संभागायुक्त महादेव कावरे का गौरेला पेंड्रा मरवाही ज़िले का दौरा, प्रस्तावित महंत बिसाहू दास उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के स्थल किया अवलोकन

जिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी भी थीं साथ दोरे पर विभिन्न विकास कार्यों का कराया निरीक्षण
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही
बिलासपुर संभाग के आयुक्त एवं महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति महादेव कावरे ने महाविद्यालय के विस्तार और अनुसंधान केंद्र के विकास हेतु मालाडांड मरवाही में प्रस्तावित भूमि का निरीक्षण किया,
कुलपति ने इस भूमि की भौगोलिक स्थिति का बारीकी से अध्ययन किया और इसके विकास की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श किया। यह भूमि भविष्य में महाविद्यालय की अधोसंरचना और अनुसंधान गतिविधियों को सशक्त बनाने में एक अहम भूमिका निभा सकती है।

इस अवसर पर कलेक्टर श्रीमती लीना कमलेश मांडवी, एसडीएम पेंड्रा अमित बेक, एसडीएम मरवाही दिलेराम डाहिरे, परियोजना निदेशक डीआरडीए के कौशल प्रसाद तेंडुलकर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।

तकनीकी प्रदर्शनी का आयोजन
दौरे के दौरान महाविद्यालय के छात्रों द्वारा एक अत्याधुनिक तकनीकी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें आधुनिक उद्यानिकी यंत्रों का प्रदर्शन किया गया। छात्रों ने यंत्रों के उपयोग और उनकी कार्यक्षमता के बारे में गहन जानकारी दी। प्रदर्शनी में मृदा परीक्षण किट और जल-संवर्धन (वॉटर हार्वेस्टिंग) तकनीक का लाइव प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। इसके अतिरिक्त, छात्रों ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तैयार विभिन्न मॉडलों के माध्यम से महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारियां साझा कीं, जिसे कुलपति महोदय ने सराहा और उनकी प्रशंसा की।

छात्रों से संवाद
कुलपति ने महाविद्यालय भ्रमण के दौरान प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने छात्रों के शैक्षणिक अनुभव, अध्ययन में उनकी रुचि, और विशेष रूप से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में उद्यानिकी की संभावनाओं पर चर्चा की। कुलपति महोदय ने छात्रों से आधुनिक उद्यानिकी तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की और यह जाना कि किस प्रकार ये तकनीकें स्थानीय परिस्थितियों में प्रभावी हो सकती हैं। उन्होंने तकनीकी शिक्षा के व्यावहारिक महत्व को रेखांकित करते हुए छात्रों को नवीनतम तकनीकों को सीखने और उद्यानिकी क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रेरित किया, ताकि वे भविष्य में क्षेत्रीय उद्यानिकी के विकास में योगदान दे सकें।

