शक होता है और जब पुलिस गाड़ी की तलाशी लेती है. तलाशी के दौरान पुलिस को हथियारों का बड़ा जखीरा मिलता है, जिसे देख पुलिस चौंक जाती है. गाड़ी में सवार अन्य बदमाश तो भाग जाते हैं, लेकिन पपला गुर्जर पकड़ा जाता है. ये बात 5 सितम्बर 2019 की है. अगले दिन यानी 6 तरीख की सुबह बहरोड़ पुलिस स्टेशन पर हथियारबंद बदमाशों का हमला होता है और पपला को उसके साथी छुड़ा ले जाते हैं. गौर करने वाली बात यह है कि पपला के साथियों को बहरोड़ पुलिस स्टेशन की सभी गतिविधियों के बारे में जानकारी रहती है कि कितने पुलिसकर्मी स्टेशन पर मौजूद होंगे. यानी कि बात साफ़ है, कोई तो था जो पपला गैंग को पुलिस की सभी जानकारियों से अवगत करा रहा था. मामला हाईप्रोफाइल था, एक अपराधी पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था. पुलिस के आला अफसरों के हाथ-पैर फूल जाते हैं. राजस्थान पुलिस, पपला की पूरी कुंडली खंगालनी शुरू करती है. जिसमें पुलिस को पता चलता है कि पपला गुर्जर हरियाणा का निवासी है और एक लाख का इनामी कुख्यात अपराधी है. उसके ऊपर हत्या, अपहरण समेत कुल 40 मुकदमे दर्ज हैं. अब हरियाणा और राजस्थान दोनों प्रदेशों की पुलिस पपला की तलाश शुरू हो कर देती है. हरियाणा पुलिस उसकी तलाश के लिए अलग-अलग 10 पुलिस की टीमों का गठन करती है. उसके ऊपर घोषित इनाम की राशि भी 5 लाख कर दी जाती है. गठित टीमें कभी यूपी, कभी हरियाणा, तो कभी मध्यप्रदेश में उसकी खोजबीन करती हैं, लेकिन पपला कहाँ हैं, इसका कोई सुराग किसी को नहीं मिलता. पुलिस की टीमों के दिमाग में एक तरीका सूझता है कि क्यों ना पपला की हिस्ट्री एक बार फिर से खंगाली जाये. हिस्ट्री खंगालने से एक बात यह निकल कर सामने आती है कि पपला को जिम का बहुत शौक है और वो जिम के बिना नहीं रह सकता. पुलिस बहुत से शहरों में अपने मुख़बिर लगाती है. जनवरी 2021 के दूसरे सप्ताह में पुलिस को ख़बर मिलती है कि पपला कोल्हापुर (महाराष्ट्र) के एक जिम में देखा गया है.
पकड़ने कर लिये SIT टीम का गठन
SIT की गठित टीमें कोल्हापुर पहुँचती हैं. पुलिस को पहले से ही पता होता है कि यहीं पपला है. इसी दौरान पुलिस को पता चलता है कि जिम की ओनर एक महिला है. उसका नाम जिया है और उसका तलाक हो चुका है. जिया के पिता एक डॉक्टर हैं. जिया खुद भी आयुर्वेद से डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही है और सेकेंड ईयर में है. इत्तेफ़ाक से पपला कोल्हापुर पहुँचता है. उसको जिम का तो नशा था ही. कोल्हापुर पहुंचकर वह ऐसी जगह की तलाश करता है, जहाँ वह जिम कर सके और इत्तेफाक से वह जिया के जिम तक पहुँच जाता है. वह जिम जॉइन करता है और करीब 5 घण्टे रोज जिम में बिताता है. जिम की ओनर जिया को भी लगता है कि उसके अंदर कुछ अजीब-सा जुनून है. वह उससे पूछती है कि वह कौन है और कहाँ का रहनेवाला है. पपला उसे अपना नाम ऊदल सिंह बताता है और कहता है कि वह राजस्थान के रॉयल फैमिली से ताल्लुकात रखता है. शाही परिवार का नाम सुनते ही, जिया भी उससे प्रभावित होती है. धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती होती है और फिर प्यार हो जाता है. जिया का पहले तलाक हो गया रहता है और इधर पपला भी अब भागते-भागते थक चुका था. तो वो भी एक नई जिंदगी शुरू करना चाहता है. वो जिया से शादी करना चाहता है. बात बहुत आगे तक बढ़ती है, फिर जिया ने एक दिन उसे अपने पापा से मिलवाती है और उन्हें बताती है कि हम दोनों जा रहे शादी करना चाह रहे हैं. जब जिया के पिता ने पपला से उसका बैकग्राउंड पूछा, तो उसने बकायदा आधार कार्ड दिखाया, जिसमे उसका नाम ऊदल सिंह लिखा होता है और उन्हें बताया कि वह राजस्थान के रॉयल