देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़

किसानों की ट्रैक्टर परेड ने आखिरकार अब हिंसक मोड़ ले लिया है,खालिस्तानी समर्थक पूरे जोड़तोड़ के साथ दिल्ली के लाल किले तक जा पहुंचे है,देश की आन बान और शान कहे जाने वाले लालकिले पर खालिस्तानी पीला काला झंडा फहराने लगे है.आज भगत सिंह की आत्मा जरूर रो रही होगी जिस देश की गरिमा को अपने प्राणो की आहुति देकर बचाया आज दो कौड़ी के खालिस्तानी समर्थकों की भीड़ उस गरिमा को घूमिल कर दी.
विरोध कानून का या देश का
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान अपनी ट्रैक्टर परेड लेकर नई दिल्ली के लाल किले तक घुस चुके हैं और उन्होंने लाल किले पर लाल-पीला झंडा भी फहरा दिया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने लाल किले के फाटक पर रस्सियाँ बाँधकर इसे गिराने की कोशिश भी कीं।
देश की गरिमा के साथ खिलवाड़
मंगलवार (जनवरी 26, 2021) दोपहर लाल किले पर पहुँचे किसानों को एक गुंबद के शीर्ष पर एक झंडा लगाते हुए देखा गया। वहीं, एक अन्य प्रदर्शनकारी ने उस जगह पर अपना झंडा लगा दिया, जहाँ पर प्रधानमंत्री हर वर्ष स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराते आए हैं।
आंदोलन हुआ हिंसात्मक
किसानों की ट्रैक्टर परेड ने आखिरकार अब हिंसक मोड़ ले लिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया, जिसके कारण किसानों पर आँसू गैस छोड़ी गई। एक पुलिसकर्मी के साथ कुछ किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा दिल्ली स्थित आईटीओ में मारपीट और हाथापाई का वीडियो सामने आया है। हाथ में डंडे लिए इन प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिसकर्मी को सड़क पर घेर लिया गया और उनके साथ हाथापाई की गई। तभी उन्हीं प्रदर्शनकारियों में से कुछ लोगों ने आकर बीच-बचाव कर पुलिसकर्मी को सुरक्षित खींच निकाला।
आज गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसे कई वीडियो सामने आ चुके हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड तोड़ दिए गए, पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और सेन्ट्रल दिल्ली में आईटीओ में पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की गई।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी की वर्दी खींचकर उसे कुछ लोगों ने घेर लिया और उनके साथ झड़प की। तभी पीछे से कुछ और लोग भी वहाँ पर इकट्ठे हो गए, जिनके हाथों में लाठी-डंडे भी थे और वो पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई करने लगे।
देखते ही देखते सड़क पर भीड़ जमा हो गई और कुछ और लोगों ने आकर बीच बचाव किया। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी को बचाने वाले ये लोग भी उन्हीं प्रदर्शनकारियों के ही साथ थे, जो आज गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में नए कृषि कानूनों के विरोध में रैली निकाल रहे हैं।
