आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक प्रणव मरपच्ची का जिला का दायरा बढ़ाए जाने की मांग के कई मायने निकाल जा रहे

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का बढ़े दायरा-मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल हो सकता है कोरबा जिले का पसान मातिन क्षेत्र शामिल!!;

क्या चल रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में ही हो सकती है पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल करने की घोषणा?? 

अखिलेश नामदेव गौरेला पेंड्रा मरवाही

 क्या कोरबा जिले का दूरस्थ एवं पिछड़ा आदिवासी क्षेत्र पसान -मातिन क्षेत्र को छत्तीसगढ़ की नवगठित भाजपा सरकार गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल कर सकती है? यह बहस फिर एक बार राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि पिछड़े एवं उपेक्षित पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए शामिल नहीं कर पाए थे जबकि उन्होंने 10 फरवरी 2020 को जिला स्थापना दिवस के दिन स्वयं घोषणा की थी कि नए जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही में पसान- मातिन क्षेत्र में शामिल किया जाएगा परंतु यह उनकी 5 साल की सरकार के दौरान संभव नहीं हो सका।

दरअसल आज एक बार फिर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कोरबा जिले के पसान मातिन क्षेत्र को शामिल करने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में इसलिए होने लगी है क्योंकि आप 10 फरवरी 2024 को पेंड्रा मरवाही जिले के स्थापना दिवस की चौथी वर्षगांठ एवं अरपा महोत्सव के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के कद्दावर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की उपस्थिति में मरवाही से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची ने अपने उद्बोधन में जिले को छोटा बताते हुए इसके विस्तार की मांग कर डाली तथा कहा कि जिले का दायरा बढ़ाना चाहिए। उन्होंने मंच से कहा कि इस डेढ़ विधानसभा वाले जिले का दायरा बड़ा होना था, मुझे एक विधायक होने पर अकेला महसूस होता है। उन्होने जिले की सीमा बढ़ाने और योजनाओं का विकेंद्रीकरण के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए इसके लिए शासन से निवेदन करने की बात कही। मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची नहीं यह बात भले ही इशारे में कही है परंतु व्यापक जनहित तथा राजनीतिक दृष्टिकोण से यह बड़ी बात है। दरअसल जो बात विधायक श्री मरपच्ची ने कही है उसके राजनीतिक मायने के अलावा आदिवासी अंचल पसान मातिन क्षेत्र का हित भी छुपा हुआ है। सभी जानते हैं कि पसान मातिन क्षेत्र आज भी विकास की किरणों से कोसों दूर है तथा वहां के आदिवासियों को नए छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भी लाभ नहीं मिल पा रहा है वहां सड़क सुविधा, स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा मिलन अत्यंत कठिन है। जंगलों एवं नदियों के कारण अनेक गांव आज भी पहुंच विहीन है जिला मुख्यालय कोरबा के अधिकारी इस क्षेत्र की मॉनिटरिंग ठीक से नहीं कर पा रहे हैं तथा विकास योजनाओं का लाभ आदिवासी वर्ग को नहीं मिल रहा है।

पसान मातिन क्षेत्र आज भी शिक्षा स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले पर आश्रित है परंतु अलग-अलग जिला होने के कारण उन्हें सुविधाएं मिलने में अनेक दिक्कतें भी होती है ऐसे में यदि उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से जोड़ दिया जाए तो गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का न सिर्फ दायरा रा बढ़ जाएगा बल्कि वहां के लोगों को विकास की योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा तथा वहां के लोग विकास की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। कुछ राजनीतिक कारण एवं राजनीतिक नेताओं के कारण तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी घोषणा के बावजूद भी अमली जला जामा नहीं पहना ना सके थे। अब ऐसे में जब छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई विष्णु देव साय सरकार का गठन हुआ है तथा छत्तीसगढ़ में अभी विधानसभा सत्र चल ही रहा है और आने वाले कुछ महीनो में लोकसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में भाजपा के मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची द्वारा मरवाही जिले का दायरा बढ़ाए जाने की मांग के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि यदि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार विधानसभा सत्र के दौरान ही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कोरबा जिले के पसान मातिन क्षेत्र को शामिल करने की घोषणा कर देती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में इसका लाभ भारतीय जनता पार्टी को मिल सकता है साथ ही विकास की धारा से कटे पसान मातिन क्षेत्र की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी।

Akhilesh Namdeo

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