छात्राओं द्वारा अधीक्षका द्वारा की जा रही अनियमितता की शिकायत पर कलेक्टर ने किया कस्तूरबा गांधीआवासीय विद्यालय गौरेला का निरीक्षण

दैनिक उपयोग के सामग्रियों की नियमित आपूर्ति तथा व्यवस्थाओं में और अधिक सुधार लाने के निर्देश

नवपदस्थ कलेक्टर लीना मंडावी से है उम्मीद ,
जिले के सभी आदिवासी छात्रावासों एवं एकलव्य आवासीय विद्यालयों की स्थिति सुधारेंगी

         
अखिलेश नामदेव गौरेला पेंड्रा मरवाही

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय गौरेला की  छात्राओं द्वारा छात्रावास अधीक्षक द्वारा बरती जा रही अनियमितता की शिकायत के बाद जिले की नव नवपदस्थ कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने संवेदनशीलता बरतते हुए कस्तूरबा आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होने बालिकाओं के शयन कक्ष, किचन, बाथरूम, शौचालय तथा आवासीय परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।


            कलेक्टर ने समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्यवक श्रीमती अनुपमा राजवाड़े को आवासीय विद्यालय की बालिकाओं को दैनिक उपयोग की वस्तुएं-साबुन, सोडा, निरमा, तेल आदि की आपूर्ती में किसी तरह की कमी नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होने आवासीय परिसर के किचन गार्डन में उगाए गए टमाटर, धनिया, लाल भाजी, पालक भाजी, केला, पपीता का भी अवलोकन किया और उद्यानिकी विभाग की योजना के तहत किचन गार्डन को और अच्छे से विकसित कराने परियोजना निदेशक डीआरडीए केपी तेंदुलकर को निर्देश दिए।

             कलेक्टर ने बालिकाओं से संस्कृत के श्लोक और उनके भावार्थ के साथ ही हिन्दी व्याकरण, पहाड़ा ज्ञान आदि की परख की। उन्होने आवासीय विद्यालय की बालिकाओं के पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ बैडमिंटन, कैरम आदि इन एवं डोर एवं आउटडोर खेलों के लिए सामाग्री उपलब्ध कराने छात्रावास अधीक्षिका को निर्देश दिए। इसके साथ ही कस्तूरबा आवासीय विद्यालय की बालिकाओं के लिए न्योता भोज आयोजित कराने डीएमसी को निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्वयं हर महीने आवासीय विद्यालय का निरीक्षण करने और व्यवस्थाओं का जायजा लेने की बात कही। निरीक्षण के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी जे के शास्त्री एवं सहायक परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा अयाज जुनजानी भी उपस्थित थे।

छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर छात्रावास में फैली अव्यवस्था और अधीक्षका के अनियमितता की थी शिकायत

उल्लेखनीय है कि कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर छात्रावास में फैली अव्यवस्था और अधिक्षका के खिलाफ कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी से मुलाकात कर शिकायत  की थी। कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय जहां पर रहने वाली छात्राएं बड़ी संख्या में अचानक जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं। बच्चो ने छात्रावास में पदस्थ अधीक्षका सरिता टोप्पो पर दैनिक उपयोग का सामान नहीं देने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप के साथ खाने को भी मेन्यू के हिसाब से नही देने का आरोप लगाया है।

छात्रावास की बच्ची पहुंची कलेक्टर कार्यालय

छात्राओं ने बताया कि छात्रावास में अनिमितता फैली हुई है हर दिन नाश्ते में उन्हें पोहा दिया जाता है जिसके चलते हमेशा बच्चों के पेट में दर्द भी होने की शिकायत होती है साथ ही छात्रावास में मेन्यू के अनुसार भोजन भी नही मिलता अंडा चिकन कभी नही दिया जाता जबकि ये सभी चीज मेन्यू में है। वही बच्चो का आरोप है कि उन्हें कपड़े धोने के लिए साबुन तक देने को अधीक्षका कहती है उनके पास बजट नही है। तो छात्रवास में रहने वाली बच्चियों के कहना है कि मेडम रात में छात्रावास में नही रहती है वहीं जिला कलेक्टर लीना मंडावी ने बच्चो की शिकायत सुनने के बाद ने जांच कर जरूरी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में जाकर जांच की ।

जिले के आदिवासी छात्रावासों एवं एकलव्य आवासीय विद्यालयों का है बुरा हाल

बच्चों की थाली से कमीशन खोरी की प्रवृत्ति के चलते नहीं सुधरा छात्रावास में भोजन का स्तर

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित आदिवासी छात्रावासों एवं एकलव्य विद्यालयों का अत्यंत बुरा हाल है। जिले के एकलव्य विद्यालयों लाटा,नेवासा,डोंगरिया में जहांअनियमितता एवं भ्रष्टाचार की शिकायतें पहले ही जिला प्रशासन एवं शान स्तर पर लंबित पड़ी हुई है वही इन विद्यालयों में शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्तियों में हुए भ्रष्टाचार एवं लेनदेन की शिकायतें लंबित पड़ी है। जिले के आदिवासी छात्रावास में भी यही स्थिति है यहां छात्रावासो में घटिया स्तर की भोजन एवं सुरक्षा को लेकर हमेशा शिकायते होती रही है परंतु कभी भी छात्रावासों की व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने की दिशा में कोई प्रशासनिक पहल नहीं हुई जबकि छात्रावास में रहने वाले बच्चों के खाने-पीने एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए आदिवासी विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन एवं केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त बजट का प्रावधान है परंतु उसके बावजूद भी बच्चों के थाली से कमीशन खोरी की प्रवृत्ति के कारण छात्रावास में रहने वाले बच्चों को कभी भी सही तरीके से भोजन नहीं मिल पाता। बीते दिन जिस तरह से जिले की नवपदस्थ कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मंडावी छात्रों की शिकायत पर जिस तरह से कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय पहुंचकर व्यवस्था सुधारने तथा अधीक्षक को सुधरने के निर्देश दिए हैं उससे ऐसा पआने वाले सत्र 2024 -25 में जिले के सभी आदिवासी छात्रावासों एवं एकलव्य विद्यालयों की व्यवस्था खान-पांच रहन-सहन में आमूल चूर सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है।

Akhilesh Namdeo

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