जिला पंचायत चुनाव: समीरा पैकरा और राजा उपेंद्र बहादुर सिंह की जीत, भाजपा में मचा घमासान,भाजपा में मचा घमासान, विधायक मरपच्ची ने दी प्रतिक्रिया
क्या भाजपा अपने ही जीते हुए प्रत्याशियों पर लेगी एक्शन?

अखिलेश नामदेव
गौरेला पेंड्रा मरवाही
जिला पंचायत चुनाव में समीरा पैकरा और राजा उपेंद्र बहादुर सिंह ने भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को करारी शिकस्त देते हुए जीत हासिल की। इस नतीजे ने जिले की राजनीति में हलचल मचा दी है।

समीरा पैकरा की ऐतिहासिक जीत
समीरा पैकरा ने भाजपा के घोषित प्रत्याशी राजेश नंदनी आर्मो को 4 के मुकाबले 6 मतों से हराकर अपनी जीत दर्ज की। खास बात यह रही कि जिस क्षेत्र से उन्होंने चुनाव लड़ा, वहां भाजपा ने पहले ही अपना समर्थन नहीं दिया था। इससे पहले, समीरा पैकरा ने चार बार के विधायक राम दयाल उईके की पत्नी बृजकुमारी उईके को रिकॉर्ड मतों से पराजित कर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ का प्रदर्शन किया था। भाजपा विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी को मिली हार भाजपा के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।

राजा उपेंद्र बहादुर सिंह बने जिला पंचायत उपाध्यक्ष
दूसरी ओर, जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद के चुनाव में राजा उपेंद्र बहादुर सिंह ने भाजपा समर्थित प्रत्याशी श्याममणि बृजलाल राठौर को 6 मतों के अंतर से पराजित कर उपाध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया।
भाजपा में मचा घमासान, विधायक मरपच्ची ने दी प्रतिक्रिया
इस हार पर प्रतिक्रिया देते हुए मरवाही विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा,
“भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने कांग्रेस से हाथ मिला लिया, इसलिए यह जीत कांग्रेस की जीत है। अब संगठन तय करेगा कि ऐसे लोगों पर क्या कार्रवाई की जाए।”

क्या भाजपा अपने ही जीते हुए प्रत्याशियों पर लेगी एक्शन?
भाजपा समर्थित प्रत्याशियों की हार से पार्टी में बौखलाहट देखी जा रही है। विधायक मरपच्ची ने यह कहते हुए गेंद संगठन के पाले में डाल दी है कि अब भाजपा यह तय करे कि जीते हुए भाजपा समर्थित प्रत्याशियों पर क्या कार्रवाई होगी। सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा अपने ही जीते हुए प्रत्याशियों के खिलाफ कोई कदम उठाएगी?
इस चुनावी नतीजे के बाद जिले की राजनीति में नए समीकरण बनने के संकेत मिल रहे हैं। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व इस मुद्दे पर क्या फैसला लेता है।
