कांग्रेस में आंतरिक कलह, विधायक अटल श्रीवास्तव और जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी आमने-सामने
Gpm

छत्तीसगढ़ में हाल ही में संपन्न हुए नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद, पार्टी के भीतर आंतरिक विवाद उभरकर सामने आ रहे हैं। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने टिकट वितरण में अनियमितताओं, बागी उम्मीदवारों के खिलाफ निष्कासन की कार्रवाई, और जिला अध्यक्षों की अनुशासनहीनता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जिला अध्यक्षों को ‘बेलगाम’ तक कह डाला।

विधायक श्रीवास्तव के इन बयानों के जवाब में, जिला कांग्रेस कमेटी बिलासपुर के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि विधायक श्रीवास्तव को पहले अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटा में कांग्रेस की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए, जहां पार्टी को भारी नुकसान हुआ है।

केशरवानी ने आरोप लगाया कि विधायक की कार्यशैली के कारण कई ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारियों ने कांग्रेस छोड़ दी है।

चुनावी परिणामों की बात करें तो, कोटा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चार नगरीय निकायों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा:
रतनपुर नगर पालिका: कांग्रेस चौथे स्थान पर रही, भाजपा से लगभग 2000 वोटों से पीछे।
गौरेला नगर पालिका: कांग्रेस तीसरे स्थान पर, भाजपा से लगभग 5600 वोटों से पराजित।
कोटा नगर पंचायत: कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा से लगभग 3300 वोटों से हारे।
पेंड्रा नगर पालिका: कांग्रेस निर्दलीय प्रत्याशी से पराजित हुई।
कुल मिलाकर, कोटा विधानसभा क्षेत्र के 60 वार्डों में से केवल 18 वार्डों में ही कांग्रेस के पार्षद विजयी हो सके। केशरवानी ने सवाल उठाया कि इन परिणामों के लिए विधायक श्रीवास्तव किसे दोषी मानते हैं।
इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक कलह और नेतृत्व के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गया है।
