कांग्रेस को नीतिगत बदलाव की जरूरत, मीडिया वॉरियर बाद की बात है

बदलते वक्त के अनुसार राजनीतिक पार्टियों की नीतियों में भी फेरबदल होता रहता है. जब देश आजाद हुआ और लोकतंत्र की स्थापना हुयी तो उस वक्त राजनीतिक पार्टी के रूप में कांग्रेस का एकतरफा राज था. कहते है समय गतिमान है और वक्त अपने गर्त में बहुत से बदलाव को पिरोये बैठता है. वक्त गुजरा और राजनीतिक अखाड़े में बहुत सी राजनीतिक पार्टियों ने लोकतंत्र के महापर्व में अपनी रणनीति के हिसाब से अपना भाग्य आजमाने के लिये दंगल में कूद पड़ी. वक्त के हिसाब से परिवर्तन करना पड़ता है, बात चाहे व्यक्तिगत आदर्शो की हो समाज की हो देश की हो या फिर राजनीतिक पार्टियों के नीतियों की हो सभी पहलूओ पर परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत धर्म है.
अभी एक खबर देखने को मिली, कांग्रेस पार्टी अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अपनी ताकत बढ़ाने की कवायद में जुट गई है. कांग्रेस ने सोमवार को पांच लाख ‘सोशल मीडिया वॉरियर तैयार करने के उद्देश्य से एक हेल्पलाइन नंबर और एक डेडिकेटेड सोशल मीडिया पेज लांच किया है.
डिजिटल प्लेटफार्म पर इतना जोर क्यों
जब से देश की कमान मोदी सरकार ने संभाली है, संचार और तकनीकी के क्षेत्र में देश काफी तरक्की किया है, इस बात को कोई झुठला नहीं सकता भले वों सरकार विरोधी विचार का अनुपालक क्यों न हो. 2014 के बाद से ही मोदी जी की नीतिगत सूची का पहला केंद्रबिंदु संचार और तकनीकी पर जोर देना था. आशा के अनुरूप सरकार उस बिंदु पर खरी भी उतरी. जन सामान्य के लिये संचार तकनिकी में एक जोरदार क्रांति के रूप में जिओ का आगमन टेलीकाम सेक्टर की दिशा दशा बदल के रख दी. आप को यदि 2014 के पहले इंटरनेट या फिर कालिंग की स्कीमे याद हो तो याद होगा. वोडाफोन एयरटेल आईडिया और भी तमाम टेलीकाम कम्पनियों की स्कीमे कितनी महगी थी. उदाहरण के तौर पर 175 रूपये का आईडिया का टॉप अप कराने पर 1 जीबी डाटा मिलता था जिसकी समय सीमा 1 महीनें की थी सोचिये आज प्रतिदिन 2 जीबी डाटा कब खतम हो जाता पता ही नहीं चलता और तब 1 जीवी में पूरा पूरा महिना काटना पड़ता था.
मोदी सरकार ने जनता की मांग को ध्यान में रखते हुये पहला कदम उठाया टेलीकाम सेक्टर पर नकेल कसने की जियो मार्किट में आया प्रतिस्पर्धा के दौर में सभी टेलीकाम कम्पनियों को अपना लूट छोड़ना पड़ा.
हुआ क्या सभी के हाथों तक स्मार्ट फ़ोन सुचारू रूप से उपलब्ध हो पाया. सरकार को भी इसका लाभ बड़े पैमाने पर प्राप्त हुआ सरकार की योजना सरकार की निति सरकार का कामकाज लेखा जोखा ब्यौरा सभी को सरकार डिजिटल रूप में सरकारी साईट पर डाटा अपलोड कराना शुरू की. बात स्वाभिविक है, लोगों को सुविधा के साथ साथ सरकारी लाभ के बारे में जानने और सरकारी स्कीम का लाभ उठाने के लिये दरबदर सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना ख़त्म हुआ.
और देश विदेश में जो घटनाक्रम घट रहा उसकी जानकारी भी आमजन को प्राप्त होने लगी. 2014 के पहले स्मार्टफोन तो लोगों के हाथ में था लेकिन फोटो खीचने और सोशल मीडिया साइट पर बातचीत करने तक सिमित था. जबकि आज के समय एक फ़ोन की उपयोगिता कितनी है सभी जानते है.
कांग्रेस को किस रूप राजनीतिक लाभ में
पहले के समय में राजनीतिक पार्टिया पार्टी की मीटिंग या कोई कार्यप्रणाली को अपने पार्टी के सदस्यों तक भेजने के लिये डाक का सहारा लेती थी, फिर टेलीफ़ोन आया और उसके बाद मोबाइल का आगमन हुआ. मोबाइल में सोशल प्लेटफार्म के जरिये पार्टी अपनी अधिसूचना को प्रेषित करने के लिये काफी हद तक पहले के मुकाबले सुगम हुयी. और बात आज की करे तो एक पार्टी अपना क्रियान्वयन अब पूरे तरीके से ऑनलाइन हथकंडे को अपना ली है.
