भागवत कथा के तीसरे दिन भक्ति, श्रद्धा और समर्पण का दिया संदेश, जीव का कल्याण भगवान की भक्ति से ही संभव — जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य
पेंड्रा में बह रही है भगवत भक्ति की बयार, दूसरे जिलों से भी पहुंच रहे हैं श्रद्धालु
नक्सलवाद और आतंकवाद में शहीदों की आत्मा की शांति हेतु की जा रही कथा

पेंड्रा
भागवत कथा का तृतीय दिवस
परम पूज्य, पद्मविभूषण से अलंकृत जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्रीश्री 1008 रामभद्राचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में पेंड्रा हाई स्कूल मैदान में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन (27 अक्टूबर) श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत समागम देखने को मिला।
जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य जी ने कथा के दौरान कहा —
“जीव का कल्याण भगवान की भक्ति से ही संभव है। यदि जीव अपना कल्याण चाहता है तो उसे अपने को भगवान के चरणों में समर्पित कर देना चाहिए। सभी प्रकार की भक्ति में समर्पण को ही सर्वोच्च माना गया है।”

उन्होंने कहा कि भागवत के अनुसार भक्ति केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि ईश्वर के प्रति निस्वार्थ प्रेम, श्रद्धा और पूर्ण समर्पण है। भक्ति का अर्थ है अपनी मर्जी को भगवान की मर्जी में मिला देना।
जगतगुरु ने विस्तार से बताया कि भागवत में नौ प्रकार की भक्ति बताई गई है —
श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादसेवन, अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य और आत्मनिवेदन।
उन्होंने कहा कि इन सबमें समर्पण सर्वोच्च भक्ति है।
कथा में उन्होंने अर्जुन की गुरु भक्ति, द्रौपदी की भगवान के प्रति भक्ति, उत्तरा की समर्पण भावना के उदाहरण देते हुए कहा कि भक्ति का सार कर्म, प्रेम और विश्वास के संग में है।

पेंड्रा में भक्ति का महासंगम — कथा स्थल पर उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
पेंड्रा का वातावरण इन दिनों भगवत भक्ति से सराबोर है।
स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी की कथा और भजन से पूरा नगर आध्यात्मिक आस्था के रंग में रंगा हुआ है।
केवल गौरेला-पेंड्रा- मरवाही ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों से भी बड़ी संख्या में भगवत प्रेमी कथा श्रवण के लिए पहुंच रहे हैं।
कथा का आयोजन 25 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पेंड्रा के हाई स्कूल मैदान में किया जा रहा है।

जगतगुरु ने स्वयं कहा है कि —
“यह भागवत कथा नक्सलवाद और आतंकवाद में शहीद हुए लोगों की आत्मा की शांति के लिए समर्पित है।”
कथा स्थल पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं —
प्रकाश, पेयजल, सुरक्षा, पार्किंग और साउंड सिस्टम की उत्कृष्ट व्यवस्था के साथ पूरे परिसर को वंदनवार और लाइटिंग से सजाया गया है।
भीड़ को ध्यान में रखते हुए सड़क मार्गों पर पुलिस बल की विशेष ड्यूटी लगाई गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

जिले के अधिकारी भी पहुंचे कथा श्रवण के लिए
27 अक्टूबर की कथा में जिले के पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल भी उपस्थित रहे।
उन्होंने कथा श्रवण कर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी से आशीर्वाद प्राप्त किया और कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में शांति, एकता और सद्भाव का संदेश देते हैं।

कथा स्थल पर श्रद्धालु दूर-दूर से आकर सुबह से शाम तक कथा, भजन और प्रवचन का आनंद ले रहे हैं।
जगतगुरु का भक्तों से संवाद इतना सरल, स्नेहपूर्ण और हृदयस्पर्शी है कि प्रतिदिन कथा श्रवण करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।

