मरवाही के गंगनई नेचर कैंप जामवंत माडा के जंगल में शिकारियों के बिछाए फंदे में वयस्क मादा भालू की मौत,आठ माह के नर शावक को वन समिति के युवकों ने जीवित बचाया वास्तविक रहवास में छोड़ा
वन कर्मियों की जवाबदेही तय होगी जांच दल गठित कर होगी कार्यवाही :- रौनक गोयल DFO मरवाही मंडल

गौरेला पेंड्रा मरवाही
मरवाही वन मंडल के गंगनई नेचर कैंप के भालू जामवंत माडा में आज सुबह-सुबह शिकारियो के बिछाए जाल में फंस कर एक वयस्क मादा भालू की मौत हो गई, जबकि उसके आठ माह के नर शावक को युवकों ने बड़ी बहादुरी से सुरक्षित बचा लिया , जिसे मरवाही वनमंडलाधिकारी ने सुरक्षित ग्रामीणों के साथ वास्तविक रहवास में छोड़ दिया। मरवाही के नेचर कैंप जो भालूओ का रहवास का क्षेत्र है, भालू शेड्यूल 1 का प्राणी है जो शिकारियों के बिछाए जाल में फंसने और उसके मौत के बाद वन विभाग की सुरक्षा और वन कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है।

मरवाही वन मंडल में एक बार फिर शिकारी के बिछाए जाल में फंसकर वयस्क मादा भालू की मौत हो गई है ,मौत जिस इलाके में हुई है वह क्षेत्र मरवाही वन मंडल का नेचर कैंप का इलाका है, जहां भालू का वास्तविक रहवास का स्थल है चारों ओर पहाड़ियों से गिरा यह नेचर कैंप का इलाका में लगभग शिकारी ने जंगली जानवरों को फसाने के लिए मोटरसाइकिल के क्लच वायर का उपयोग कर सैकड़ो फंदे बना रखे थे, जिसमें बीते रात से भालू के फ़सने के बाद उसकी आवाज़ आ रही थी, ग्रामीणों को आवाज सुनाई तो इसकी सूचना वन विभाग को दी, परंतु वन विभाग ने इसकी थोड़ी भी सुध नहीं ली, नेचर कैंप के इलाके में अमूमन वीआईपी मूवमेंट रहता है वन विभाग चाहता तो भालू की इस आवाज को सुनकर निश्चित ही सुध लेता, परंतु किसी ने भी भालू के इस आवाज पर कोई भी चिंता व्यक्त नहीं की ।


लगातार आ रही आवाज को ग्रामीण युवकों ने ट्रेस किया तो पाया कि एक भालू और उसके ऊपर उसका शावक एक तार के जाल में फंस रखा है, तब इसकी सूचना युवकों ने वन विभाग को दी वन विभाग ने इस सूचना पर जितनी संजीदगी दिखानी थी, नहीं दिखाई नतीजा सुबह होते-होते मादा वयस्क भालू की मौत हो गई जबकि उसका शावक इस फंदे में फंसा रहा जिसे ग्रामीण युवकों ने बड़ी बहादुरी से उसे बचा लिया।

मरवाही DFO रौनक गोयल को जब इसकी सूचना मिली तो मौके में आकर इसकी पड़ताल की और पूरे मामले पर जवाबदारी कर्मचारियों पर जांच के बाद कार्यवाही करने की बात की है।

वही शिकारी के बिछाए जाल पर जांच के बाद कार्यवाही करने की बात की है और कुछ उल्लेखनीय है कि मरवाही वन मंडल का नेचर कैंप का इलाका भालू का रहवास का इलाका कहलाता है यहां आए दिन vvip मूवमेंट होते रहते हैं, जिसके कारण क्षेत्र हमेशा सुर्खियों में भी बना रहता है ऐसे में इस व्यस्ततम इलाके में शिकारियों ने कैसे अपना इतना लंबा जाल बिछा लिया वन विभाग के लिए जांच का विषय है ।


पूरे मामले और उसके बिछाए फंदे का पड़ताल किया तो पाया कि लगभग 50 मीटर लंबे केबल वायर में मोटरसाइकिल के क्लच वायर का सैकड़ों फंदा बनाया गया जिसमें कोई भी जंगली जानवर बड़ी आसानी से फसाया जा सकता है इतनी बड़ी संख्या में क्लच वायर का उपयोग कर जाल बिछाया जाना वन विभाग की निगरानी पर सवाल खड़ा करता है.
सवाल
1.जामवंत माडा गगनई के 500 मीटर के दायरे में 50 मीटर लंबा वायर का जाल जिसमें 100 से अधिक फंदे कब से लगे ? निगरानी समिति क्या कर रही थी ?
- 24 घंटे से भालू के फंदे में फंसे होने की आवाज ग्रामीणों ने नेचर कैंप के वनपाल और वनपाल ने रेंज अफसर को दी पर मौके पर जाकर किसी ने भी पड़ताल नहीं की क्यों?
- लगातार आवाजाही के क्षेत्र में शिकारियों ने कब इतना बड़ा जाल बिछाया, वन कर्मियों को सुध तक नहीं?
- इतनी बड़ी संख्या में क्लच वायर शिकारियों ने कहा से खरीदा जांच का विषय है।

