शहीद वीर नारायण की पुण्यतिथि पर डाहीबहरा में जुटा बैगा समाज, कामू बैगा बोले—“अधिकारों के प्रति सचेत रहें बैगा जनजाति”
फर्जी प्रमाण पत्र पर कामू बैगा का सख्त रुख—“हमारे हक में डाका डालने वालों का होगा विरोध”
शिक्षा, अधिकार और शराबबंदी पर जोर—बैगा समाज ने वीर नारायण की पुण्यतिथि पर लिया जागरूकता का संकल्प

गौरेला–पेंड्रा–मरवाही
अमरकंटक की तराई में बसे दूरस्थ बैगा बाहुल्य गांव डाहीबहरा में सोमवार को शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर बैगा जनजाति समाज का शानदार कार्यक्रम आयोजित हुआ। जंगलों की शांति के बीच जुटे बैगा समुदाय ने अपने महानायक वीर नारायण सिंह को नमन करते हुए अधिकार, शिक्षा और सामाजिक जागरूकता को लेकर एकजुट होने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित छत्तीसगढ़ बैगा समाज के प्रदेश अध्यक्ष एवं युवा नेता कामू बैगा ने कहा कि भारत सरकार ने विशेष संरक्षित बैगा जनजाति को अनेक विशेषाधिकार दिए हैं और “हमें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र का सम्मान प्राप्त है।”
उन्होंने जोर देकर कहा—
“बैगा समाज को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहना होगा। हमारे भोलेपन का फायदा उठाकर अन्य वर्ग फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर हमारे हक पर चोट कर रहे हैं, इसका मुखर विरोध किया जाएगा।”
कामू बैगा ने समाज में नौकरी कर रहे युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने पीछे छूटे परिवारों, बच्चों और समुदाय को आगे बढ़ाने में मदद करें। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के संघर्ष और बलिदान का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन पूरे समाज के लिए प्रेरणा है।
शराबबंदी पर बैगा समाज का कड़ा रुख
बैगा नेता समरथ बैगा ने सरकार से बिहार की तर्ज पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा,
“शराब समाज की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है, इसकी छूट से आदिवासी समाज का भला नहीं होने वाला। इसके लिए संविधान में संशोधन होना चाहिए।”

शिक्षा को बताया बदलाव का हथियार
कार्यक्रम में विशेष आतिथ्य के रूप में पहुंचे शिक्षाविद् अक्षय नामदेव ने कहा कि बैगा समाज का वास्तविक उत्थान शिक्षा से ही संभव है।
उन्होंने कहा—“हर बच्चा स्कूल पहुंचे, आवासीय विद्यालयों का लाभ ले और सरकार की योजनाओं का फायदा उठाए—यही आज का संकल्प होना चाहिए।”
जिला बैगा समाज अध्यक्ष प्रेम बैगा ने समाज को शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
वहीं राजकुमारी बैगा ने महिला शिक्षा पर जोर देते हुए कहा—“समाज तभी आगे बढ़ेगा, जब हमारी बेटियां शिक्षित होंगी।”
कार्यक्रम के संयोजक चंद्रप्रताप उइके ने बताया कि समाज जल–जंगल–जमीन और बैगा जनजाति के सभी पारंपरिक अधिकारों को सुरक्षित कराने के लिए सतत प्रयासरत है।
सामाजिक कार्यकर्ता रामनिवास तिवारी ने भी अपने उद्बोधन में अनेक प्रेरक उदाहरण साझा किए।

इस अवसर पर संभर बैगा, दयालु बैगा, जगत बैगा, सोनू बैगा, कल्लू बैगा सहित कई वक्ताओं ने समाज को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत शहीद वीर नारायण के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि के साथ हुई।
कार्यक्रम में बैगा जनजाति के पूर्व सरपंच डुमरिहा बैगा, कमलेश बैगा, राम सिंह बैगा, धन्नू बैगा, सुखराम बैगा, रामचंद बैगा सहित जिले के प्रमुख बैगा मुखिया उपस्थित रहे।

