कांग्रेसियों भ्रष्टाचारियों एवं विधर्मियो,सुन लो
मेरे कार्यकर्ताओ का बाल बाका हुआ तो तुमको नेस्तनाबूत कर दूंगा.. टाइगर अभी जिंदा है!!
कोटा विधानसभा के ग्राम दारसागर में आयोजित चुनावी सभा में भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह ने दिखाएं अपने आक्रामक तेवर
अखिलेश नामदेव छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023
(चुनाव डेस्क)

भाजपा में टिकटों की घोषणा होने तथा चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रचार अभियान में तेजी आने के साथ जनता को लुभाने तथा तालियां बटोरने के लिए नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं। ऐसे ही भाजपा की एक चुनावी सभा में कल 20 अक्टूबर को कोटा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का बयान सामने आया जिसे उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “मैं कांग्रेस के नेताओं, भ्रष्टाचारियों एवं विधर्मियों से कहना चाहता हूं कि
“मेरे कार्यकर्ताओ का बाल भी बांका हुआ तो तुमको नेस्तनाबूत कर दूंगा.. टाइगर अभी जिंदा है”। अपने इस डायलॉग के बाद नेताजी ने चुनावी सभा में खूब तालियां बटोरी।
छत्तीसगढ़ की राजनीति में स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव अपने तेवर एवं अंदाज तथा हिंदू आदि छवि के कारण युवाओं में काफी लोकप्रिय रहे । अभिभाजित मध्य प्रदेश के समय से ही उनकी गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आवाजाही रही है। ऑपरेशन घर वापसी अभियान के कारण वे पूरे देश में चर्चा में रहे ।वर्ष 2003 में हुए विधानसभा के आम चुनाव में छत्तीसगढ़ की तत्कालीन कांग्रेसी जोगी सरकार को हटाने को लेकर स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ने अपनी मूंछ गांव में लगा दी थी। छत्तीसगढ़ की जनता ने उनका साथ दिया और दिलीप सिंह जूदेव की मूंछें बरकरार रही। उस बात को गुजरे 20 साल हो रहे हैं तथा अभी वर्ष 2023 में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाले हैं तथा स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव कोटा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी घोषित किए गए हैं तथा उनका चुनाव प्रचार अभियान चालू हो चुका है।

कोटा विधानसभा क्षेत्र एक ऐसी सीट है जिसमें आजादी से आज तक यहां भाजपा को कभी जीत नहीं मिली है जबकि अनेक दिग्गज नेता यहां अपना भाग्य आजमा चुके हैं ऐसे में अब दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को भारतीय जनता पार्टी ने कोटा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा है। स्वाभाविक रूप से प्रबल प्रताप सिंह जूदेव इस कोटा सीट को जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का अंदाज अपने पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव से जुदा नहीं है यदा कदा जनसभा में अपने पिताजी का अंदाज उनके भीतर भी झलक ही जाता है। कल 20 अक्टूबर 2023 को कोटा विधानसभा क्षेत्र के मध्यवर्ती ग्राम दारसागर में भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की एक चुनावी जनसभा में वही तेवर और अंदाज दिखाई दिया जो कभी उनके पिता दिलीप सिंह जूदेव के हुआ करते थे। इस आम सभा में कोटा विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव से भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए थे। ज़ाहिर है दूर दराज से आए कार्यकर्ताओं में जान भरने के लिए नेताजी को कुछ ना कुछ तो ऐसा कहना था जिससे तालियां बटोरने के साथ कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़े। यहां आम सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा की मैं कांग्रेसियों भ्रष्टाचारियों एवं अधिकारियों से कहना चाहता हूं की सुन लो”मेरे कार्यकर्ताओ का बाल बाका हुआ तो तुमको नेस्तनाबूत कर दूंगा”प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के इस कथन के बाद जाहिर है कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी करते हुए तालियां बजाई। जिस तरह के तेवर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपने पहली आम सभा में दिखाएं हैं उससे स्वाभाविक रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में किस तरह से नेताओं की बयान बाजी और चुनावी तीर तरकश तेज होंगे
कल दारसागर में भाजपा प्रत्याशी कुंवर प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का आक्रामक बयान सामने आने के बाद लोगों को स्वाभाविक रूप से उनके पिता स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की याद आ गई जो बिलासपुर क्षेत्र के भाजपा सांसद रह चुके हैं।


नेताओं की डायलॉग बाजी कोई नई बात नहीं
विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव या अन्य कोई मौसम नेताओं के बीच जुबानी जंग एवं बयान बाजी कोई नई बात नहीं है इसके पहले भी अलग-अलग दल के नेता अलग-अलग समय में डायलॉग बाजी करते रहे हैं।

कल प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के बयान सामने आने के बाद राजनीतिक पंडितों को कोटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं अविभाजित मध्य प्रदेश में मंत्री एवं मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष रह चुके पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की भी याद आ गई जिन्होंने वर्ष 1985में पहली बार कोटा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ते समय पेंड्रा की एक चुनावी आम सभा को संबोधित करते हुए कहा था झोपड़ों में आंसू बह तो महलों में आग लगा दूंगा। इस डायलॉग के कारण पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ला काफी चर्चा में रहे थे। हालांकि यह बात पुरानी है मगर जब चुनाव का मौसम है तो नेताओं की पुरानी डायलॉग बाजी का याद आना स्वाभाविक भी है।
