भारत के नक्शेकदम पर ईरान, जल्द ख़त्म होगा पाकिस्तानी आतंकवाद

भारत के नक्शेकदम पर ईरान, जल्द ख़त्म होगा पाकिस्तानी आतंकवाद

दुनिया में जब भी आतंकवाद का नाम आता है, तो सबसे पहले ख्याल पाकिस्तान की तरफ जाता है. ये बात किसी से छुपी नहीं है, आतंकवाद को पालने पोसने का उसको बढावा देने का काम पाकिस्तान ने किया है. दुनियाभर की तमाम एजेंसीज इस बात का खुलासा कर चुकी है कि पाकिस्तान वित्तीय सैन्य और हथियारों से हर संभव मदद पाकिस्तान आतंकवाद के लिये करता आ रहा है. हां, ये बात अलग है, कभी कभी पाकिस्तान पोषित आतंकी पाकिस्तान में ही तांडव मचाना शुरू कर देते हैं. अब दुनिया के तमाम देश आतंकवाद का सफाया करने के लिये पूरी तरह मुस्तैद हो चुके हैं.

आप सभी जानते हैं, 18 सितंबर 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में इंडियन आर्मी के कैंप पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. भारत ने कड़ा रुख अख्तियार किया और ऐसा कदम उठाया कि न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया देखती रह गई. भारत ने 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी लॉन्च पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक की और उन्हें तबाह कर दिया था.

14 फ़रवरी 2019 जम्मू और कश्मीर के पुलवामा के पास एक ज़ोरदार विस्फोट होता है. और इसकी चपेट में आ जाता है, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 78 वाहनों का क़ाफ़िला. इस विस्फोट से 40 जवानों की घटनास्थल पर मौत हो जाती है. पूरे देश में दुःख और आक्रोश की लहर दौड़ जाती है. दो सप्ताह के बाद यानी 26 फ़रवरी को, भारत ने दावा किया कि भारतीय वायु सेना के मिराज-2000 विमान ने रात के अंधेरे में नियंत्रण रेखा को पार करके पाकिस्तान के पूर्वोत्तर इलाक़े, खैबर पख़्तूनख़्वाह के शहर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद नामक आतंकवादी संगठन के ‘प्रशिक्षण शिविरों’ के ठिकानों पर सिलसिलेवार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया है.

अब भारत के नक़्शे कदम पर ईरान भी चल पड़ा है.

पाकिस्‍तानी आतंकियों के लगातार हमले से भड़के ईरान की सेना ने भारत की राह पर चलते हुए कथित रूप से पाकिस्‍तानी सीमा में घुसकर सर्जिकल स्‍ट्राइक किया और अपने दो सैनिकों को छुड़ा लिया. बताया जा रहा है कि ईरान के अत्‍यंत प्रशिक्षित रिवाल्‍यूशनरी गार्ड्स ने पाकिस्‍तानी आतंकी संगठन जैश अल-अदल के ठिकाने पर हमला करके करीब ढाई साल से बंदी अपने जवानों को छुड़ा लिया. ईरान की फार्स न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक जैश उल-अदल एक कट्टरपंथी वहाबी आतंकवादी गुट है, जो दक्षिणी-पश्चिमी पाकिस्‍तान में ईरान सीमा पर सक्रिय है.

फार्स न्‍यूज एजेंसी ने बताया कि जैश उल-अदल ने ही फरवरी 2019 में ईरान सेना पर हमले की जिम्‍मेदारी ली थी, जिसमें कई जवान मारे गए थे. ईरान सेना ने गुप्‍त सूचना के आधार पर मंगलवार की रात को इस ‘सर्जिकल स्‍ट्राइक’ को अंजाम दिया. ईरानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा, ‘मंगलवार की रात को एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है और पिछले ढाई साल से जैश उल अदल के कब्‍जे में बंदी दो सैनिकों को छुड़ा लिया गया.’

ईरान ने जैश उल अदल को आतंकी संगठन घोषित किया

बयान में कहा गया है कि ईरानी सैनिक सफलतापूर्वक देश वापस लौट आए हैं. एनाडोलु एजेंसी के मुताबिक 16 अक्टूबर 2018 को जैश उल-अदल ने ईरानी सेना के 12 बार्डर गार्ड्स का अपहरण कर लिया था. इस घटना को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मर्कवा शहर में अंजाम दिया गया था. यह इलाका पाकिस्तान-ईरान सीमा के नजदीक स्थित है. इसके बाद दोनों देश की सेना ने जवानों को छुड़ाने के लिए एक ज्वाइंट कमेटी भी बनाई थी.

जैश उल अदल ने इनमें से 5 सैनिकों को नवंबर 2018 में छोड़ दिया था. 21 मार्च 2019 को पाकिस्तानी सेना ने अपनी कार्रवाई में ईरानी सेना के 4 अन्य सदस्यों का रेस्क्यू कर लिया था. ईरान ने जैश उल अदल को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है. यह संगठन ईरान के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाता रहता है. इसमें बलोच सुन्नी मुसलमान शामिल हैं जो ईरान सुन्नियों के अधिकारों की रक्षा करने का दावा करते हैं.

कौन है जैश उल-अदल आतंकी संगठन

जैश उल-अदल लंबे समय से पाकिस्‍तान-ईरान सीमा पर सक्रिय है और उसी ने ईरान के बसीज अर्द्धसैनिक ठिकाने पर हमला किया और ईरानी सेना के कई जवानों की हत्‍या कर दी थी. इस आतंकी गुट का दक्षिणी-पाकिस्‍तान में ठिकाना है और उसने सुन्‍नी आतंकी गुट जूनदुल्‍लाह के सदस्‍यों को अपने गुट में शामिल करके अपने अभियान की शुरुआत की थी. ईरान ने जूनदुल्‍लाह के कमांडरों को अरेस्‍ट कर लिया था. इसके बाद उसके बचे हुए सदस्‍य जैश उल-अदल में चले गए.

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जैश उल अदल ने वर्ष 2014 में भी 5 ईरानी सीमा रक्षकों का सीस्‍तान और बलूचिस्‍तान की सीमा से अपहरण कर लिया था और उन्‍हें पाकिस्‍तान के अंदर ले गए थे. करीब दो महीने बाद चार सैनिकों को छोड़ दिया गया था और एक सैनिक की हत्‍या कर दी गई थी. उसका शव ईरान को मिला था. मार्च 2015 में जैश उल अदल के एक सरगना सलाम रिगी को एक बस से अरेस्‍ट कर लिया था.

 

Akhilesh Namdeo