KGF मूवी की गणित क्या है

KGF मूवी की गणित क्या है

इन दिनों सोशल मीडिया पर एक मूवी का टीजर और ट्रेलर खूब धूम मचाये हुये  है। 2018 में एक मूवी आई  थी Kgf  जिसे दर्शकों  ने खूब पसंद किया था.अब उसी मूवी का पार्ट 2 यानि kgf  चैप्टर 2 का टीजर आ चूका है और पते की बात 8 दिनों में ही खूब बहबाईया बटोर चूका है। 3 मिनट  के ट्रेलर को यूट्यूब पर करीब 15 करोड़ लोगो ने अभी तक देख लिया है। 

आखिर मूवी तो बराबर आती रहती है, इस kgf में ऐसा क्या है जो लोगों  को खूब भा रहा है। मूवी का फॉर्मेट आज  की मूवी  से बिलकुल हट के है साफ साफ कहूँ  तो मूवी  90 की दशक सी लगती है और तो और 90 के दशक में जिस तरह से लोगों में बेकरारी मूवी के लिये रहती थी. आज भी बेकरारी बिलकुल वैसे ही है. 

Kgf 2 को जानने से पहले 2018 में आयी Kgf  चैप्टर1 को समझना होगा नहीं तो दिमाग का दही हो जायेगा। 

Kgf  नाम सुनने से लग रहा जैसे किसी इंसान का शार्ट नेम हो अमूमन खिचाई करने के लिए दोस्तों में शार्ट नेम खूब रखा जाता। मूवी  भी शार्ट नेम से ही शुरू हुई है और ख़त्म होते होते फुल मीनिंग समझाते जाती 

मूवी में कहानी 1950 से 1981 के बीच  की है ,एक तरफ खलनायकों को सोने की खदान हाथ लगती तो दूसरी ओर राजा कृष्णप्पा बेरिया उर्फ़ रॉकी  का जन्म होता है। मुंबई की गलियों में  रॉकी पलता बढ़ता है। रॉकी जब 10 साल का रहता है, तभी रॉकी  के माँ की मौत हो जाती है। रॉकी  की माँ मरते मरते कहती है कि तू गरीबी में भले ही पैदा हुआ है. लेकिन मरना अमीरी में। माँ की बात को रॉकी गाँठ बांध लेता है और अपराध जगत में एक बड़ा नाम बन जाता है.

रॉकी मुंबई और आस पास के इलाकों  में खूब तबाही मचाता और अपराध की दुनियाँ  में एक बड़ा नाम बन जाता रॉकी  की तारीफ सुन कर उसे बैंगलूर बुलाया जाता और गरुणा नाम के एक बादशाह को मारने का जिम्मा सौंपा जाता अब तक की कहानी मूवी का 1ST हाफ है 

मूवी में  एक्शन सेकंड हाफ से  शुरू होता गरूणा कोई आम इमली घास नहीं था जिसको मारना रॉकी के लिये  आसान हो। गरुणा का अपना एक साम्राज्य था अपनी एक बादशाहत थी।

 बैंगलूर में राकी गरुणा  को नहीं मार पाता  रॉकी  फैसला करता गरुणा को उसके घर कोलार जाके मरेगा। 

निर्देशक प्रशांत नील  के ऊपर बाहुबली और गैंग्स ऑफ वासेपुर का इफ़ेक्ट साफ साफ दिख रहा बाहुबली की तरह गरुणा की फैमिली  सोने की खदान पर एक तरफ़ा हुकूमत जमाती  तो वही गैंग्स आफ वासेपुर की तर्ज पर मूवी का मिजाज रखा गया है। 

कोलार  की खानों  में काम करने वाले मजदूरों के ऊपर बेइंतहा जुल्म ढाया जाता है जुल्म क्यों ढाया जाता मूवी  में इसका जबाब नहीं है 

