देवेंद्र की गिरफ्तारी राजनीतिक षड्यंत्र,जनरल डायर की भूमिका में है बीजेपी सरकार :- शैलेश
भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो

गौरेला पेंड्रा मरवाही
बलौदा बाजार मामले में विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी को लेकर आज गौरेला पेंड्रा मरवाही में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया।गौरेला पेंड्रा मरवाही के प्रभारी और बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडे और के के ध्रुव और ज़िला अध्यक्ष उत्तम वासुदेव द्वारा सरकार पर निशाना साधा और उनके अन्याय पूर्ण करवाई और कांग्रेसियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर जमकर विरोध किया.

जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि बिलासपुर पेंड्रा बलौदा बाजार के मामले में साय सरकार अपनी नाकामी और पूरे देश में हुई बदनामी को छुपाने विपक्ष के नेताओं को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी भाजपा की बौखलाहट को दर्शाता है। यह विपक्ष को बदनाम करने की साजिश है। विधायक देवेन्द्र यादव बलौदा बाजार में न भाषण दिये और न ही कलेक्टर ऑफिस प्रदर्शन में शामिल हुये। वे भीड़ में पांच मिनिट रूक कर वापस आ गये थे। कही भी किसी हिंसक घटना में उनके संलिप्तता का कोई भी साक्ष्य नहीं और न ही वे किसी भी प्रकार की घटना में शामिल थे। पुलिस ने उनको गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। सरकार, पुलिस बताये किन भाजपा नेताओं को नोटिस दिया, पूछताछ की गयी। न्याय संगत कार्यवाही होनी चाहिये। पूर्व विधायक शैलेश पांडे ने कहा कि भाजपा सरकार का चरित्र और व्यवहार 8 माह में ही अलोकतांत्रिक हो गया है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पत्रकारों को गलत तरीके से फंसाने उनकी गाड़ी में गांजा रखा जाता है। विपक्ष के विधायक को झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किया गया।

पत्रवार्ता में श्री पांडे ने कहा कि बलौदा बाजार के मामले में सतनामी समाज और कांग्रेस के लोगों को चिन्हांकित करके उनको जेलों में डाला गया।कांग्रेस भाजपा सरकार के इस आताताई चरित्र से डरने वाली नहीं। इस प्रकार के कृत्यों से हमारा कार्यकर्ता और मजबूती से सरकार के खिलाफ जनता की आवाज उठायेगा। श्री पाण्डेय ने कहा कि पूरी घटना के लिये प्रदेश की भाजपा सरकार दोषी है। लचर कानून व्यवस्था और प्रशासन की निरंकुशता व लापरवाही से बलौदा बाजार में सतनामी समाज के आंदोलन में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ हुई और इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया, जिसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह दोषी है।
इस पूरे आंदोलन में भाजपा के जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े सहित अन्य भाजपा नेताओं की भूमिका की जांच हो। पुणे सरकार के जिम्मेदार लोगों के सामने सवाल भी उठा उनका कहना है कि धरना प्रदर्शन को कलेक्टर से परमीशन दिलाने वाला कौन था? रैली में आने वाले हजारों लोगों के लिये भोजन, मंच, पंडाल, माईक के लिए रूपयों की व्यवस्था किसने किया? इतनी बड़ी घटना के बाद भड़काऊ भाषण देने वाले की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? नागपुर से 250 से अधिक लोग आये थे वो कौन थे? सरकार ने उन पर नजर क्यों नहीं रखा था? रैली की शुरूआत से ही उपद्रव शुरू हो गया था उसके बावजूद लोगों को कलेक्ट्रेट क्यों जाने दिया गया ?
पत्रकार वार्ता में ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ,अशोक शर्मा ,बेचू अहीरेश ,पवन केशरवानी,संतोष ठाकुर,रवि राय,सुनीता तिमोथी,मनोज साहू,सहाना बेगम,जयपाल,भीम सेन, यासर ख़ान,हर्ष गॉयल सहित कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे

