निष्क्रियता एवं परिवारवाद का आरोप झेल रही कांग्रेस सांसद प्रत्याशी ज्योत्सना महंत पर भाजपा की राष्ट्रीय नेत्री सरोज पांडेय पड़ रही है भारी
कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत को करनी पड़ रही है सीट एवं साख बचाने की जद्दोजहद
भाजपा में छजकां में कार्यकर्ताओं के विलय ने बिगाड़ा कांग्रेस का समीकरण
पिछला लोकसभा चुनाव ज्योत्सना महंत 2.3 प्रतिशत मतों के अंतर से जीती थी
कांग्रेस का घोषणा पत्र है आकर्षक पर जनता तक पहुंचाने पड़ गया कार्यकर्ताओं का टोंटा

अखिलेश नामदेव
निष्क्रियता एवं परिवारवाद का आरोप झेल रही कोरबा लोकसभा क्षेत्र की वर्तमान सांसद एवं कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत को अपनी सीट एवं साख बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। श्रीमती महंत पिछला लोकसभा चुनाव 2019 में मात्र 2.3 प्रतिशत मतों के अंतर से जीती थी तथा अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी दिग्गज बीजेपी नेत्री सरोज पांडे ने कोरबा से चुनाव जीतने के लिए तगड़ी घेराबंदी करते हुए दिन-रात मेहनत कर रही है जिससे महंत परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। कांग्रेस का घोषणा पत्र आकर्षक होने के बावजूद कांग्रेस को इसे गांव-गांव पहुंचाने कार्यकर्ताओं का टोंटा पड़ गया उस पर छजका कार्यकर्ताओं एवं नेताओं का भाजपा में विलय ने कांग्रेस का पूरा चुनावी समीकरण ही बिगाड़ दिया है।


छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल कोरबा सीट में आगामी 7 मई को मतदान होना है। तीसरे चरण के लिए होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार 5 मई को थम जाएगा। कोरबा लोकसभा सीट में कुल 27 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है जिसमें भाजपा की दिग्गज प्रत्याशी सरोज पांडे और कांग्रेस प्रत्याशी तथा वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत के बीच में सीधा मुकाबला है। सरोज पांडे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहने के साथ पूर्व में राष्ट्रीय भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष, महापौर विधायक सांसद एवं राज्यसभा सदस्य रह चुकी हैं वहीं कांग्रेस की ज्योत्सना महंत पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष, मध्य प्रदेश शासन में मंत्री तथा वर्तमान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत की पत्नी होने के साथ वर्तमान में सांसद हैं इसलिए पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों की इस इस हाई प्रोफाइल सीट पर नजर टिकी हुई है। परिवर्तनशील कोरबा लोकसभा सीट में प्रत्याशियों की बढ़ी हुई तादाद वर्तमान सांसद ज्योत्स्ना महंत के लिए चिंता का कारण बनी हुई है तथा उन्हें अपनी सीट एवं साख बचाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है। सर्वप्रथम तो उन्हें अपने पिछले कार्यकाल के कारण निष्क्रियता का आरोप झेलना पड़ रहा है। निष्क्रियता एवं परिवारवाद का आरोप पहले ही दिन से भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय लगाती आ रही है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र के विधानसभा मरवाही के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत की सांसद के रूप में कोई उपलब्धि नहीं है। वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे छत्तीसगढ़ में बनी नई भाजपा की सरकार के बलबूते तथा केंद्र में मोदी सरकार के बनने पर कोरबा लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव विकास करने का दावा करते हुए जनता के बीच जा रही है। सत्ता पक्ष की प्रत्याशी होने के कारण जहां एक ओर कोरबा लोकसभा क्षेत्र में सरोज पांडेय को भारी जन समर्थन मिला हुआ है वहीं दूसरी ओर भाजपा से छजकां कार्यकर्ता एवं नेताओं के तालमेल ने कांग्रेस के वोटो का समीकरण ही बिगाड़ दिया है।

वर्तमान में कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कल 1340 544 मतदाता है जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 674000 है वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 66650 4 है। कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भाजपा को कांग्रेस के वोटो के समीकरण को बिगाड़ने मे इसलिए भी आसानी हो रही है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में श्रीमती ज्योत्स्ना महंत मात्र 2.3 प्रतिशत के अंतर से भाजपा प्रत्याशी से चुनाव जीती थी। पिछले चुनाव में श्रीमती महंत को 523 310 मत प्राप्त हुए थे जबकि भाजपा के ज्योतिनंद दुबे को 49706 मत प्राप्त हुए थे। इस प्रकार श्रीमती महंत मात्र 26349 मतों से भाजपा प्रत्याशी से पिछले चुनाव में विजयी रही थी जबकि कुल 12 प्रत्याशी ही पिछले चुनाव में मैदान में थे परंतु अब जब वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव हो रहे हैं कोरबा लोकसभा क्षेत्र की राजनीतिक परिस्थितियों काफी बदली हुई है।अभी कोरबा लोकसभा क्षेत्र मैं भाजपा का दबदबा है। अभी वर्ष 2023 में संपन्न विधानसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा के विधानसभा क्षेत्रों में क्रमशः मनेद्रगढ़ श्याम बिहारी जायसवाल भाजपा, भरतपुर सोनहत रेणुका सिंह भाजपा, रामपुर में फूल सिंह राठिया कांग्रेस, कोरबा में लखन लाल देवांगन भाजपा, कटघोरा में प्रेमचंद्र पटेल भाजपा, पाली-तानाखार में तुलेश्वर सिंह मरकाम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, मरवाही में प्रणव कुमार मरपच्ची भाजपा के विधायक हैं। इन सातों विधानसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का कब्जा है। भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय सरोज पांडे जैसी सक्रिय एवं दबंग भाजपा नेत्री के चुनाव मैदान में होने से स्वाभाविक रूप से भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता उत्साह से लबरेज हैं तथा सरोज पांडे को कोरबा से भाजपा का सांसद बनाने के लिए लगातार सक्रिय रहे है वही सरोज पांडे भी दलबल के साथ कोरबा लोकसभा क्षेत्र में दिन-रात मेहनत कर रही हैं। उनकी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में अनेक सभाएं हो चुकी है लगातार जनसंपर्क चल रहा है । जनता के बीच सरोज पांडे जहां केंद्र एवं राज्य की सरकार की मदद से कोरबा लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव विकास करने का दावा कर रही है तथा पिछली सांसद श्रीमती ज्योत्स्ना महंत पर परिवारवाद एवं निष्क्रियता का आरोप लगाकर जनता के बीच गई है जिससे जिससे कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्स्ना महंत लगातार घिरती नजर आई है।