केजीएफ में एक्टिंग, एक्शन, डायलॉग, स्वैग, बैकग्राउंड म्युजिक जैसी सभी चीजें बहुत ज्यादा लाउड हैं। स्टाइल और प्रजेंटेशन ही इसे अलग बनाता है।  

फिल्म के खूब डायलॉग बाजी है। इफ यू थिंक यू आर बैड देन आई एम योअर डैड, हाथ में मछली लेकर मगरमच्छ को पकड़ने के लिए निकले हो लेकिन मगरमच्छ को मछली नहीं हाथ पसंद है जैसे धमाकेदार डायलॉग सुनने को मिलती है।  

इस फिल्म में लीड रोल निभाया है यश ने। यश अपनी रोमांटिक हीरो की इमेज से बाहर निकलते हुए एक हेवी-ड्यूटी एक्शन हीरो के अवतार में नजर आते हैं। फिल्म का पहला एक घंटा रॉकी की छवि को बनाने में खर्च किया गया है। हर जगह वह मार-काट मचाता रहता है। सिगरेट का धुआं उड़ाता है और शराब गटकता रहता है। स्लो मोशन में उसके कई स्टाइलिश शॉट नजर आते हैं। वह स्क्रीन पर नहीं भी हो तो लोग उसकी तारीफ के कसीदे गढ़ते रहते हैं। 

 फिल्म में हिंसा की भरमार है। हर दूसरे मिनट मारकाट मचती रहती है। गाजर-मूली की तरह लोगों को काटा गया है। हथौड़ा, चेन, चाकू, रॉड, तलवार, फावड़ा से खून बहाने से मन नहीं भरा तो बंदूक और मशीनगन का इस्तेमाल भी किया गया है। एक्शन का यह ओवरडोज़ बहुत कहानी, स्क्रिप्ट, एक्टिंग पर भी भारी पड़ गया है।

 

Kgf चैप्टर 2 की कहानी वही से शुरू होगी  जहाँ  से पहला भाग ख़त्म हुआ था ,पहले भाग में जैसा रॉकी अपनी माँ से वादा किया था गरीबी में नहीं मरना रॉकी  बिलकुल वादे  के हिसाब से  दूसरे  भाग में भी फटाफट वैसे ही आतंक तबाही मचाये हुये  है 

टीजर में तबाही और आतंक आप देख चुके होंगे रॉकी  अब बस तबाही और आतंक का नाम नहीं है रॉकी  अब राजनीति  की चाल  और माफियाओ के बिच बनते समीकरणों को समझने लगा है। रॉकी  की चाहत  तो कोलर की सोने की खान पर राज करना है ,लेकिन बीच  में एंट्री होती रवीना टंडन की रॉकी  रवीना को दिल दे बैठता मजे की बात प्यार मुह्हबत महबूब और चाहत आप जब से बॉलीवुड की मूवी देख रहे होंगे इसका ट्रेंड रहा ही होगा. 

जैसा की चैप्टर 1  में विलेन  गरुण को दिखाया गया हैं इस भाग में विलेन की भूमिका में  सजंय दत्त  नजर आयेगे अधीरा के किरदार में जो कोलार खान के मालिक सुर्यवर्धन के भाई है। इसमें रॉकी और अधीरा के बीच आमने सामने जंग होगी। 

फिल्म की शूटिंग पूरी है प्रोडक्शन का काम चालू है बॉक्स ऑफिस पर कब देखने को मिलती ये अभी तय नहीं है। मूवी कन्नड़ में है जिसको हिन्दीमे डब  किया गया है।  100 करोड़ की लागत लगा के बनी पहली महगी कन्नड़ फिल्म है। जिस तरह फिल्म का टीजर और ट्रेलर यूट्यूब पर धड़ाधड़ लाइक्स और शेयर बटोर रहा उम्मीद यही है बॉक्स ऑफिस पर मूवी धमाल मचायेगी  

 

Akhilesh Namdeo