चीन ने जारी किया गलवान झड़प का फ़िल्मी वीडियो

चीन ने पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात स्वीकार करने में 8 महीने लगा दिए. चीन की इस स्वीकारोक्ति के बाद अब चीन के सरकारी भोंपू ग्लोबल टाइम्स ने एक वीडियो भी जारी किया है. 3 मिनट के इस वीडियो को काफी ज्यादा एडिट किया गया है. इसके माध्यम से चीन ने इस झड़प का पूरा ठीकरा भारत पर फोड़ने का प्रयास किया है. इस वीडियो में चीन ने अपने मारे गए सैनिकों के फोटो भी दिखाए हैं.
सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि पैंगोंग इलाके में फेसऑफ में मुंह की खाने के बाद चीन को अपनी बची खुची इज्जत बचाने के लिए ये प्रोपेगेंडा वीडियो तैयार करना पड़ा. प्रोपेगेंडा के ज़रिये उसने भारत की नकारात्मक छवि बनाने की कोशिश की है. ग्लोबल टाइम्स के अनुसार भारतीय सेना ने पूर्व में हुए समझौतों को नकारते हुए एल ए सी का उल्लंघन किया और उनके इलाके में सड़कों और पुलों का निर्माण करना शुरू कर दिया. चीनी सैनिक जब इस इलाके में विरोध करने पहुंचे, तो बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों ने उनपर हमला कर दिया. इसी वजह से यह तनाव खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया. प्रोपेगेंडा में माहिर ग्लोबल टाइम्स ने सारा दोष भारत पर मढ़ते हुए चीनी सेना को क्लीन चिट दे दिया.
इस वीडियो के अंत में चीनी प्रोपेगेंडा मशीन ग्लोबल टाइम्स ने मारे गए चीनी सैनिकों की वीरगाथा बताते हुए उनके फोटो भी दिखाए.
An on-site video reveals in detail the four #PLA martyrs and other brave Chinese soldiers at the scene of the Galwan Valley border clash with India in June 2020. https://t.co/hSjP3hBnqr pic.twitter.com/g6zNpT1IrX
— Global Times (@globaltimesnews) February 19, 2021
क्या हुआ था गलवान घाटी झड़प में
भारत सरकार के अनुसार पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच ख़ूनी झड़प हुई थी. भारत ने अपने 20 सैनिकों के शहीद होने की पुष्टि की थी. शुरुआती ना-नुकुर के बाद चीन ये माना था कि उसके भी सैनिक हताहत हुए थे, पर उसने कभी उनकी संख्या नहीं बताई. हालांकि भारतीय एवं विदेशी मीडिया एजेंसीज तथा कई देशों ने समय-समय पर मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या 35 से 55 होने का दावा किया है.
कोरोना पर पूरी दुनिया में बदनामी झेलने के बाद चीन ने दुनिया का ध्यान इससे हटाने के लिए पूर्वी लद्दाख में घुसपैठ शुरू कर दी थी. मई के महीने में पैंगोंग झील इलाके में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसके बाद दोनों ओर से सीमा पर फ़ौज एवं सैन्य साजोसामान का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. देखते ही देखते दोनों ओर से एल ए सी पर हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी गई.
चीनी सैनिकों को खाली हाथ ही मसल दिया
गलवान घटी में झड़प की तैयारी चीनी सेना ने पहले से कर रखी थी. दोनों सेनाओं के बीच गोली नहीं चलाने की संधि थी. भारतीय सैनिकों ने गलवान घाटी में उस संधि का सम्मान करते हुए चीनी सैनिकों द्वारा कील लगे डंडे और लोहे की छड़ों से हमला किये जाने के बावजूद कोई फायरिंग नहीं की. उन्होंने निहत्थे लड़ते हुए अपने से संख्याबल में ज्यादा चीनी सैनिकों को सबक सिखाया.
6/15日的加萬山谷(Galwan Valley)肉搏戰印中兩國軍隊互有死傷,但是中國使中拒絕透露有多少人犧牲,以及造成甚麼樣的損失,情報稱已經有35名解放軍官兵陣亡,這是其中流出的照片資訊,一群陣亡士官兵的墳墓牌。 pic.twitter.com/RLzfXTPdwS
— Amy Cheng (@Taihoku1895) August 30, 2020
चीन का झूठ!
भारत ने घटना के बाद अपने 20 सैनिकों के शहीद होने की घोषणा की थी. लेकिन चीन ने अब से पहले कभी नहीं कबूला था कि उसके कितने सैनिक झड़प में मारे गए. रूस की न्यूज़ एजेंसी तास ने इसी महीने एक दावा किया था कि गलवान घाटी की झड़प में चीनी सेना ने 45 जवानों को खोया था. पाकिस्तान को छोड़कर कोई भी देश चीन के इस दावे का समर्थन नहीं कर सकता है. पिछले साल अगस्त में सोशल मीडिया पर चीनी सैनिकों की सामूहिक कब्रगाह दिखाई, जिसपर लिखा था कि ये सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हुए थे. प्रश्न यह उठता है कि हाल ही में चीनी सैनिकों की भारत को छोड़कर किसी अन्य देश से कोई झड़प नहीं हुई. फिर तिब्बत जैसे भौगोलिक परिस्थितियों वाले क्षेत्र में चीनी सैनिकों की इतनी कब्रें कैसे? दिलचस्प बात है कि सैनिकों का अंतिम संस्कार उनके घर के आसपास किया जाता है, न कि सीमावर्ती इलाकों में. चीनी सेना में तिब्बती लोगों की संख्या कम होती है, ऐसे में ये उनकी कब्र होने का प्रश्न ही नहीं उठता है.
उम्मीद है कि जल्द ही भारतीय सेना भी अपनी ओर से कुछ वीडियो रिलीज़ करके इन प्रोपेगेंडा पर विराम लगाएगी.
