चीन पाकिस्तान जुगलबंदी से निपटने के लिये भारत तैयार

चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी से निपटने के लिये भारत तैयार
आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने अपनी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन और पाकिस्तान को साझा खतरा बताते हुए कहा कि यह ऐसी हकीकत है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है. नरवणे 15 जनवरी को आयोजित होने वाले इंडियन आर्मी डे से पहले मीडिया से मुखातिब हुए थे.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर हमारे लिए बड़ा जोखिम पैदा करते हैं, इसकी आशंका को अनदेखा नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को गले लगाए हुए है. आतंक के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है. हमारे पास अधिकार है कि अपने चुने हुए समय और स्थान पर सटीक पलटवार करें. हम यह संदेश दे चुके हैं.’
सेना में नई तकनीक के इस्तेमाल पर जनरल नरवणे ने कहा, ‘भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है ताकि मौजूदा सभी तकनीकों का इस्तेमाल करके आधुनिक तकनीक से सुसज्जित सेना बनाई जा सके.’
पिछले साल लद्दाख सीमा पर चीनी सेना की गतिविधि पर उन्होंने कहा, ‘एल.ए.सी पर चीन की तरफ से जो मोबलाइजेशन हुआ था वह नया नहीं था. वह हर साल ट्रेनिंग के लिए आते हैं. हमारी नजर भी थी. पर वह ऐसा करेंगे यह अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था. फर्स्ट मूवर एडवांटेज उन्हें मिला. जैसा हमें अगस्त में मिला और हमने उन्हें सरप्राइज किया.’
आर्मी चीफ नरवणे ने कहा, ‘चीन के सैनिक अपने ट्रेनिंग एरिया में थे, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद वह अपने गैरेसन में वापस गए. हालांकि गतिरोध के पॉइंट पर न चीन के सैनिक कम हुए हैं ना ही हमारे. LAC पर हालत में कोई बदलाव नहीं आया है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘एलएसी पर गतिरोध का हम बातचीत से हल चाहते हैं. उस पॉइंट पर सहमति हो सकती है जिससे हमारे राष्ट्रीय हित प्रभावित ना हो. अगर गतिरोध लंबा चलता है तो चलने दो, हम इसके लिए तैयार हैं.’
आर्मी चीफ एमएम नरवणे का कहना था कि आर्मी एविएशन में अब तक महिला ऑफिसर सिर्फ ग्राउंड ड्यूटी पर ही थी पर अब इस साल जुलाई से जब कोर्स शुरू होगा तब महिलाएं फ्लाईंग विंग में भी शामिल होंगीं.एक साल बाद आर्मी एविएशन में महिला फाइटर पायलट होंगीं. एयरफोर्स, नेवी के बाद अब महिलाएं आर्मी में भी पायलट के रोल में होंगीं. इस साल से ट्रेनिंग शुरू होगी.
सेना प्रमुख ने कहा, ‘कश्मीर में हालत सुधरे हैं लेकिन अभी भी हालात ऐसे नहीं है कि जम्मूकश्मीर से आर्मी को हटाया जाए. नॉर्थ ईस्ट से आर्मी की एक ब्रिगेड हटाई गई है. हालात की समीक्षा हो रही है. जिसके बाद एक या दो ब्रिगेड और हटाई जा सकती है. इसके बाद हम अपने प्राइमरी टास्क यानी एक्सटरनल सिक्योरिटी पर फोकस करेंगे.
