राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की 386 जयंती पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज होंगे शामिल

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के जिले में प्रवास से अंचल के लोगों की उम्मीदें जागी

पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल करने सहित मेडिकल कॉलेज की स्थापना, पेंड्रा बाईपास सड़क तथा केंवची पिपरिया सड़क के निर्माण का मार्ग हो सकता है प्रशस्त

जयंती समारोह में शामिल होंगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, केंद्रीय मंत्री तोखन साहू एवं प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल

अखिलेश नामदेव

गौरेला पेंड्रा मरवाही 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज  गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के प्रवास पर रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जिले में प्रथम प्रवास हो रहा है इस लिहाज से अंचल के लोगों को विकास से कटे पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में जोड़ने सहित मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं पेंड्रा बाईपास सड़क के निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति की उम्मीद जगी है।

दरअसल गौरेला पेंड्रा जिले का राठौर समाज राष्ट्रवीर दुर्गादास जी की जयंती प्रतिवर्ष 13 अगस्त को धूमधाम से परंपरागत रूप से मनाता है। इस वर्ष 13 अगस्त को राष्ट्रवीर दुर्गादास की 386 वीं जयंती आयोजित की जा रही है


जिसमें मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू जिले के प्रभारी मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल विधायक सुशांत शुक्ला एवं अन्य भाजपा के नेता शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए जहां नर्मदा अंचल राठौर क्षत्रीय समाज तैयारियों में जुटा हुआ है वहीं जिला प्रशासन गौरेला पेंड्रा मरवाही भी अपनी ओर से मुख्यमंत्री के आगमन पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य तैयारी में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाह रहे हैं। मुख्यमंत्री के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में प्रवास को देखते हुए अंचल के लोगों में कई तरह की उम्मीद जगी है खासकर कोरबा जिले का दूरस्थ वनांचल क्षेत्र एवं गौरेला पेंड्रा जिले के सीमावर्ती पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल किए जाने को लेकर है। पसान मातिन क्षेत्र जो कि स्वास्थ्य ,शिक्षा ,सड़क, सिंचाई, बिजली पानी एवं अन्य बुनियादी असुविधाओं से लंबे समय से जूझ रहा है वहां के लोगों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले पसान मातिन क्षेत्र को शामिल किए जाने की घोषणा कर सकते हैं।

पसान मातिन क्षेत्र कि जिस तरह की भौगोलिक बनावट है वह वहां के निवासियों के लिए अत्यंत तकलीफदेह है। सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए पसान मातिन क्षेत्र को कोरबा जिले से जोड़े रखा गया है जबकि इस राजनीतिक कुचक्र से विशाल आदिवासी आबादी को भयंकर तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है तथा यह क्षेत्र आज भी विकास के मामले में अछूता रह गया है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 13 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में पसान मातिन क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल किए जाने की घोषणा कर सकते हैं।

इसी तरह गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का मामला है जिसकी जिले के लोग लंबे समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं। दरअसल अभी स्थिति यह है कि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में जो जिला चिकित्सालय सेनेटोरियम में संचालित हो रहा है वह गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के लिए मात्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। जिला बने 5 साल होने जा रहे हैं परंतु इसके बावजूद गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के लोगों को इलाज के लिए आज भी बिलासपुर एवं रायपुर जाना पड़ता है जो इस अंचल के लोगों के लिए अत्यंत तकलीफ का कारण बना हुआ है। वर्तमान में जिला चिकित्सालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त होने एवं अन्य गंभीर बीमारी पर इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में इलाके के लोगों की मुख्यमंत्री से उम्मीद है कि वह गौरेला पेंड्रा मरवाही में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की घोषणा करें ताकि यहां की विशाल आबादी को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जा सके।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जिले में प्रवास से अंचल के लोगों को यह भी उम्मीद है कि वे 13 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम के दौरान बहुप्रतीक्षित पेंड्रा बाईपास के लिए बजट के स्वीकृत की घोषणा कर दें।

पेंड्रा बाईपास का मुद्दा कुछ इस तरह का हो गया है कि यह भाजपा सरकार को मुंह सा चिढ़ा रहा है जबकि पेंड्रा बाईपास निर्माण की स्वीकृति पूर्ववर्ती भाजपा शासन काल में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के कार्यकाल में ही हो चुकी थी परंतु पेंड्रा बाईपास को ऐसा ग्रहण लगा कि आज तक इस सड़क पर काम शुरू नहीं हो पाया जबकि बीते 10 फरवरी को पेंड्रा में आयोजित अरपा महोत्सव में प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में तत्कालीन वरिष्ठ भाजपा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पेंड्रा बाईपास सड़क निर्माण के लिए एक महीने के भीतर बजट स्वीकृत करने की घोषणा की थी परंतु समय गुजरता जा रहा है इस पर कोई हलचल नहीं हो रही है जबकि पेंड्रा बाईपास सड़क निर्माण के अभाव में जिले का यातायात व्यवस्था अस्त व्यस्त एवं गड़बड़ है ।आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पेंड्रा अंतरराज्यीय मार्ग में स्थित होने के बावजूद भी यहां पर रोजाना नो एंट्री करना पड़ता है जिससे बड़ी-बड़ी गाड़ियां मुख्य मार्ग में खड़ी रहती है जो दुर्घटना का कारण बनती है। अंचल के लोगों को यह भी उम्मीद है कि पूर्व में केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रतनपुर से केंवची एवं केंवचीं से पिपरिया टू लेन की सड़क बनाने की घोषणा की थी परंतु केंवचीं से पिपरिया टूलेन सड़क निर्माण कार्य का टेंडर आमंत्रित नहीं किया गया वहीं रतनपुर से कैंवची का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है जबकि केंवचीं से पिपरिया टू लेन सड़क गौरेला पेंड्रा होकर पसान पिपरिया को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है परंतु इस महत्वपूर्ण सड़क के निर्माण को यह कहकर स्वीकृति नहीं दी गई थी कि इस मार्ग में आवागमन काम है जबकि वर्तमान में इस सड़क पर आवागमन का काफी दबाव है ऐसे में अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से केंवची पिपरिया मार्ग के निर्माण स्वीकृति के उम्मीद है। इसी तरह गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के बहुप्रशिक्षित कोलबिरा जलाशय एवं जिलदा-शैला जडगा मार्ग के निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति की अपेक्षा अंचल के लोगों ने लगा रखी है।

Akhilesh Namdeo

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