किसान बिल का कब निकलेगा हल

किसान बिल का कब निकलेगा हल

करीब डेढ़ महीने से ऊपर का समय बीत चुका है, किसान आज भी किसान बिल के विरोध में सड़कों पर डेरा जमाये हुये है, इस दरमियान सरकार और किसान दल के बीच कई बार बातचीत का सिलसिला चला, लेकिन कोई सकारात्मक हल निकल के सामने नहीं आ पा रहा है, किसानों की अपनी मांग है किसान बिल को सिरे से ख़ारिज किया जाये, तो वहीं सरकार झुकने को तैयार नहीं है.

किसान और सरकार के बीच हल न निकल पाने की कोई राह नहीं दिखी, तो सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद सरकार-किसान के बीच हुई आज ये पहली बैठक थी, लेकिन इस बार भी कुछ अलग नहीं दिखा. किसान संगठनों की ओर से अब भी कृषि कानून वापस लेने की मांग की जा रही है, जबकि सरकार संशोधनों का हवाला दे रही है. सरकार और किसान संगठनों के बीच अब अगली बैठक 19 जनवरी को होगी.

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने नए कृषि कानूनों की तारीफ की है. IMF ने कहा है कि ये कानून कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए बेहद महत्वपूर्ण कदम है. ये बातें IMF की एक प्रवक्ता गैरी राइस ने कही. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस कानून का असर जिन लोगों पर पड़ेगा, उन्हें सामाजिक सुरक्षा देने की भी जरूरत है.

बता दें कि भारत में किसान आंदोलन को लेकर गैरी राइस से सवाल पूछे गए थे. प्रेस कॉन्फ्रेस में उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना ​​है कि भारत में कृषि सुधारों के लिए ये कानून महत्वपूर्ण कदम है. इससे किसान सीधे विक्रेता के साथ करार कर पाएंगे. इससे बिचौलिए की भूमिका भी खत्म होगी. साथ ही इससे गांवों के विकास में भी मदद मिलेगी. हालांकि ये जरूरी है कि उन लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिले जिन पर इस नए कानून का असर पड़ेगा.’

सरकार के साथ हो सकती है बातचीत
इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने कहा कि वे सरकार के साथ नौवें दौर की वार्ता में भाग लेंगे, लेकिन उन्हें इस बातचीत से ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि वे विवादित कानूनों को वापस लिए जाने से कम पर नहीं मानेंगे. कृषि कानूनों के मुद्दे पर गतिरोध को खत्म करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल की पहली बैठक 19 जनवरी को होने की संभावना है, ऐसे में शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसान संघों के बीच इस मुद्दे पर यह अंतिम बैठक हो सकती है.

कमेटी पर सवाल
किसान संगठनों का कहना है कि वे सरकार के साथ निर्धारित वार्ता में हिस्सा लेने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने न्यायालय द्वारा नियुक्त पैनल के समक्ष उपस्थित होने से इनकार किया है और उसके सदस्यों पर भी सवाल उठाया है.

Akhilesh Namdeo