पार्टी का जुड़ाव आम जनता से कितना सुगम हो पाया
बात कोरोना से शुरू करना चाहुगा कोरोना काल में ज़ूम और गूगल मीट के जरिये पार्टी की मीटिंग संभव हो पा रही थी. चाहे पार्टी राजनीतिक उद्देश्य की हो या फिर व्यवसाय से जुड़ा हो सभी के लिये गूगल मीट और ज़ूम वरदान साबित हुआ. एक राजनीतिक पार्टी का पहला उद्देश्य जनता के बीच अपनी पकड़(पैठ) को मजबूत करना है. अब का दौर बहुत व्यस्त हो चूका है. किसी के पास वक्त नहीं की किसी की बाते कोई इत्मिनान से सुन सके खाशकर एक आमआदमी वजह वह अपने रोजमर्रा के जीवन में इतना व्यस्त होता की उसको फुर्सत नहीं राजनीतिक खिचातानी को सुन सके.
अब जनता से ताल्लुकात तो रखना है, जनता के बीच अपनी पार्टी को लोकप्रिय बनाना है. ऐसे में एक उपाय बचता जनता से डिजिटल रूप में मिला जाये और डिजिटल रूप की कार्यप्रणाली का अनुमोदन सोशल मीडिया के जरिये संभव हो सकता क्योकि जनता का सभी वर्ग और करीब करीब सभी उम्र आज सोशल मीडिया पर सक्रिय है. ऐसे में राजनीतिक पार्टियों को जरूरत होगीं सोशल मीडिया हैंडलर की जो पार्टी की छवि बनाने के उदेश्य से पार्टी के लिये काम करे काम के रूप में पार्टी से जुड़ा पोस्ट डाले पार्टी का मेनिफेस्टो पार्टी की योजना अन्य जानकारियों को सोशल मीडिया पर साझा करता रहें.
बीजेपी की मौजूदा स्थिति
देश में अन्य राजनीतिक पार्टियों के मुकाबले भाजपा का स्थिति जमीनी और सोशल मीडिया हर जगह मजबूत ही है. वजह पार्टी के कार्यकर्ता की सजगकता और कर्मनिष्ठता पार्टी के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है.
आज के समय भाजपा लोगों के बीच अपनी पैठ बनाने की दिशा में २०१४ के बाद से ही जुड़ीं है अन्य राजनीतिक पार्टिया जो आज सोच रही भाजपा उस दिशा में ८ साल से लगी है. ऐसे में स्वभाविक सी बात है बीजेपी की स्तिथि अन्य के मुकाबले बेहतर होगी.
कांग्रेस के लिया कितना कारगर होंगा
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सोशल मीडिया वॉरियर रख लेने मात्र से पार्टी की साख लोगों के बीच मजबूत न हो पायेगी वजह सोशल मीडिया वॉरियर सोशल साईट पर बस पोस्ट कर सकते है. कमी कांग्रेस की निति और नितिसंचालक की है. कांग्रेस का मौजूदा चेहरा लोगों के बीच हसी का पात्र है. पार्टी में नीतिगत सिद्धांत की कमी है. अब ऐसे चेहरे बचे नहीं जो पार्टी के लिये जनता के हिसाब से निति बना सके जिसके आंच पर पार्टी अपनी राजनीतिक रोटी को सेक सके. ऐसे में मुझे नहीं लगता सोशल मीडिया वॉरियर रख लेने मात्र से पार्टी की साख लोगों के बीच मजबूत न हो पायेगी.
लोकतन्त्र के लिहाज से कितना उचित है
एक लोकतांत्रिक देश में पक्ष के साथ-साथ विपक्ष का मजबूत होना अत्यंत आवश्यक है. वजह अगर विपक्ष मजबूत नहीं है तो सरकारे तानाशाही हो जाते हैं विश्व का इतिहास उठा कर आप देख लें जहां भी विपक्ष कमजोर पड़ा वहां की सरकारें तानाशाही हो गई. मौजूदा समय में जो देश के हालात है स्थिति है, एक लोकतंत्र के लिहाज से हम सभी के लिए चिंता की बात है. वजह आज देश में ऐसी कोई विपक्षी पार्टी नहीं है, जो मौजूदा सरकार को टक्कर दे सके. जितनी भी विपक्षी पार्टियां हैं उनकी जो नीति है वह कहीं ना कहीं पूर्ण रूप से पार्टी के स्वार्थ सिद्धि से जुड़ा हुआ है ना की जनता के लाभों तक उसका विस्तार है. ऐसे में अगर अपनी स्थिति को अपनी साख को जनता के बीच मजबूत करना है.तो जनता के हितों को देखते हुए उसको साथ लेकर आगामी चुनाव में अगर उतरते हैं तो हो सकता है कि उनकी वापसी हो जाए. कांग्रेस की जो हालिया प्रयास है सोशल मीडिया वारियर रखने की उसकी बात करें तो कहीं ना कहीं एक अहम सोच के साथ एक अहम फैसला कह सकते हैं. इसका लाभ कितना होगा यह पार्टी की जो नीतियां है उसके ऊपर निर्भर करता है कि सोशल मीडिया वॉरियर पार्टी की नीति उसके विचारों को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकते हैं ना कि नीति बना सकते हैं और मौजूदा समय में एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कांग्रेस की स्थिति है, उसके लिए सबसे जरूरी काम है उसका जो फेस है उसके साथ जनता अपने आप को सुरक्षित नहीं महसूस कर रही है. तो ऐसे में कांग्रेस की जो नीति है सोशल मीडिया वॉरियर रखने के साथ-साथ उसको सबसे बड़ा फेरबदल बदलाव करने की जरूरत है वह अपने पार्टी के उनका मंत्रिमंडल है और जो है उसमें बदलाव करने की जरूरत है.
