छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अचानकमार अभयारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों के भ्रमण के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची से भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग
अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र में भ्रमण हेतु गौरेला पेंड्रा के केंवचीं से भी हो प्रवेश की सुविधा

अभी केवल शिवतराई से ही पर्यटकों को मिलता है प्रवेश
केंवची से प्रवेश की सुविधा मिलने पर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
तीर्थ स्थल अमरकंटक जाने के लिए पेंड्रा रोड रेलवे स्टेशन उतरने वाले अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र भी जा सकेंगे
अखिलेश नामदेव

छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अचानकमार अभयारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पर्यटकों के भ्रमण के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची से भी प्रवेश की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है। अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में अभी सिर्फ बिलासपुर की ओर से शिव तराई से प्रवेश की सुविधा पर्यटकों को है।
तीर्थ स्थल अमरकंटक आने वाले यात्री एवं पर्यटक कटनी बिलासपुर लाइन के पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं तथा पेंड्रारोड से ही अलग-अलग सड़क मार्ग से अमरकंटक जाते हैं। अमरकंटक आने वाले अनेक पर्यटक ऐसे होते हैं जो अमरकंटक भ्रमण के अलावा अचानकमार अभयारण्य टाइगर प्रक्षेत्र भी घूमने जाना चाहते हैं परंतु उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले केंवची की ओर से अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं है इसलिए उन्हें निराश होना पड़ता है।

अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र के शिवतराई स्थित प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए उन्हें लगभग 130 किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है तथा उतनी ही दूरी तय करके फिर वापस कर आना पड़ता है जिसके कारण अनेक पर्यटक अचानकमार अभयारण्य टाइगर क्षेत्र देखने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में अब पर्यटन प्रेमियों की मांग है कि उन्हें गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केंवची स्थित प्रवेश द्वार से प्रवेश की सुविधा प्राप्त होनी चाहिए। केंवची स्थित प्रवेश द्वार से पर्यटकों को प्रवेश की सुविधा शुरू किए जाने से जहां अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी वही गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके लिए बिलासपुर वन मंडल एवं मरवाही वन मंडल के अधिकारियों को समन्वय बनाने की आवश्यकता होगी ताकि केवची जो मरवाही वन मंडल में स्थित है वहां पर पर्यटको के लिए अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर क्षेत्र में प्रवेश के लिए टिकट की सुविधा, जीप की उपलब्धता इत्यादि सुनिश्चित हो सके।