फैमिली से है. जिया के पिता भी शादी के लिए तैयार हो जाते हैं. बस अब उनकी शादी होने वाली होती है. इसी दौरान एक मुखबिर पपला को जिम में देख लेता है. मुखबिर की सूचना पर, हरियाणा पुलिस की S.I.T टीम वहाँ पहुँचती है और तकरीबन एक हफ्ते तक उसकी निगरानी करती है. इसी दौरान पुलिस को ये भी पता चलता है कि पपला जिम की ओनर (जिया) के साथ ही उसके घर में रहता है और उसका घर 3rd फ्लोर पर है. जब पुलिस को यकीन हो जाता है कि यही पपला है, तब पुलिस 27 और 28 जनवरी को ऑपरेशन कर उसको दबोचने की योजना बनाती है. रात में पुलिस की टीमें उसके घर के बाहर पहुँचती है और उसके पूरे घर को चारों ओर से घेर लेती है. पुलिस टीम के सभी सदस्य सादा वर्दी में होते हैं, ताकि किसी को कोई भनक न लगे. अब होता ये है कि आस-पास के जो लोग थे, उन्हें लगता है कि ये (पुलिस कर्मी) गुंडे-डकैत या बदमाश हैं. रात को यह किसी वारदात को अंजाम देने आये हैं. पुलिस वाले लोकल पुलिस की मदद से उन्हें समझाते हैं कि वे पुलिस वाले हैं. तब लोगों को यकीन होता है. उधर पपला को भी जब कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हो जाता है, तो वह भी चौकन्ना हो जाता है. वह देखता है कि 3rd फ्लोर के चारों ओर के सभी रास्ते बंद कर दिए गये हैं.
माशूका को बनाया ढाल
पुलिस ने पपला गुर्जर से कहा कि वह अपने आप को सरेंडर कर दे. लेकिन पपला नहीं माना और पुलिस से बचने के लिये ढाल के तौर पर वह अपनी माशूका जिया का इस्तेमाल करने लगा. वह जिया की गर्दन पर चाकू रख कर बाहर आया और पुलिस कर्मियों से कहने लगा कि अगर आप लोग यहाँ से नही जाओगे या मुझे पकड़ने की कोशिश करोगे, तो मैं इसका गला काट दूँगा. लेकिन पुलिस अपनी जगह से नहीं हटी. पपला गुर्जर को भी लगा कि शायद अब वह फंस गया है. फिर उसने जिया को छोड़ दिया और 3rd फ्लोर से नीचे कूद गया. दोनों पैर मे चोट लगने के बावजूद भी वह लंगड़ाता हुआ पीछे के दरवाजे से भागने की कोशिश कर रहा था. लेकिन पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया. पकड़ने के बाद उससे पूछताछ हुई. उसके बाद उस जिया (जिम की ओनर/उसकी माशूका) को भी पकड़ लिया, क्योंकि पुलिस को लगा कि जिया ने भी उसको पनाह दी थी. लेकिन पकड़ने के बाद जब जिया से पपला के विषय में पूछताछ हुई, तो जिया को कुछ समझ में ही नही आया. उसने पुलिस वालों से पूछा कि आखिर पुलिस ने उसे और ऊदल (पपला गुर्जर) को क्यों गिरफ्तार किया है. तब पुलिस ने उसे बताया कि ऊदल का असली नाम ऊदल सिंह नहीं है और न ही वह राजस्थान के किसी शाही परिवार से है. फिर पुलिस उसके सामने पपला गुर्जर को लेकर आयी और उसे जिया के सामने बैठाया. तब जिया ने उससे (पपला से) पूछा कि वह कौन है? पुलिस को दिए बयान के अनुसार पपला ने साफ कहा कि मैं ऊदल सिंह नही हूँ, मेरा नाम पपला गुर्जर है. मैं एक बदमाश और गैंगेस्टर हूँ. मेरे सिर पर बहुत से कत्ल के इल्जाम हैं और 5 लाख का इनाम भी है. पपला ने जब ये कहा, तो जिया रो पड़ी और ये कहते-कहते पपला भी रो पड़ा. इसके बाद पूछताछ के लिए कई बार दोनों को आमने-सामने बैठाया गया और जब भी दोनों आमने-सामने बैठते, दोनों रो पड़ते. बाद में दोनों को हरियाणा लाया गया. हालांकि पपला ने पुलिस से कहा कि जिया बेकसूर है, उसको छोड़ दो. पुलिस को भी लग रहा है कि जिया बेकसूर है. लेकिन पुलिस ये जानना चाहती है कि पपला के और कितने साथी हैं, जो कोल्हापुर में मौजूद है. आगे क्या होगा पता नहीं, पुलिस ये बात अच्छी तरह जानती है कि पपला बहुत शातिर है. पहले भी वह 2 बार पुलिस को चकमा देकर भाग चुका है. ऐसे में पुलिस उसको लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है.
