गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले का प्रमुख तीर्थ है कारीआम, जहां विराजे हैं गणेश दादा, मनवांछित फल देने वाले हैं गणेशपुरी कारीआम के गणेश दादा
गणेश चतुर्थी पर विषेश ,कारीआम वाले गणेश दादा

गौरेला पेंड्रा मरवाही
प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के 28 में जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही महत्वपूर्ण पौराणिक एवं पुरातात्विक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ शासन गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले को तीर्थ एवं पर्यटन जिला के रूप में विकसित करने के लिए प्रयासरत है।


जिले के ऐसे ही महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक कारीआम है जो पेंड्रा से रतनपुर जाने वाले मार्ग में ग पड़ता है। इस गांव का प्राचीन नाम गणेशपुरी भी है। कारीआम गणेशपुरी में अत्यंत प्राचीन गणेश प्रतिमा विराजित है जिसे श्रद्धालु एवं ग्रामवासी गणेश दादा के नाम से संबोधित करते हैं। इस विशाल आदिवासी अंचल में ग्राम कारीआम के गणेश दादा पर न सिर्फ इस क्षेत्र के जन समुदाय की आस्था है बल्कि दूर-दूर तक गणेश दादा की कीर्ति फैली है।

आम के पेड़ के नीचे यह प्राचीन गणेश प्रतिमा है जहां पहुंचकर भक्त गणेश जी को बंदन का चोला चढ़ाकर प्रसन्न करते है।

यह स्थान बेलगहना के सिद्ध आश्रम एवं सोन नदी के उद्गम स्थल सोनमुड़ा आश्रम से संबद्ध है जिसकी स्थापना ब्रह्मलीन स्वामी सदानंद जी महाराज ने की थी। इस प्राचीन स्थल पर अब प्राचीन गणेश मंदिर के अलावा अन्य आधुनिक निर्मित मंदिर जैसे श्री काली मंदिर, श्री राम जानकी लक्ष्मण मंदिर, श्री भैरव बाबा श्री पंचमुखी हनुमान जी श्री शनि महाराज जी तथा भोलेनाथ के अनेक प्राकृतिक प्राचीन शिवलिंग स्थापित हैं। प्राचीन तालाब के किनारे के मंदिर समूह प्राकृतिक सुषमा से भरे हुए हैं जो दर्शनीय है।

पेंड्रा से बिलासपुर आते जाते आप यहां प्राचीन गणेश जी का दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं। आज से प्रारंभ गणेश उत्सव का समय गणेश दादा के दर्शन के अति उत्तम है।

जय हो गणेश दादा जी महाराज 🙏🏽