मनोरम, नैसर्गिक, नयनाभिराम सौंदर्य से समृद्ध अचानकमार टाइगर रिजर्व सतपुड़ा के 553.286 वर्ग किमी के एक क्षेत्र पर विशाल पहाड़ियों के मैकल रेंज में साल, बांस और सागौन के साथ अन्य वनस्पतियों को समाहित किया हुआ है। जैव विविधता से भरपूर अचानकमार अभ्यारण्य की स्थापना 1975 में वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट-1972 के तहत की गई। 2007 में इसे बायोस्फीयर घोषित किया गया और 2009 में बाघों की संख्या के लिए अचानकमार अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित किया गया। अचानकमार अभ्यारण्य टाइगर रिजर्व की गिनती देश के 39 टाइगर रिजर्व में होती है। यहाँ बाघ, तेंदुआ, गौर, उड़न गिलहरी, जंगली सुअर, बायसन, चिलीदार हिरण, भालू, लकड़बग्घा, सियार, चार सिंग वाले मृग, चिंकारा सहित 50 प्रकार स्तनधारी जीव एवं 200 से भी अधिक विभिन्न प्रजीतियों के पक्षी देखे जा सकते हैं। अभी अचानकमार अभयारण्य टाइगर क्षेत्र में सिर्फ बिलासपुर से सड़क मार्ग द्वारा शिवतराई के पास प्रवेश की सुविधा है यही मार्ग टाइगर क्षेत्र घोषित होने के पहले परंपरागत सड़क मार्ग था जो अचानकमार ,लमनी, छपरवा ,केंवची होकर गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को जोड़ता हैं ।
अचानकमार अभयारण्य टाइगर रिजर्व क्षेत्र की यह सड़क अभी आम आवाजाही के लिए बंद है तथा सड़क काफी खराब है इसलिए थोड़ी परेशानी अवश्य है परंतु जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही से बिल्कुल सटा हुआ है। अमरकंटक आने के लिए पेंड्रारोड उतरने वाले पर्यटक तीर्थ यात्रियों के लिए रेलवे स्टेशन पेंड्रारोड में जीप टैक्सी, वैन एवं अच्छे लग्जरी साधन उपलब्ध है। पेंड्रारोड में कई अच्छे होटल के अलावाकेंवची,आमाडोब,
कबीर एवं धर्म पानी तथा अमरकंटक क्षेत्र में अच्छे रिसॉर्ट उपलब्ध है। केंवचीं तिराहे मैं भोजन के लिए अच्छे ढाबा नुमा होटल कुक्कू बाबा साठे का होटल, साहू का होटल शीतला माता सदन जहां रुकने की आलीशान व्यवस्था है इसके अलावा साल वैली रिसॉर्ट इत्यादि आसानी से उपलब्ध हैं।अमरकंटक भ्रमण में आने वाले यात्रियों को अचानकमार अभयारण्य टाइगर रिज़र्व क्षेत्र का भ्रमण जरूर करना चाहिए। पर्यटन प्रेमियों ने छत्तीसगढ़ शासन के वन विभाग से अनुरोध किया है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के भीतर की सड़कों का डामरीकरण रिन्यूअल कराएं तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के केवचीं से पर्यटकों को प्रवेश की सुविधा प्रदान करें।

एटीआर के वन्यजीव’
अचानकमार टाइगर रिजर्व
में 9 टाइगर की पुष्टि-प्राण चड्ढा पर्यावरण विद् एवं वरिष्ठ पत्रकार
अचानकमार टाइगर रिजर्व में मौजूदा वक्त पर नौ टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि कैमरा ट्रैपिंग के बाद की गईं हैं। छत्तीसगढ़ के शीर्ष पर्यावरण विद् एवं वरिष्ठ पत्रकार प्राण चड्ढा ने बताया कि
पार्क के डिप्टी डायरेक्टर विष्णु नायर ने इसकी पुष्टि की है। श्री नायर ने उन्हें उन्होंने है कि शीतकालीन फेस-4 मॉनिटरिंग 139 फोटो में टाइगर कैप्चर हुए हैं जिसका एनलाइसिस करने पर 9 अलग टाइगर की पुष्टि हुई है।
टाइगर के बदन की धारियां, दूसरे टाइगर से मेल नहीं खाती,कैमरे के फोटोग्राफ नेशनल कंजर्वेशन अथार्टी आफ इंडिया के बायोलाजिस्ट को भेजा गया था। जिसकी रिपोर्ट यहां मिलने के बाद 9 टाइगर होंने की जानकारी दे गई है। इसके पहले 8 टाइगर गणना में मिले थे। मुख्य बात यह है इस अवधि में किसी टाइगर के शिकार या मरने की खबर नहीं रही।

पार्क के डायरेक्टर एस.जगदीशन
ने आशा व्यक्त की हैं,टाइगर रिजर्व के रहवास क्षेत्र में और विकास होने पर टाइगर की सँख्या में बढ़ोत्तरी सम्भावित है। उल्लेखनीय की वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरण विद् प्राण चड्ढा 4 दशक से भी ज्यादा समय से वन्य प्राणियों एवं पर्यावरण पर अध्ययन कर रहे हैं तथा अचानकमार अभयारण्य टाइगर प्रक्षेत्र कि उन्हें अच्छी समझ है वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए वह अपना जीवन का काफी समय खर्च करते हैं।
