प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवाओं एवं छात्रों के लिए रामबाण साबित हो रही है गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पुलिस की पाठशाला
पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के निर्देशन में संचालित पुलिस की पाठशाला में 1100 से अधिक छात्रों एवं युवाओं को मिल रहा है कैरियर गाइडेंस एवं प्रशिक्षण

अखिलेश नामदेव/गौरेला पेंड्रा मरवाही
लोकतांत्रिक व्यवस्था में वैसे तो पुलिस को जिम्मेदारी मिली हुई है कि वह अपराध एवं अपराधियों पर नकेल कस समाज अपराध की रोकथाम कर ऐसा वातावरण तैयार करें ताकि लोग चैन की नींद सो सके ,परंतु गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस अपने इस मूल काम के अलावा जिले के युवाओं एवं छात्र-छात्राओं को पुलिस की पाठशाला के माध्यम से करियर गाइडेंस एवं प्रशिक्षण देने का भी काम कर रही है।


पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता के दिशा निर्देशन में गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पुलिस की पाठशाला के माध्यम से जो कार्य कार्य चल रहा है वह जड़ों में पानी सींचने जैसा है। पुलिस के इस प्रयास से अपना भविष्य तलाश रहे युवा जो प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए पुलिस की इस पाठशाला में अध्यनरत है वे जो परीक्षाओं में चयनित होने के बाद भविष्य में समाज को शीतल छाया ही प्रदान करेंगे।

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में यह खबर चिलचिलाती तेज धूप में ठंडी हवा के झोंके जैसा ही सुख प्रदान करने वाला है कि जिले के लगभग 1100 युवा एवं छात्र पुलिस की पाठशाला में अध्ययन करते हुए अपने करियर की दिशा तलाश रहे हैं जहां स्वयं गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता उन्हें प्रशिक्षण एवं करियर का मार्गदर्शन दे रही है तथा उनके सहयोगी के रूप में जिले के अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सहयोग प्रदान कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय गौरेला पेंड्रा मरवाही में संचालित पुलिस की पाठशाला में मेघावी छात्रों के लिए करियर गाइडेंस देने के लिए एक निर्देशका तैयार की है जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में तैयारी के माध्यम एवं तरीके दिए गए हैं।

कुशल मार्गदर्शन एवं अधिकारियों द्वारा तैयार इस कैरियर गाइडेंस पुस्तक में नीट जेई, टेट,कैट, एनडीए यूपीएससी सीजी पीएससी सीजी व्यापम सीजी पुलिस जैसी प्रतियोगी परीक्षा में बैठने के लिए उनमें आने वाले सवाल और समाधानों को शामिल किया गया है तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्र-छात्राओं एवं युवाओं का मार्गदर्शन किया जा रहा है। खास बात यह है कि इनमें ज्यादातर युवा एवं छात्र-छात्राएं ग्रामीण अंचल के हैं जो बड़े शहरों में जाकर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सेंटर की महंगी महंगी फीस नहीं दे पाते।

यहां पर बताना जरूरी है कि जब नया गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला बना था तब यहां जिले में प्रथम पुलिस अधीक्षक के रूप में पदस्थ रहे आईपीएस अधिकारी सूरज सिंह परिहार ने गौरेला, पेंड्रा, मरवाही जिले की संरचना एवं बनावट को देखते हुए ग्रामीण इलाकों में बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा एवं मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में पुलिस की पाठशाला की शुरुआत की थी जहां उन्होंने अपने विभिन्न सहयोगियों के माध्यम से उत्कृष्ट स्तर किताबों का प्रबंध किया था तथा देश के नामी गिरामी लोगों को पुलिस की इस पाठशाला के प्रति आकृष्ट किया था।


वहीं पुलिस की पाठशाला आज भी जिले में चल रही है।वर्तमान में जिसका प्रबंधन जिले की उत्साही, ऊर्जावान युवा पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने अपने हाथों में लिया है तथा पुलिस की पाठशाला के उद्देश्यों के अनुरूप युवाओं के मार्गदर्शन में जुटी हुई है।
