हिंसात्मक आंदोलन में पाकिस्तान हुआ बेनकाब

हिंसात्मक आंदोलन में पाकिस्तान हुआ बेनकाब

कृषि कानून का विरोध जिस तरह से एक हिंसात्मक आंदोलन का रूप ले चुका है, सभी के मन में एक सवाल खटक रहा था. आखिर इस विरोध को पहले आंदोलन की हवा देने और फिर बाद में ट्रैक्टर मार्च के नाम पर पूरी दिल्ली में तोड़फोड़ मचाने के पीछे मास्टरमाइंड कौन है. किसान आंदोलन विरोध प्रदर्शन तो कर सकता है, लेकिन तोड़फोड़ आगजनी उपद्रव देश की गरिमा के साथ खिलवाड़ कभी नहीं कर सकता है.

जाँच एजेंसियों को इस आंदोलन के पीछे पहले से अंदेशा था. कुछ न कुछ गड़बड़ तो जरूर है, जरूर भारत विरोधी ताकतों ने इस आंदोलन को हवा देने का काम किया है.

पाकिस्तान का नाम

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के आंदोलन में जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, उस पर आखिरकार दिल्ली पुलिस ने अपनी मुहर लगा दी है. दरअसल, किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने और भारत को बदनाम करने की पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा हुआ है.

दरअसल, बुधवार को क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने एक टूलकिट (दस्तावेज) को ट्वीट किया था, जिसमें किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार को घेरने और भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई थी. ग्रेटा ने बवाल बढ़ता देख इस ट्वीट को तुरंत डिलीट भी कर दिया. हालांकि, बाद में उन्होंने दूसरा ट्वीट कर नए टूलकिट को शेयर किया. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस टूलकिट को बनाने वाले के खिलाफ कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया है. पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह भी बताया कि इसके जरिए भारत के खिलाफ साजिश रची जा रही थी.

फाउंडेशन चलाता है भारत विरोधी एजेंडा

जानकारी के अनुसार, कनाडा का पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन कई साल से भारत के खिलाफ एजेंडा चलाता आ रहा है. इस फाउंडेशन का अध्यक्ष एमओ धारीवाल को बताया जाता है. इस संगठन की वेबसाइट पर भारत विरोधी कई लेख भी मौजूद हैं. दरअसल इस टूलकिट के माध्यम से पोएटिक जस्टिस किसान आंदोलन को भड़काने की साजिश रच रहा था. बताया जाता है कि इस संगठन का कनाडा में राजनीतिक रसूख भी काफी है. कनाडा के कई सिख सांसद भी इस संगठन से जुड़े हुए बताए जाते हैं.

पंजाब सीएम ने दिया था ये बयान

बीते मंगलवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बड़ा बयान दिया था. अमरिंदर सिंह ने कहा था कि किसान आंदोलन की आड़ में पाकिस्तान साजिश रच सकता है. ऐसे में हालात बेकाबू होने से पहले केंद्र सरकार को यह मुद्दा सुलझा लेना चाहिए. उन्होंने कहा था कि यह अहंकार में अलग खड़ा होने का नहीं, बल्कि अपने राज्य और अपने लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का समय है.

4-5 फरवरी को ट्विटर पर हंगामा मचाने की बनाई थी योजना

इसके अलावा विदेशों में भारतीय दूतावासों के पास कब और कहां प्रदर्शन करना है, इस टूलकिट में वह सभी बातें लिखी हुई थीं. मीडिया हाउस, सरकारी बिल्डिंग्स और अडानी-अंबानी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की योजना भी बनाई गई थी. 4-5 फरवरी को ट्विटर पर हंगामा मचाने की योजना बनाई गई थी. इसमें किसान आंदोलन से जुड़ी चीजों, हैशटैग और तस्वीरों को ट्रेंड कराये जाने की योजना थी. इसके लिए तस्वीरें, वीडियो मैसेज 5 फरवरी तक मंगाए थे.

क्या लिखा था ग्रेटा के विवादित टूलकिट में?

ग्रेटा ने अपने ट्वीट में भारत विरोधी एक दस्तावेज भी ट्वीट किया था, जिसमें मोदी सरकार और भारत के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा चलाने की प्लानिंग लिखी हुई थी. इसमें लोगों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में आंदोलन में शामिल होने और फोटो-वीडियो को शेयर करने के लिए कहा गया था. इतना ही नहीं, सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर इसके जरिए एक डिजिटल स्ट्राइक करने की भी योजना बनाई गई थी. भारत सरकार पर दबाव कैसे बनाया जाए, इसकी भी प्लानिंग की गई थी. 

 

 

Akhilesh Namdeo