जीती तो जनता से होगा सीधा संबंध कोई प्राइवेट लिमिटेड नहीं होगा-सरोज पांडेय
लोकसभा चुनाव 2024 की कैंपेनिंग के दौरान एक खास बात यह रही कि कोरबा की भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे कार्यकर्ताओं एवं जनता के बीच जब भी संवाद किया इस बीच उन्होंने इस बात का विश्वास जनता को अवश्य दिलाया कि यदि वह चुनाव जीतती है तो उनके और जनता के बीच में कोई प्राइवेट लिमिटेड नहीं होगा। भाजपा में छजकां कार्यकर्ताओं के विलय के दौरान भी उन्होंने इस बात को दोहराया था जिससे स्वाभाविक रूप से जनता एवं कार्यकर्ताओं का सरो जपांडे के प्रति विश्वास बढ़ा है
“मरवाही कांग्रेस में है अंतर विरोध”

श्रीमती महंत को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अंतर विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है की स्वयं डॉक्टर चरण दास महंत एक खास व्यक्ति के अलावा मरवाही विधानसभा के कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को ठीक से पहचानते नहीं तथा उनसे मिलने पर बार-बार उनका नाम और गांव पूछते रहते हैं। डा चरण दास महंत मरवाही में सिर्फ एक ही व्यक्ति को तवज्जो देते रहे हैं जिसे ले कर मरवाही कांग्रेस में पूरे 5 साल तक असंतोष रहा है तथा पिछले विधानसभा चुनाव में उसी के कारण कांग्रेस को हर का मुंह देखना पड़ा था। एक नए तरह का अंतर विरोध यह भी है कि मरवाही विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर के के ध्रुव को चुनाव हराने वाले छजकां के प्रत्याशी गुलाब राज के कांग्रेस प्रवेश के बाद कांग्रेसियों में आपसी कलह अंदर ही अंदर बढ़ गई है वही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक शर्मा को कार्यकारी जिला कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने का आदेश प्रसारित होने तथा तुरंत बाद आदेश निरस्त कर देने के कारण भी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का कांग्रेस संगठन बिखरा बिखरा सा है तथा कांग्रेस के घोषणा पत्र को गांव-गांव पहुंचाने कार्यकर्ताओं का टोंटा पड़ गया। स्थिति यह रही कि कांग्रेस की ओर से घोषणा पत्र के अनुसार प्रत्येक महिलाओं को 8500 रुपए प्रतिमाह देने की योजना का फॉर्म भरने वाले को ग्रामीण क्षेत्रों मेंप्रति फॉर्म 10 रुपए के दर से भुगतान करना पड़ा।
“गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पसान मातिन को जोड़ने का मुद्दा भी रहेगा प्रभावी”
कोरबा लोकसभा क्षेत्र के पाली तानाखार विधानसभा क्षेत्र में भले ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधायक के रूप में तुलेश्वर सिंह मरकाम है परंतु लोकसभा चुनाव में विकास का मुद्दा पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के गांव-गांव में भाजपा कार्यकर्ता लेकर गये है।


कोरबा लोकसभा क्षेत्र से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने अपना प्रत्याशी केल्हारी के श्यामलाल सिंह मरकाम को बनाया है परंतु वे लोकसभा चुनाव में कितना प्रभाव छोड़ पाएंगे यह आने वाला समय ही बताएगा। मातिन -पसान क्षेत्र को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल किए जाने का मुद्दा भी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। बीते 5 साल से पसान मातिन क्षेत्र के लोग पिछडेपन के दंश से उबरने के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल होना चाहते हैं परंतु उनकी यह उम्मीद पूरी नहीं हो पा रही है इस मामले में अब उन्हें भाजपा से उम्मीदें हैं। पसान मातिन क्षेत्र के पिछड़े पन की स्थिति यह है कि इस इलाके के अनेक गांव सड़क पुल जैसी बुनियादी अभाव में है है। सड़कों की स्थिति खराब है इसका उदाहरण लैंगा से जिल्दा होकर पेंड्रा आने वाली सड़क है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में इस इलाके के लोग में अत्यंत गुस्सा है।


” प्रचार में भाजपा कांग्रेस बराबरी पर “
कोरबा लोकसभा क्षेत्र में जनसभाओं के मामले में कांग्रेस और भाजपा दोनों एक दूसरे से पीछे नहीं रहे हैं
जहां एक ओर चिरमिरी में प्रियंका गांधी की सभाने कांग्रेस में उत्साह का संचार किया है वहीं भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रताप नड्डा सूरजपुर में आयोजित रैली सहित अनेक दिग्गज भाजपा नेताओं की जनसभा एवं जनसंपर्क से भाजपा के माहौल को बनाए रखा है। आगामी 7 मई को कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मतदान का प्रतिशत भी जीत और हार के निर्णय को प्रभावित करेगा।

