राजमेरगढ़ में ‘कॉस्मिक नाइट्स’ का भव्य आयोजन — युवाओं ने देखा बृहस्पति, शनि और गैलेक्सियाँ,खगोल विज्ञान और प्रकृति अन्वेषण का अनूठा संगम — टेलिस्कोप से नेब्युला, तारामंडल और एंड्रोमेडा गैलेक्सी का अवलोकन
विशेषज्ञ देवल सिंह बघेल और पर्यावरणविद् संजय पयासी के ज्ञानवर्धक सत्र ने जीत लिया प्रतिभागियों का मन
नाइट कैंपिंग, ट्रैकिंग और पारंपरिक भोजन के साथ प्रतिभागियों को मिला विज्ञान-पर्यावरण का अद्भुत अनुभव
राजमेरगढ़ में कॉस्मिक नाइट्स का शानदार आयोजन — खगोल विज्ञान और प्रकृति का अद्भुत संगम

गौरेला पेंड्रा मरवाही
गौरेला–पेंड्रा–मरवाही के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल राजमेरगढ़ में शनिवार रात जिला प्रशासन एवं बनमनई इको केयर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘कॉस्मिक नाइट्स — ए स्टार गेजिंग एडवेंचर’ कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को ब्रह्मांड और प्रकृति के अद्भुत संसार से रूबरू कराया। बड़ी संख्या में युवाओं, प्रकृति प्रेमियों और विज्ञान में रुचि रखने वालों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण आधुनिक टेलिस्कोप के माध्यम से खगोलीय अवलोकन रहा। प्रतिभागियों ने बृहस्पति और उसके चंद्रमा, शनि के छल्ले, ओरायन, प्लेयडीज़, प्रमुख नक्षत्रों, विभिन्न नेब्युला, तारा समूह और दूर स्थित एंड्रोमेडा गैलेक्सी का लाइव दर्शन किया। रात के आकाश में फैला यह अद्भुत नजारा प्रतिभागियों के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन गया।

खगोल विज्ञान पर रोचक और वैज्ञानिक व्याख्या
कार्यक्रम में खगोल विशेषज्ञ देवल सिंह बघेल द्वारा विशेष सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने खगोलीय संरचनाओं और ब्रह्मांड विज्ञान को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने नक्षत्रों की पहचान, तारों के तापमान एवं आयु, उनकी संरचना, ग्रहों की कक्षाएँ, गति, ध्रुवतारा से दिशा निर्धारण, आकाशगंगा की संरचना और ब्रह्मांड के विकास सिद्धांत पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रतिभागियों ने बताया कि उनका पहला अनुभव था जिसमें उन्होंने वैज्ञानिक और रोमांचक तरीके से ब्रह्मांड को करीब से महसूस किया।

मैकल पर्वतमाला की जैव-विविधता पर पर्यावरणीय सत्र
पर्यावरणविद् संजय पयासी ने मैकल पर्वतमाला की अनूठी जैव-विविधता और संरक्षण पर मूल्यवान जानकारी साझा की। उन्होंने क्षेत्र की विशेष वनस्पतियों, जीव-जंतुओं, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र, भू-गर्भीय संरचना, मलनिया उद्गम और जलस्रोतों की उत्पत्ति के बारे में बताया। साथ ही स्थानीय समुदायों की भूमिका, जंगल-आधारित जीवनशैली और प्रकृति संरक्षण के महत्वपूर्ण उपायों पर प्रकाश डाला।
प्रतिभागियों का कहना था कि खगोल विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान का यह संयुक्त संगम उनके लिए ज्ञान का दुर्लभ अनुभव रहा।

नाइट कैंपिंग, पारंपरिक भोजन और रोमांचक गतिविधियाँ
आयोजन में नाइट कैंपिंग, बोन फायर, ट्रैकिंग, स्टोरी टेलिंग, प्रकृति अवलोकन, मलनिया उद्गम एवं जलप्रपात ट्रेक जैसी गतिविधियों ने अनुभव को और विशेष बना दिया। स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु सरई और माहुल के दोना–पत्तल में पारंपरिक भोजन परोसा गया, जिसे प्रतिभागियों ने बेहद पसंद किया।

प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को “बेमिसाल, ज्ञानवर्धक और हृदयस्पर्शी” बताते हुए जिला प्रशासन और आयोजक संस्था के प्रयासों की सराहना की।
इस तरह के आयोजन युवाओं को विज्ञान, अंतरिक्ष अध्ययन, पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता से जोड़ने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं।

