लोकतंत्र के लिये अभिशाप है दागदार चेहरे

देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में संवैधानिक प्रावधान कभी कभी हैरत में डाल देते है ,आखिर देश का संविधान के लचीलेपन का ही तो दुष्परिणाम है की देश में रेप और हत्या जैसे मामलों से घिरे राजनेता को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलती और हैरत वाली बात उनकी पार्टी उनके विरोध की जगह उनका जम के समर्थन करती है दागी नेता हर पार्टी में है ऐसा हरगिज नहीं की कोई पार्टी पाक साफ हो सभी के दामन दागदार है।
ताजा मामला महारास्ट्र का है, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी( राकपा)के कैबिनेट मंत्री धनंज्य मुंडे के ऊपर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है। हैरत वाली बात उनकी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने उन्हें अभी मंत्री पद पर बने रहने देने का फैसला किया है।
पार्टी अध्यक्ष शरद पवार, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल और वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल सहित राकांपा के कई शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बृहस्पतिवार देर रात बैठक की थी. बैठक पटेल के आवास पर आयोजित की गई थी. हालांकि शिवसेना की अगुवाई वाली एमवीए सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री मुंडे (45) ने बलात्कार के आरोपों का खंडन किया और इसे ब्लैकमेल करने की कोशिश करार दिया.
पुलिस कर रही मामले की जांच
पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है ,महिला के आरोपों में कितनी सत्यता है उसके जाँच की प्रक्रिया चल रही है
मुंडे के इस्तीफे की मांग की है
बृहस्पतिवार को, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि मुंडे के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं और पार्टी इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और जल्द से जल्द इस पर फैसला करेगी. पवार ने संवाददाताओं को बताया कि मुंडे ने बुधवार को उनसे मुलाकात की और इस प्रकरण को लेकर अपना पक्ष रखा. हालांकि इस बीच, बीजेपी ने मुंडे के इस्तीफे की मांग की है.
एक लोकतांत्रिक देश की मर्यादा के लिहाज से दागदार चेहरे को राजनितिक पार्टी जिस तरीके से पनाह देती है वो कही न कही लोकतंत्र की आदर्शवादिता उसकी खूबसूरती के ऊपर एक कलंक है।
