इतिहास रचने वाले चेहरे

इतिहास रचने वाले चेहरे

भारतीय क्रिकेट सलेक्शन टीम की खोज इतिहास रचने में अहम भूमिका निभाई है, कुछ ऐसे चेहरे है.जिनको अन्तर्राष्ट्रीय मैच में पहली बार मौका मिला और एक ऐसा भी चेहरा है  जो अपने पिता की मौत को भी सहते हुये देश के लिये टीम के साथ बना रहा और इतिहास रचने में अहम भूमिका अदा की.

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ब्रिसबेन में 3 विकेट से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को लगातार दूसरी बार अपने नाम कर लिया है। ऋषभ पंत की 89 रनों की नाबाद पारी और चेतेश्वर पुजारा की जुझारू पारी के दम पर टीम इंडिया ने गाबा के मैदान पर कंगारू टीम को पहली बार शिकस्त दी।

इस टेस्ट सीरीज के हर एक मुकाबले में टीम के लिए एक नया खिलाड़ी हीरो बनकर उभरा, जिसने इस ऐतिहासिक जीत में अहम योगदान दिया। आइए नजर डालते हैं ऐसे ही पांच खिलाड़ियों की ऊपर जो इस टेस्ट सीरीज की सबसे बड़ी खोज रहे..

एक झलक इतिहास रहने वाले चेहरों की

वॉशिंगटन सुंदर

रविचंद्रन अश्विन के चोटिल होने के बाद टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू करने वाले वॉशिंगटन सुंदर ने अपने पहले ही मैच में छाप छोड़ी। सुंदर ने मैच में 4 विकेट लेने के साथ ही पहली पारी में 62 और दूसरी इनिंग में 25 रनों की बेशकीमती पारी खेली, जिसके चलते भारत गाबा में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की टीम को शिकस्त देने में कामयाब रहा।

सुंदर ने पंत के साथ दूसरी पारी में मिलकर वह अहम साझेदारी निभाई, जिसने इस मुकाबला का रूख पूरी तरीके से भारत की तरफ मोड़ दिया।

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शार्दुल ठाकुर

लिमिटेड ओवर सीरीज में दमखम दिखाने वाले शार्दुल को जब टेस्ट मैच में भी मौका मिला तो उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया।

शार्दुल ने मैच में 7 विकेट लेने के साथ ही पहली पारी में 67 रनों की आतिशी पारी खेली, जिसके दम पर भारत की टीम पहली इनिंग में 336 तक पहुंचने में सफल रही।

शार्दुल ने गेंदबाजी में जहां अहम मौकों पर टीम को विकेट दिलाए, वहीं बल्लेबाजी में उन्होंने विश्व के नंबर एक गेंदबाज पैट कमिंस को लंबे-लबें शॉट्स भी खेले।

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मोहम्मद सिराज

ऑस्ट्रेलिया पहुंचने पर अपने पिता को खोने वाले सिराज ने अपनी गेंदबाजी से हर किसी को अपना मुरीद बना दिया।

ब्रिसबेन की जीत में सिराज का काफी अहम योगदान रहा, उन्होंने दूसरी पारी में पांच विकेट अपने नाम किए और कंगारू टीम की बल्लेबाजी की कमर तोड़कर रख दी। मेलबर्न में अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले सिराज गाबा में सबसे अनुभवी गेंदबाज के तौर पर मैदान पर उतरे, लेकिन उनकी गेंदबाजी को देखकर ऐसा लगा मानो उनके पास ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेलने का अच्छा खासा अनुभव मौजूद हो।

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शुभमन गिल

इस दौरे से पहले जिस खिलाड़ी के बारे में सबसे ज्यादा चर्चा थी, वह थे शुभमन गिल। आईपीएल 2020 में जबर्दस्त प्रदर्शन करके ऑस्ट्रेलिया पहुंचे इस बल्लेबाज ने मेलबर्न के बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच में ही अपनी प्रदर्शन से छाप छोड़ी।

शुभमन गिल की ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर दूसरी पारी में खेली 91 रनों की इनिंग ने भारत की जीत की आस को जगाया। शुभमन जरूर अपने शतक से चूक गए, लेकिन इस टेस्ट सीरीज में बतौर ओपनर उन्होंने अपनी काबिलियत का जो नमूना पेश किया है, उसके बाद टेस्ट क्रिकेट में उनका भविष्य काफी उज्ज्जवल नजर आता है।

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टी नटराजन

बतौर नेट गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आए टी नटराजन ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि यह दौरा उनके करियर को पलटकर रख देगा।

नटराजन पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी बने, जिन्होंने लिमिटेड ओवर और टेस्ट क्रिकेट दोनों ही में ही एक ही दौरे पर अपने डेब्यू किया।

ब्रिसबेन में नटराजन ने पहली पारी में तीन अहम विकेट अपने नाम किए, जिसमें मार्नस लाबुशेन का बड़ा विकेट भी शामिल था। इसके अलावा, वह टी20 सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे।

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Akhilesh Namdeo