छत्तीसगढ़ में हड़ताल का हो गया शंखनाद

छत्तीसगढ़ में हड़ताल का हो गया शंखनाद

सातवें वेतनमान के अनुसार केंद्र के सामान देय तिथि से मंहगाई भत्ता एवं गृह भाड़ा भत्ता सहित 5 सूत्रीय मांग को लेकर 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने 31 जुलाई तक मांगे पूरी किए नहीं किए जाने पर मुख्य सचिव को दिया अनिश्चितकालीन हड़ताल का नोटिस

अखिलेश नामदेव रायपुर छत्तीसगढ़,

आखिरकार छत्तीसगढ़ में कर्मचारी अधिकारियों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का शंखनाद कर दिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने छत्तीसगढ़ सरकार को 1 अगस्त अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का नोटिस दे दिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल शर्मा, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला तथा छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत ने मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को अल्टीमेटम देते हुए कहां है कि यदि सरकार 21 जुलाई तक हमारी पांच सूत्रीय मांग पूरी नहीं करती तो छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी कर्मचारी 31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

मुख्य सचिव को हड़ताल की नोटिस

इस संबंध में मुख्य सचिव,
छत्तीसगढ़ शासन मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर अटल नगर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचकर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का ज्ञाप क्रमांक 03, दिनांक 23 जून 2023 का हवाला देकर कहा गया है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा समय-समय पर ज्ञापन, धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन के माध्यम से निम्नांकित पांच सूत्रीय मांगों के संबंध में ध्यानाकृष्ट कराया जाता रहा है। किन्तु शासन द्वारा आज पर्यन्त मांगों के संबंध में प्रतिनिधिमण्डल से चर्चा कर कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण प्रदेश के समस्त शासकीय सेवकों में भारी आक्रोश व्याप्त है तथा संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर 07 जुलाई 2023 को प्रदेश व्यापी हड़ताल में कर्मचारियों ने अपना आक्रोश प्रदर्शित किया है। संयुक्त मोर्चा द्वारा 09 जुलाई, 2023 को आहूत की गई बैठक के निर्णयानुसार 05 सूत्रीय मांगों में आंशिक संशोधन कर, मांग पत्र देते हुए कहां गया है कि सातवें वेतनमान के आधार पर केन्द्र के सामान देय तिथि से गृह भाड़ा भत्ता (एचआरए) तथा
कर्मचारियों / पेंशनरों को महंगाई भत्ता / महंगाई राहत प्रदान किया जाए। दूसरी मांग प्रदेश के कर्मचारियों की विभिन्न मांगो को लेकर गठित पिंगुआ कमेटी एवं सा०प्र०वि० के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति हेतु गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। तीसरी मांग कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन हेतु राज्य के समस्त कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान क्रमशः 8, 16, 24 एवं 30 वर्ष की सेवा अवधि उपरांत प्रदान किया जाए एवं अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को नियमित किया जावे। (4) पुरानी पेंशन का लाभ दिलाने हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जावे एवं पूर्ण पेंशन का लाभ अर्हतादायी सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष किया जाए तथा पांचवी मांग है कि कोविड काल में मितव्ययिता के दृष्टिगत समस्त विभागों की नवीन भर्ती में परिवीक्षा पर लागू स्टायपण्ड प्रणाली के स्थान पर पर पूर्ववत 02 वर्ष परिवीक्षा अवधि पूर्ण वेतनमान पर लागू किया जाए। मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस द्वारा लेख किया गया है कि उपरोक्त मांगों का शासन द्वारा 31 जुलाई 2023 तक निराकरण नहीं किया गया तो छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा से संबद्ध संगठन, छ0ग0 कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, छ0ग0 कर्मचारी अधिकारी महासंघ छ0ग0 मंत्रालयीन कर्मचारी संघ एवं प्रदेश के समस्त कर्मचारी / अधिकारी संगठनों के द्वारा 01 अगस्त, 2023 से अनिश्चितकालीन आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।

अब होगी सरकार के निर्णय सबकी पर नजर

छत्तीसगढ़ के सभी अधिकारी कर्मचारियों के 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्णय पर सबकी नजर होगी। दरअसल अभी तक ऐसा माना जाता रहा है तथा देखा गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बीते साढ़े 4 साल के भीतर जितने भी कर्मचारी संघ के आंदोलन हुए हैं वह उनके दबाव में कभी भी नहीं आए तथा कर्मचारियों को जो कुछ भी दिया वह अपनी इच्छा अनुसार ही दिया है परंतु विधानसभा चुनाव के ठीक पहले छत्तीसगढ़ के सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने जिस तरह से एकता बनाकर सरकार को अपने घेरे में लेकर दबाव बनाने का प्रयास किया है उससे स्वभाविक रूप से यह सवाल उठता है कि 4 महीने बाद होने वाले चुनाव को देखते हुए क्या मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारियों के दबाव में आकर कोई निर्णय लेंगे! छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा का मानना है कि छत्तीसगढ़ के कर्मचारी अधिकारी लंबे समय से अपनी मांगों को शांति पूर्वक पूर्ण कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं तथा सभी मांगे एकदम जायज है जिन की उपेक्षा सरकार के द्वारा की जा रही है। शायद यही कारण है कि है कि पहली बार छत्तीसगढ़ में ऐसा हुआ है जब छत्तीसगढ़ के लगभग 158 कर्मचारी संघ ने आपसी आपसी मतभेद भुलाकर एक मंच पर आकर अपनी 5 सूत्रीय मांगे रखी है तथा उन्हें अपनी एकता के बल पर भरोसा है कि सरकार इस बार उनकी मांगे अवश्य पूरी कर देगी खासकर तब जब सुनाओ को सिर्फ 4 महीने ही बचे हैं

Akhilesh Namdeo

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