ज़मीन के साथ समुद्र में कब्जे की कोशिश में चीन

विवादों से चीन का गहरा नाता है, कभी कोरोना को लेकर तो कभी ताइवान के साथ विवाद को लेकर भारत के साथ LAC का सिमा विवाद हो. या फिर नेपाल को कब्जाने की कहानी हो चीन हर समय चर्चा में रहना चाहता है. साउथ चाइना सी विवाद में वियतनाम और फिलिप्पिन्स के साथ उलझा रहता है. तो वहीं ईस्ट चाइना सी में साउथ कोरिया के साथ उलझा रहता है.
ज़मीन हो या जल हर जगह अपनी हुकूमत जमाने में लगे चीन की नजर अब हिन्द महासागर पर टिकी है. ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) ने अपने विश्लेषण में पाया कि चीनी जहाज भारत की जल सीमा के निकट शोध के नाम पर हिंद महासागर क्षेत्र का मानचित्र तैयार कर रहे हैं. ओपन-सोर्स इंटेलीजेंस (OSINT) के विश्लेषक पिछले दो साल से चीनी सरकार के इन सर्वेक्षण जहाजों पर नजर रखे हुए हैं. विशेषज्ञों का कहना कि इस जानकारी का उपयोग चीन की सरकार नौसेना की योजनाओं में कर सकती है.
अंडमान-निकोबार के पास दिखे चीनी जहाज
ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस के विशेषज्ञों ने हिंद महासागर क्षेत्र में नौवहन पर पैनी नजर रखी. उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि नागरिक उद्देश्यों के नाम पर किए गए इस शोध में जो आंकड़े जुटाए गए हैं, वे सैन्य अभियानों के लिए भी अहम हो सकते हैं. इनमें से कुछ सर्वेक्षण जहाजों को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पास भी देखा गया.
नौसेना विशेषज्ञ जानकारी साझा करते हुए कहा कि चीन का एक टोही जहाज पहले हिंद महासागर क्षेत्र में था और अब यह दक्षिण चीन सागर में पहुंच चुका है. इस जहाज के कथित तौर पर हिंद महासागर की तलहटी का मानचित्र बनाने और अन्य पैमानों को दर्ज करने के अभियान चलाने की संभावना है.
इंडोनेशिया की सुरक्षा एजेंसी ने पकड़ा
चीन के इस टोही जहाज को इंडोनेशिया की ने उस समय पकड़ लिया, जब यह खुद से अपनी पहचान जाहिर करने वाली प्रणाली को चालू किए बिना ही रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण सुंडा जलडमरूमध्य से गुजर रहा था. इस घटना से कुछ वक्त पहले ही मकस्सर जलडमरूमध्य में चीन के टोही ड्रोन विमान को भी देखा गया था.
चीन का यह अकेला जहाज नहीं
विश्लेषण दिखाता है कि यह पहली बार नहीं है जब चीन का कोई टोही जहाज इस क्षेत्र में दिखा है. ना ही यह इकलौता जहाज है जो इस क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य कर रहा है. हालांकि स्वयं पहचान जाहिर करने वाली प्रणाली का डाटा बताता है कि यह अक्सर इंडोनेशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में चक्कर लगाता रहता है.
सैन्य रणनीतिक शोध की भी संभावना
डाटा एनालिलिस दिखाता है कि जरूरी नहीं ये जहाज सिर्फ नागरिक उद्देश्यों से किए जाने वाले शोध में लगे हों. इनके द्वारा जुटाए आंकड़ों का उपयोग सैन्य रणनीति के लिए भी हो सकता है. पूर्वी हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की विशेष रुचि भी है. चीनी नौसेना ने अपनी पनडुब्बी क्षमता को बढ़ाया है. इन सर्वेक्षणों से हासिल डाटा का उपयोग पनडुब्बियों को रास्ता दिखाने और बिना पकड़ में आगे बढ़ने का अवसर देने के लिए हो सकता है.
