गलवान घाटी विवाद: भारतीय जवानों ने चीनी सेना को दिया मुहतोड़ जबाब
भारतीय और चीनी सेना के बीच तकरार की कहानी कोई नई नहीं है. कुछ दिन पहले दोनों सेना के बीच डोकलाम विवाद के बाद फिर लद्दाख में गलवान घाटी में विवाद की खबर आई. अरुणाचल प्रदेश में सीमा से सटे गाँव में चीनी सेना अतिक्रमण की फ़िराक में है, तो वहीं ताजा मामला सिक्किम से जुड़ा हुआ है.
पिछले हफ्ते चीनी सैनिकों ने सिक्किम के नाकू ला में घुसपैठ की नाकाम कोशिश की. भारतीय जवानों ने उन्हें रोकना चाहा, तो दोनों पक्षों में तनातनी हुई. भारत और चीन दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आई हैं. अभी हालात काबू में हैं. ख़ास बात ये है कि इस पूरी झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
पूर्वी लद्दाख से अलावा, चीन ने दूसरे सेक्टर्स में भी घुसपैठ की कोशिश की है.
उत्तरी सिक्किम में मुगुथांग दर्रे से आगे लगभग 19,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नाकु ला सेक्टर को चीन विवादित मानता है. 19,000 फीट की ऊंचाई पर ऐसी ठंड में इस तरह की घटना से इतना तो पता चलता है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर दोनों देशों के बीच हालात कितने खराब हैं. यहीं तारीफ़ करनी होगी कि भारतीय जवान LAC पर कितने तैयार हैं.
सिक्किम भारत का हिस्सा है – 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ इस बात पर समझौता हुआ था कि चीन इसपर कोई दावा नहीं करेगा. इसके बदले में भारत ने तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया था. लेकिन इसके एक साल के अंदर ही चीन के उप-विदेश मंत्री ने तत्कालीन विदेश मंत्री से कहा था कि यह मुद्दा अभी सुलझा नहीं है.
डोकलाम में रहा लंबा विवाद
पूर्वी लद्दाख में पिछले साल अप्रैल-मई के बाद से ही दोनों देशों के बीच गतिरोध बना हुआ है. 2017 में डोकलाम ट्राई जंक्शन पर 73 दिन तक तनाव की स्थिति रह चुकी है. उस वक्त भी ऐसा लगने लगा था कि युद्ध की संभावनाएं बढ़ने लगी है. फिर उसके करीब तीन साल बाद 2020 में नाकू ला दर्रे के पास तीखी झड़प हुई. उससे पहले लद्दाख में 5 मई 2020 को पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ चुके थे.
ऐसे कई बार भारत और चीन आमने-सामने आये और युद्ध की स्थिति भी बनी, तीखी झडपें हुई, मगर हथियारों का इस्तेमाल नहीं हुआ.

