पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन

पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन

देश की राजनीति में मचे घमासान के बीच देश के केंद्र-शाषित प्रदेश पुडुचेरी में विपक्ष की विदाई के बाद अब वहां पर राष्ट्रपति शासन लगने की पहल तेज हो गई है. केंद्रीय कैबिनेट ने देश के महामहिम रामनाथ कोविंद के पास राष्ट्रपति शासन लगाने की फाइल भेज दी है. ग़ौरतलब है कि पुडुचेरी में कुछ महीनों में विधानसभा का चुनाव संपन्न होने वाला है. मजे की बात है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही वहां की कांग्रेस सरकार गिर गई, जिसके बाद विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. ग़ौरतलब है कि पिछले दिनों विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने उप राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया था. पुडुचेरी में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद विपक्ष ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. इस कारण पुडुचेरी में उप राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की.

किस वजह से गिरी थी काँग्रेस की सरकार

पिछले दिनों काँग्रेस के पांच और डीएमके पार्टी के एक विधायक ने इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद नारायणसामी सरकार बहुमत से अल्पमत में आ गई थी. उप राज्यपाल ने तुरंत सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था. इस्तीफ़े की स्थिति के कारण विधानसभा में विधायकों की संख्या 26 थी, जिसमें से काँग्रेसी सरकार के 11 विधायक, स्पीकर को लेकर उनकी संख्या 12 है, जबकि विपक्ष के पास 14 विधायक हैं.

नारायणसामी ने मांग की थी कि जितने निर्वाचित विधायक हैं, उनको ही फ्लोर टेस्ट में शामिल किया जाये, यानी 23 विधायकों को. लेकिन स्पीकर ने इस मांग को खारिज कर दिया था. बहुमत गँवाने के बाद सी एम वी. नारायणसामी ने अपने पूरे मंत्रीमंडल के साथ उप राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौप दिया. उप राज्यपाल ने उनके इस्तीफ़े को मंज़ूर कर लिया था.

अचानक पुडुचेरी में सरकार का गिरना और राष्ट्रपति शासन का लगना इस बात का संकेत है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नीतिगत बदलाव की जरूरत है, अन्यथा एक और राज्य से कांग्रेस का सफाया होना तय होगा.

Akhilesh Namdeo