धान के कटोरा छत्तीसगढ़ से चावल गायब जिम्मेदार कौन…..?

मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना में अगले 2 महीने में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में हो सकता है चावल का बड़ा संकट….

अखिलेश नामदेव गौरेला पेंड्रा मरवाही
गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में आने वाले महीने में शासकीय योजनाओं में हितग्राहियों को मिलने वाले चावल में संकट के बादल दिख रहे है, जिले में उत्पन्न हुआ चावल संकट अचानक नहीं उत्पन्न हुआ बल्कि राइस मिल रोड द्वारा समय पर धान की मीनिंग कर चावल नागरिक आपूर्ति निगम के वेयरहाउस गोदामों में नहीं जमा करने के कारण हुआ है, गोदाम में 1 महीने के उठाव क्षमता का चावल ही बचा शेष..कुल भंडारण क्षमता का एक तिहाई चावल बचा वेयरहाउस के गोदामों में … इस महीने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के लिए नहीं है चावल का स्टॉक.. नियमानुसार कम से कम 3 माह का चावल होना चाहिए रिजर्व.. कई राइस मिलरो द्वारा 2 महीने से CMR ( Custom Milled Rice) चावल जमा नहीं करने से स्थिति बिगड़ गई है, एक जांच परीक्षण में 9 राईस मिलो में 80 मेट्रिक टन धान की पाई गई थी भारी कमी..

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में चावल का संकट खड़ा हो गया है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा बांटा जाने वाला चावल वेयर हाउस कारपोरेशन के गोदामों में एक तिहाई ही बचा है,
मामला कुछ इस तरह का हे कि कस्टम मिलिंग का अनुबंध करने के बाद राइस मिलरो को अनुबंधित समय में उठाए गए धान का चावल नागरिक आपूर्ति निगम को जमा करना होता है पर राइस मिलरो ने कई महीने से नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों में चावल जमा करना बंद कर दिया था या एकदम से कम कर दिया था , जिसकी वजह से गोदामों में चावल की कमी हुई तब प्रशासन ने मामले में संज्ञान लेते हुए 9 राइस मिलरो को चावल जमा करने के लिए लगातार नोटिस दिए नोटिस के बावजूद जब मिलर्स ने चावल जमा नहीं किया तब राइस मिलो की जांच की गई जांच में 80 मेट्रिक टन धान कम पाया गया जिसके बाद 9 राइस मिलरो के 2.05 लाख क्विंटल धान को जप्त कर लिया गया.. मामले में जब राइस मिलरो से जवाब मांगा गया तो मिलर्स ने जवाब दिया कि 60 परसेंट धान में टूटन होने से चावल जमा नहीं हो पाया जिसे प्रशासन ने असंतुष्ट होकर इस जवाब को नकार दिया है , वही राइस मिलो में 80 मेट्रिक टन धान की कमी पाए जाने पर प्रशासन ने अब तक दोषी राइस मिलरो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं की है जिसकी वजह से राइस राइस मिलर्स के हौसले बुलंद हैं.. चावल की कमी के पीछे कयास लगाया जा रहा है कि चावल उठाने के बाद या तो राइस मिलर्स ने चावल बेच दिया या DO एडजेस्टमेंट कराकर धान के पैसे ले लिए, जिसकी वजह से मिलो में धान की कमी हो गई और अब जिले में चावल की कमी बड़ी कमी हो गई है…

जिले में लगभग 5000 मेट्रिक टन चावल ही शेष है.. वहीं जिले में हर महीने लगभग 34888 क्विंटल चावल का पूरे जिले में उठाव एवं राशन दुकानों में भंडारण होता है, वही नियमों के अनुसार वेयरहाउस के गोदामों में किसी भी स्थिति में कुल उठाव का 3 माह का चावल भंडारित होना ही चाहिए, पर जिले में राइस मिलों द्वारा चावल जमा नहीं करने से स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई है दरअसल जिले के ज्यादातर राइस मिलरो ने कई महीने से निर्धारित मात्रा में सीएमआर जमा नहीं किया चावल जमा नहीं होने से भंडारीत चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटा गया पर नया चावल नहीं आने से स्टाक की भरपाई नही हो सकी, अब गोदामो में एक तिहाई चावल ही शेष बचा है, वर्तमान में स्थिति यह है कि इस माह का उठाव करने के बाद यदि चावल जमा नहीं हुआ तो अगले मांह सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बांटने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के पास चावल नहीं है ,


मामले पर श्वेता अग्रवाल – जिला खाद्य अधिकारी पेंड्रा का कहना है कि विभाग लगातार राइस मिलरो पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे चावल जमा करें जिसके लिए मीटिंग्स भी की गई और नोटिस भी निकाली गई पर राइस मिलर चावल जमा नहीं कर रहे हैं जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, प्रशासन एवं खाद्य विभाग लगातार मिलर्स पर दबाव बना रहा है कि 2 दिन के भीतर चावल जमा करें मिलर्स ने आश्वासन दिया है उम्मीद है चावल जमा हो जाएगा…
