पर्यटन विकास की दिशा में बड़ा कदम – जिले की पर्यटन समितियों के सदस्य प्रशिक्षण के लिए इंदिरा गांधी ट्राइबल विश्वविद्यालय रवाना,
कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना, दी शुभकामनाएं

गौरेला पेंड्रा मरवाही


जिले की अपार पर्यटन संभावनाओं को साकार रूप देने और इसे स्थानीय रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत स्थानीय समितियों के सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आज उन्हें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक के लिए रवाना किया गया।


इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने प्रशिक्षण के लिए रवाना हो रहे प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं देते हुए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और विश्वास जताया कि यह प्रशिक्षण उन्हें जिले में पर्यटन विकास के क्षेत्र में सशक्त भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगा।
जिला प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय के टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ एमओयू (MoU) किया गया है, जिसके अंतर्गत यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
कार्यशाला में कुल 12 दिवसीय प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसमें –
6 दिन का सैद्धांतिक व प्रायोगिक प्रशिक्षण

6 दिन का फील्ड प्रशिक्षण शामिल होगा।

इस दौरान प्रतिभागियों को यह सिखाया जाएगा कि किस प्रकार पर्यटकों का स्वागत किया जाए, उनके ठहरने, खानपान, गाइड सुविधा, आपातकालीन सहायता जैसे पहलुओं का प्रबंधन कैसे किया जाए, साथ ही स्थानीय संसाधनों व संस्कृति को पर्यटक अनुभव का हिस्सा कैसे बनाया जाए।

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य जीवन, जलप्रपातों और सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण है।
इस क्षेत्र में स्थानीय समितियों के माध्यम से पर्यटन का संचालन किया जा रहा है ताकि आर्थिक लाभ सीधे स्थानीय लोगों तक पहुंचे।
ऐसे में इन समितियों के सदस्यों का प्रशिक्षण न केवल सेवा की गुणवत्ता बढ़ाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के नए द्वार भी खोलेगा।



कलेक्टर श्रीमती मंडावी ने रवाना होने से पूर्व सभी प्रतिभागियों को विदाई करते हुए कहा “जिला प्रशासन का उद्देश्य सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि इसे स्थानीय समुदाय की आजीविका का मजबूत स्रोत बनाना है। आप सभी प्रशिक्षण में जो सीखेंगे, वही भविष्य में जिले को एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाने की नींव रखेगा।”
कार्यशाला में जिले की विभिन्न पर्यटन समितियों से 10 सदस्य चयनित किए गए हैं, जिन्हें विश्वविद्यालय के अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा व्यावसायिक और व्यवहारिक दोनों ही पहलुओं पर प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस पहल को लेकर जिले के पर्यटन प्रेमियों और जनप्रतिनिधियों ने भी प्रशासन की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले को छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल करने की दिशा में ठोस परिणाम मिलेंगे।

Akhilesh Namdeo

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