चीन की करारी शिकस्त, पैंगोंग झील से पीछे हटने को हुआ मजबूर

चीन की करारी शिकस्त, पैंगोंग झील से पीछे हटने को हुआ मजबूर

मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही, भारत की रक्षा और सुरक्षा प्रणाली में काफी बड़ा बदलाव किया है. सरकार हमेशा से ही सैन्य ताकतों की प्रबलता की ओर ध्यान देती है. जिससे किसी भी कीमत पर पड़ोसी मुल्क, खासकर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों को भारत के सैन्य तंत्र के ताकत का पता हो और भारत से टक्कर लेने से पहले दुश्मन देश की रूह कांप जाए.

बात अगर भारत के दुश्मन पड़ोसी देश की करे, तो चीन और पाकिस्तान का नाम सर्वविदित है. पाकिस्तान के साथ विवाद और युद्ध की स्तिथि LOC पर बनीं रहतीं है, जबकि चीन के साथ विवाद की स्तिथि LAC पर बना रहता है. हां, यह बात सभी जानते है, चीन और पाकिस्तान कभी सफल नहीं हो पाते है. वजह, मौजूदा मोदी सरकार सेना को खुलीं छुट प्रदान की है, ईंट का जवाब पत्थर से देने के लिए. अब हमारे देश की सरकार बदल चुकीं है, हमारी सेना के हाथ बंधे नहीं है.

 टकराव की स्थिति का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.

चीन हमेशा से ही भारत की सरजमी को हथियाने के प्रयास से कोई न कोई धूर्तता भरे काम करता रहता है. गलवान घाटी में जो विवाद की स्तिथि है, वों करीब 10 से 11 महीने पहले से है. जिस विवाद को निपटाने के प्रयास से कई बार दोनों सेना के उच्च सैन्याधिकारियो के बीच बात चित का दौर भी चला लेकिन लेकिन कोशिशे हर बार बेनतीजन ख़त्म हो गईं.

हालिया घटनाक्रम, क्या है, LAC पर तनाव ख़त्म करने की कोशिश की गई है.

भारत और चीन के बीच जारी विवाद को निपटाने की दिशा में दोनों देशों ने सहमती दर्ज करते हुये, पैंगोंग लेक से दोनों देशो की सेना हटने का फैसला की है, 48 घंटे का समय निर्धारित हुआ है, जिसके भीतर पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत दोनों की सेना अप्रैल 2020 की स्तिथि में आ जाएगीं. रक्षामंत्री ने कहा हमने कुछ खोया नहीं देश के सुरक्षा में मौजूद देश के वीर सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुये विपरीत हालात में भी डटे.

 china vs india

रक्षामंत्री ने कहा कि चीन और भारत इस बात पर सहमत हैं कि वार्ता के तहत और समझौता जल्द से जल्द कर लिया जाए. राजनाथ सिंह ने आगे कहा चीन हमारे संकल्प को भलीभांति जानता है. रक्षा मंत्री ने आगे कहा पैंगोंग लेक के नॉर्थ और साउथ बैंक पर विघटन का समझौता हो गया है.
जो हमारे देश के लिये राहतभरी खबर है.

rajnath singh jiभारतीय सेना के सुरवीरों ने अत्यंत बहादुरी से लद्दाख की ऊंची और दुर्गम पहाड़ियों पर तथा कई मीटर बर्फ के बीच में भी देश की सीमा की रक्षा करते हुए पूरे जज्बे के साथ तटस्थ हैं और इसी कारण हमारा बढ़त बनी हुई है. हमारी सेना ने हर बार की तरह इस बार भी साबित करके दिखाया कि माँ भारतीय के संप्रभुता, अखंडता की रक्षा करना हमारा नैतिक धर्म एवं कर्तव्य है. हम दुश्मन राष्ट्र से हर चुनौतियों से लड़ने के लिए तत्पर हैं और सदैव तैयार हैं.

Akhilesh Namdeo